Saturday, September 08, 2012

मौत की क्रूरता: पाबला जी के युवा बेटे को छीना


किस भगवान से मांगें दर्द सहने की शक्ति  
                      साभार चित्र 
ब्लॉग जगत को नए नए अंदाज़ देने, ब्लॉग लेखकों को एक नयी पहचान देने और उन्हें किसी न किसी भने नजदीक लाने में हर पल व्यस्त रहने वाले मित्र बी एस पाबला जी के साथ मौत ने एक क्रूर मजाक किया है। मौत ने उनके युवा बेटे को हमसे हमेशां के लिए छीन लिया है।  भाई रजनीश अली जाकिर जी की पोस्ट से इस दुखद खबर का पता चला। पाबला जी का नम्बर तीन चार बार निकाला पर उनके दुःख को बाँट सकने की हिम्मत मेरी भी नहीं हुई। कभी कभी शब्द भी कितने बेबस से हो जाते हैं। जो दुःख कभी भूल नहीं सकेगा उस दुःख को भूलने की बात कहना----जो असहनीय है उसे सहन  करने का उपदेश देना जीने के लिए---समाज के लिए लाख जरूरी सही पर---केवल खोखली औपचारिकता लगता है। मैंने अपना एकलौता बेटा खोया है---सो इस दर्द का अहसास भी कर सकता हूँ---पर बाँटने में कितना असमर्थ हो गया हूँ---क्योंकि जानता हूँ कि  यह दर्द अकेले ही सहना होगा----सारी उम्र हर पल यह दर्द बना रहेगा ! भगवान् होता तो यह ज़ुल्म नहीं करता----इस लिए किस भगवान् से कहूं की पुत्र नहीं रहा और इस दर्द को सहने की शक्ति एक पिता को दे---जाकिर जी की पोस्ट भी नीचे दी जा रही है ! --रेक्टर कथूरिया 
पाबला जी को पुत्र शोक// जाकिर अली रजनीश जी 
 बड़े दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि हरदिल अजीज़, ब्‍लॉग शिरोमणि बी.एस.पाबला जी के युवा पुत्र गुरप्रीत का आकस्मिक निधन आज दिनांक 08 सितम्‍बर, 2012 को प्रात: भिलाई में हो गया है। मुझे डॉ0 अरविंद मिश्र जी से यह समाचार मिला, जिसे सुनकर मैं हतप्रभ रह गया। क्‍योंकि लगभग एक साल पहले गुरप्रीत का एक बड़ा एक्‍सीडेंट भी हो गया था। उस दुर्घटना के बाद गुरप्रीत काफी स्‍वस्‍थ हो गया था। लेकिन आज प्रात: पता नहीं कैसे क्‍या हुआ कि भिलाई के नेहरू नगर इलाके में गुरूप्रीत के साथ एक ट्रेन दुर्घटना हो गयी, जिसमें उसका आकस्मिक निधन हो गया। यह खबर सुनकर ब्‍लॉग जगत में शोक की लहर दौड़ गयी है। मेरी इस सम्‍बंध में भिलाई निवासी ब्‍लॉग संजीव तिवारी और प्रो0 अली से भी बात हुई है। पर मैं इस शोकाकुल समय में पाबला जी से बात करने का साहस नहीं जुटा पा रहा हूं।

मैं अपनी पत्‍नी श्रीमति अर्शिया अली, हमारे साथी डॉ0 अरविंद मिश्र, श्री रवीन्‍द्र प्रभात एवं लखनऊ के समस्‍त ब्‍लॉगरों की ओर से गुरप्रीत की आत्‍मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और ईश्‍वर से विनती करता हूं कि वह पाबला जी और उनके परिवार को इस असह्य दु:ख को सहने की शक्ति प्रदान करे।


आमीन, सुम्‍मा आमीन। 


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