Wednesday, December 19, 2012

मामला दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की घटना का

19-दिसंबर-2012 19:53 IST
काले शीशे/पर्दे लगे बसों/वाहनों को तुरंत जब्त करने का निर्णय 
केंद्रीय गृहमंत्री का संसद में अतिरिक्त वक्तव्य 
केंद्रीय गृहमंत्री श्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा आज संसद में दक्षिणी दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की घटना पर जारी अतिरिक्त वक्तव्य का मूलपाठ निम्नानुसार हैः- 

यह वक्तव्य मेरी ओर से 18 दिसंबर 2012 को संसद के दोनों सदनों में दिए गये वक्तव्य के बाद है जिसमें मैंने कहा था कि मैं घटना के बारे में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों और गृह सचिव तथा गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा करूंगा।

छः अभियुक्तों में से चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है और शेष दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार छापे मार रही हैं। जांच की निकटतापूर्वक निगरानी के लिए पुलिस उपायुक्त के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल गठित किया गया है। बसंत विहार पुलिस थाने में भारतीय दंडविधान संहिता की धारा 365/376(2)(जी)/377/394/34 के अधीन 17 दिसंबर 2012 को प्राथमिकी संख्या 413 दर्ज की गयी है। जिसमें धारा 307 और 201 को भी जोड़ दिया गया है। इसके अलावा भारतीय पुलिस सेवा की एक महिला अधिकारी के साथ एक पुलिस दल को यह निर्देश दिया गया है कि वे नियमित रूप से अस्पताल जाकर पीड़िता के स्वास्थ्य की स्थिति का जायजा लेते रहें और पीड़िता के माता-पिता के साथ संपर्क कायम रखें।

मैंने चलती बसों में जघन्य अपराध होने के पहलू का मूल्यांकन किया है। पुलिस अधिकारियों और परिवहन आयुक्त के साथ स्थिति की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि काले शीशे और पर्दे लगी बसों/व्यावसायिक वाहनों को तुरंत जब्त कर लिया जायेगा।

सभी व्यावसायिक वाहनों/बसों को रात में दिल्ली में चलते समय लाइट जलाने की हिदायत दी जाएगी। बस की ड्यूटी समाप्त होने पर उन्हें चालक/स्टाफ के पास न होकर मालिक की निगरानी में खड़ा किया जाएगा। अनुबंध कैरेज की शर्तों या परमिट की किसी शर्त का उल्लंघन किये जाने पर बस जब्त कर ली जाएगी और परमिट रद्द कर दिया जाएगा। दिल्ली पुलिस सभी सार्वजनिक वाहनों के चालकों/स्टाफ का सत्यापन करेगी। बिना चालक/स्टाफ का सत्यापन कराने वाली बसों/ऑटो को जब्त कर लिया जाएगा। सभी सार्वजनिक वाहनों पर चालक का लाइसेंस और फोटो के साथ सभी विवरण को हेल्प लाइन के साथ प्रदर्शित करना आवश्यक होगा, जिसपर शिकायत दर्ज की जा सके।

यह भी निर्णय लिया गया कि दिल्ली पुलिस को और अधिक वाहन उपलब्ध कराकर पी सी आर बेड़े में बढोतरी की जाए तथा जी पी एस लगाए जाएं ताकि केंद्रीय नियंत्रण कक्ष उनकी गतिविधि का पता लगा सके।  (PIB)
 19-दिसंबर-2012 19:53 IST****
वि.कासोटिया/सुधीर/इन्‍द्रपाल/अखलद चित्रदेव-6228

1 comment:

DR. ANWER JAMAL said...

