Wed, Jul 24, 2013 at 8:10 PM
सावन में सोने के स्थान पर नवविवाहिता करती है फूलों का श्रृंगार
अमृतसर (गजिंदर सिंह किंग/पंजाब स्क्रीन) सावन के महीने का यूं तो पूरी दुनिया को इंतजार रहता है, लेकिन भारत और खास तौर पर अमृतसर में रहने वाले नवविवाहित जोड़ों को इसका खासतौर पर इंतजार रहता है, दरअसल इस महीने के दौरान नवविवाहित जोड़े सोने के जेवरों के स्थान पर फूलों का श्रृंगार कर श्री दुर्ग्याणा तीर्थ स्थित श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में नतमस्तक होने के लिए विशेष तौर पर पहुंचते हैं। मंदिर के पुजारी के मुताबिक सावन महीना खुशहाली का महीना है और हर ओर हरियाली इसी तथ्य का ही प्रतीक है, भगवान राम ने सीता माता का और भगवान श्री कृष्ण ने राधा जी का इसी महीने में फूलों का श्रृंगार किया था, यही कारण है, कि मंदिर में भी भगवान की मूर्तियों का फूलों से श्रृंगार किया जाता है, वेद व्यास पुजारी के मुताबिक इस महीने के दौरान नवविवाहित जोड़े विशेष रूप से फूलों का श्रृंगार कर मंदिर में आते हैं और अपनी, अपने परिवार की खुशहाली के अलावा भगवान से पुत्र प्राप्ति की मांग करते हैं, ताकि उनका वंश आगे बढ़ सके और नवविवाहित जोड़ों में प्रेम बना रहे।
सदियों पुराना यह सिलसिला यहाँ इस सावन में भी दिखाई दे रहा है। इस बार भी नवविवाहित जोड़ों में सावन के महीने को लेकर काफी खुशी दिखाई दी, उनके साथ माथा टेकने के लिए पहुंचे उनके परिजनों का कहना है कि उन्होंने भी अपने वैवाहिक जीवन के पहले सावन में इसी तरह श्रृंगार कर माथा टेका था और इसके फलस्वरूप जो मांगा वह उन्हें मिला और उन्हें उम्मीद है कि उनकी बहू की भी मुराद पूरी होगी और उनका वंश आगे बढ़ेगा।
श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में फूलों का श्रृंगार कर श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में पहुंचे इन जोड़ों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था, सोने के जेवरों के स्थान पर फूलों का श्रृंगार कर पहुंची नवविवाहिताओं के चेहरे भी फूलों की ही तरह खिले हुए थे, इन नवविवाहित जोड़ों का कहना है, कि उनके मां-बाप की भी मुराद यहीं से पूरी हुई थी और उन्हें भी पूरा विश्वास है, कि उनकी मुराद भी पूरी होगी और भगवान उन्हें आशीर्वाद देंगे।
सावन में सोने के स्थान पर नवविवाहिता करती है फूलों का श्रृंगार
तस्वीरें:किंग/पंजाब स्क्रीन |
सदियों पुराना यह सिलसिला यहाँ इस सावन में भी दिखाई दे रहा है। इस बार भी नवविवाहित जोड़ों में सावन के महीने को लेकर काफी खुशी दिखाई दी, उनके साथ माथा टेकने के लिए पहुंचे उनके परिजनों का कहना है कि उन्होंने भी अपने वैवाहिक जीवन के पहले सावन में इसी तरह श्रृंगार कर माथा टेका था और इसके फलस्वरूप जो मांगा वह उन्हें मिला और उन्हें उम्मीद है कि उनकी बहू की भी मुराद पूरी होगी और उनका वंश आगे बढ़ेगा।
श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में फूलों का श्रृंगार कर श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में पहुंचे इन जोड़ों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था, सोने के जेवरों के स्थान पर फूलों का श्रृंगार कर पहुंची नवविवाहिताओं के चेहरे भी फूलों की ही तरह खिले हुए थे, इन नवविवाहित जोड़ों का कहना है, कि उनके मां-बाप की भी मुराद यहीं से पूरी हुई थी और उन्हें भी पूरा विश्वास है, कि उनकी मुराद भी पूरी होगी और भगवान उन्हें आशीर्वाद देंगे।
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