लुधियाना पुलिस ने पकड़ी नशे की एक और बहुत बड़ी खेप
छह क्विंटल से अधिक भुक्की पोस्त का चूरा बरामद
हर पल पंजाब को खोखला कर रहे नशे के खिलाफ पंजाब पुलिस ने दिन रात एक कर
रखा है. आज कल तेज़ी से फ़ैल रहे नशे भुक्की पोस्त चूरे की छह क्विंटल से
अधिक मात्र एक साथ बरामद करके पुलिस ने एक बड़ी उपलब्धी अपने नाम कर ली है.
जिस तर्क को आप देख रहे हैं यह टाटा-४०७ है और इस पर लदी हैं भुक्की पोस्त से भरी १६ बोरियां.. इन सब का वजन बनता है छह क्विंटल चालीस किलोग्राम नशे का सेवन करने वालों में यह नशा कार्ड के नाम से भी जाना जाता है. क्यूंकि इसका सेवन करने वाले किसी चमच के न मिलने से इसे अपनी जेब या मेज़ पर पड़े किसी भी विजटिंग कार्ड पर रख कर पानी से हलक में उतार लेते हैं और फिर बन जाते हैं कुछ देर के लिए शेर. न कोई थकावट. न कोई चिंता और मजे ही मजे.
शराब और अफीम के मुकाबले में बहुत ही सस्ता होने के कारण इस न चाहने वाले लोग भी पसंद करते हैं. इसकी कोई बदबू नहीं होती इसलिए इसे कभी भी अर्थात दिन के समय भी लिया जा सकता है. अन्य नशीली चीज़ों के मुकाबले सस्ता होने के साथ साथ यह आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है लेकिन कानून इस के मामले में भी सख्त है. इसे पकड़े जाने की पूरी कहानी सुनाई गई एक पत्रकार सम्मेलन में जहां ऐ डी सी पी-३ जोगिन्दर सिंह ने सारा मामला पूरे विस्तार से पत्रकारों को बताया.
इस पत्रकार सम्मेलन में ऐ सी पी (वैस्ट) गुरप्रीत पुरेवाल भी थी और अन्य पुलिस अधिकारी भी. खचा खच भरे पत्रकार सम्मेलन में आदी सी पी ने इसे पकड़ने कजी बात पूरे विवरण के साथ सुनाई. अब देखना है कि पुलिस की इस उपलब्धी के बाद सरकार और प्रशासन इन कारोबारों के पीछे छिपे लोगों को बाहर लेन के लिए क्या करते हैं जो लोग इतनी बड़ी मात्र में इतनी दूरी तक इस तरह का नशा खुले आम लेजाने या मंगवाने का दुस्साहस दिखाते हैं. रेक्टर कथूरिया .
जिस तर्क को आप देख रहे हैं यह टाटा-४०७ है और इस पर लदी हैं भुक्की पोस्त से भरी १६ बोरियां.. इन सब का वजन बनता है छह क्विंटल चालीस किलोग्राम नशे का सेवन करने वालों में यह नशा कार्ड के नाम से भी जाना जाता है. क्यूंकि इसका सेवन करने वाले किसी चमच के न मिलने से इसे अपनी जेब या मेज़ पर पड़े किसी भी विजटिंग कार्ड पर रख कर पानी से हलक में उतार लेते हैं और फिर बन जाते हैं कुछ देर के लिए शेर. न कोई थकावट. न कोई चिंता और मजे ही मजे.
शराब और अफीम के मुकाबले में बहुत ही सस्ता होने के कारण इस न चाहने वाले लोग भी पसंद करते हैं. इसकी कोई बदबू नहीं होती इसलिए इसे कभी भी अर्थात दिन के समय भी लिया जा सकता है. अन्य नशीली चीज़ों के मुकाबले सस्ता होने के साथ साथ यह आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है लेकिन कानून इस के मामले में भी सख्त है. इसे पकड़े जाने की पूरी कहानी सुनाई गई एक पत्रकार सम्मेलन में जहां ऐ डी सी पी-३ जोगिन्दर सिंह ने सारा मामला पूरे विस्तार से पत्रकारों को बताया.
इस पत्रकार सम्मेलन में ऐ सी पी (वैस्ट) गुरप्रीत पुरेवाल भी थी और अन्य पुलिस अधिकारी भी. खचा खच भरे पत्रकार सम्मेलन में आदी सी पी ने इसे पकड़ने कजी बात पूरे विवरण के साथ सुनाई. अब देखना है कि पुलिस की इस उपलब्धी के बाद सरकार और प्रशासन इन कारोबारों के पीछे छिपे लोगों को बाहर लेन के लिए क्या करते हैं जो लोग इतनी बड़ी मात्र में इतनी दूरी तक इस तरह का नशा खुले आम लेजाने या मंगवाने का दुस्साहस दिखाते हैं. रेक्टर कथूरिया .
No comments:
Post a Comment