रविवार (15 दिसंबर 2012) को दिल्ली में गैंग रेप की शिकार हुई लड़की से पूरे देश को सहानुभूति है। 6 दरिंदों ने उसके साथ रेप करने के लिए उसके साथ मारपीट भी की। वह सफ़दरजंग अस्पताल में वेंटीलेटर पर है और अब तक 5 बार कोमा में जा चुकी है। उसकी 5 बार लाइफ़ सेविंग सर्जरी की जा चुकी है। संसद के दोनों में भी यह मुददा उठा और केन्द्रीय गृह मंत्री श्री सुशील कुमार शिंदे जी ने अपना बयान भी जारी किया कि बसों में सफ़र को महफ़ूज़ बनाने के लिए वह क्या क़दम उठाएंगे ?
जो क़दम वह उठाएंगे, उनकी सराहना की जानी चाहिए लेकिन इसके बाद भी राजधानी और देश भर में बलात्कार होते रहेंगे, यह भविष्यवाणी की जा सकती है और इसका आधार यह है कि विकसित पश्चिमी देशों में इस तरह के सुरक्षात्मक उपाय किए जाने के बावजूद वहां आज भी बलात्कार होते हैं। केवल सुरक्षा उपायों से या सख्त सज़ाओं से बलात्कार को रोकना संभव नहीं है। सामाजिक और क़ानूनी उपायों के साथ उन नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों में फिर से विश्वास जगाने की भी ज़रूरत है, जिन्हें कि आधुनिकता और विलासिता के लिए जानबूझ कर भुला दिया गया है। नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों में विश्वास जगाये बिना एक पवित्र और सदाचारी समाज बनाना संभव नहीं है।
अफ़सोस की बात है कि हमारे समाज में पवित्रता और सदाचार को लाने के लिए वैसे प्रयास नहीं किए जा रहे हैं जैसे कि नैतिकता और सदाचार को ध्वस्त करने के लिए किए जा रहे हैं। हमारी नई नस्ल धन और संपन्नता के लिए कुछ भी कर सकती है और कर रही है। आज नशा, जुआ, नंगापन और क्राइम भी आय के साधनों में शुमार किए जाते हैं। आज ग़रीब होना पाप और अमीर का हर पाप समाज का ट्रेंड बन गया है। ईश्वर, धर्म, ऋषि-पैग़ंबरों के आदेश-निर्देश लोगों को व्यर्थ लगने लगे हैं। इसी का दंड विभिन्न तरीक़ो से हम भोग रहे हैं, जिनमें कि एक बलात्कार भी है। इसके लिए केवल केन्द्र सरकार को कोसना ही काफ़ी नहीं है क्योंकि अलग अलग पार्टी की राज्य सरकारों में बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं।
बलात्कार को मुददा बनाकर अपनी राजनीतिक भड़ास निकालने के बजाय हमें ईमानदारी से लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के बारे में सोचना होगा।
आदमी आज भी वही है जोकि वह आदिम युग में था। समय के साथ साधन बदलते हैं लेकिन प्रकृति नहीं बदलती। बुरे लोगों की बुराई से बचने के लिए अच्छे लोगों को संगठित होकर अच्छे नियमों का पालन करना ही होगा। इसके सिवाय न पहले कोई उपाय था और न आज है।ईश्वर की एक निर्धारित व्यवस्था हैं, जिसका नाम सब जानते हैं। जब आदमी या औरत उससे बचकर किसी और मार्ग पर निकल जाए तो फिर वह जिस भी दलदल में धंस जाए तो उसके लिए वह ईश्वर को दोष न दे बल्कि ख़ुद को दे और कहे कि मैं ही पालनहार प्रभु के मार्गदर्शन को छोड़कर दूसरों के दर्शन और अपनी कामनाओं के पीछे चलता रहा/चलती रही।

अल्लाह तो लोगों पर तनिक भी अत्याचार नहीं करता, किन्तु लोग स्वयं ही अपने ऊपर अत्याचार करते है (44) जिस दिन वह उनको इकट्ठा करेगा तो ऐसा जान पड़ेगा जैसे वे दिन की एक घड़ी भर ठहरे थे। वे परस्पर एक-दूसरे को पहचानेंगे। वे लोग घाटे में पड़ गए, जिन्होंने अल्लाह से मिलने को झुठलाया और वे मार्ग न पा सके (45).
सूरा ए यूनुस आयत 44 व 45