120 किलोमीटर रफ्तार वाली यह कार पूरी तरह से पर्यावरण अनुकूल
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय-डीटीयू द्वारा निर्मित यात्री सौर कार को राष्ट्रपति भवन से हरी झंडी दिखाई।
यात्री सौर कार की रचना और निर्माण डीटीयू के एक दल ने किया हैं। इस दल में डीटीयू में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के श्री धीरज मिश्रा के नेतृत्व में अलग-अलग शाखाओं के इंजीनियरिंग छात्र शामिल हैं। 120 किलोमीटर रफ्तार वाली यह कार पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है, जो कार्बन का उत्सर्जन नहीं करती है। इसमें दो लोगों के बैठने की व्यवस्था है लेकिन इसमें तीन सीटें और जोड़ी जा सकती है। वज़न कम रखने के लिए कार की बॉर्डी विशेष फाइबर से बनाई गई है। कार के ऊपरी हिस्से पर मोनो क्रिस्टलाइन सोलर सिलिकन सेल लगाये गए हैं ताकि यह अधिक से अधिक सौर ऊर्जा का संग्रहण कर सके।
इस मौके पर डीटीयू के उप-कुलपति प्रोफेसर पी. बी. शर्मा ने बताया कि भारत में ऑटोमोबाइल का भविष्य सौर ऊर्जा और हाईब्रिड कारों में निहित है। उन्होंने कहा कि डीटीयू भारत को सौर ऊर्जा वाहन और सौर ऊर्जा उत्पादन व्यवस्था के प्रति समर्पित है। सौर यात्री कार के क्षेत्र में डीटीयू ने पहला कदम वर्ष 2011 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित विश्व सौर चुनौती कार्यक्रम में भारत की पहली सौर कार के साथ शामिल होकर रखा था। (पीआईबी) 04-सितम्बर-2012 18:56 IST
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय-डीटीयू द्वारा निर्मित यात्री सौर कार को राष्ट्रपति भवन से हरी झंडी दिखाई।
यात्री सौर कार की रचना और निर्माण डीटीयू के एक दल ने किया हैं। इस दल में डीटीयू में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के श्री धीरज मिश्रा के नेतृत्व में अलग-अलग शाखाओं के इंजीनियरिंग छात्र शामिल हैं। 120 किलोमीटर रफ्तार वाली यह कार पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है, जो कार्बन का उत्सर्जन नहीं करती है। इसमें दो लोगों के बैठने की व्यवस्था है लेकिन इसमें तीन सीटें और जोड़ी जा सकती है। वज़न कम रखने के लिए कार की बॉर्डी विशेष फाइबर से बनाई गई है। कार के ऊपरी हिस्से पर मोनो क्रिस्टलाइन सोलर सिलिकन सेल लगाये गए हैं ताकि यह अधिक से अधिक सौर ऊर्जा का संग्रहण कर सके।
इस मौके पर डीटीयू के उप-कुलपति प्रोफेसर पी. बी. शर्मा ने बताया कि भारत में ऑटोमोबाइल का भविष्य सौर ऊर्जा और हाईब्रिड कारों में निहित है। उन्होंने कहा कि डीटीयू भारत को सौर ऊर्जा वाहन और सौर ऊर्जा उत्पादन व्यवस्था के प्रति समर्पित है। सौर यात्री कार के क्षेत्र में डीटीयू ने पहला कदम वर्ष 2011 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित विश्व सौर चुनौती कार्यक्रम में भारत की पहली सौर कार के साथ शामिल होकर रखा था। (पीआईबी) 04-सितम्बर-2012 18:56 IST
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