इस बार की गई एक माँ बेटी की बड़ी बेरहमी से हत्या
लुधियाना में फिर हुआ डबल मर्डर,इस बार एक माँ बेटी की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गयी, हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि ये लड़की के सास ससुर ही थे जो बेटे को ब्याहते समय किसी परायी बेटी को अपनी बेटी बना कर अपने घर लेट हैं. ,हत्या के बाद से हत्यारे फरार है जिनकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है
लुधियाना में फिर हुआ डबल मर्डर,इस बार एक माँ बेटी की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गयी, हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि ये लड़की के सास ससुर ही थे जो बेटे को ब्याहते समय किसी परायी बेटी को अपनी बेटी बना कर अपने घर लेट हैं. ,हत्या के बाद से हत्यारे फरार है जिनकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है
हत्या
की आरम्भिक सूचना मिलते ही पुलिस जांच में जुट गई और साथ ही शुरू की
हत्यारों की तलाश भी. बेरोजगारी के कारण घर की संकटपूर्ण स्थिति ला अंजाम
आखिर इस हत्या में निकला. माँ
बेटी की बड़ी बेरहमी से की गई हत्या ने फिर साबित कर दिया है कि बाप बड़ा न
भैया सबसे बड़ा रुपया और अगर रुपया पास न हो तो घर के लोग ही बन सकते हैं
हत्यारे. रिश्ते नाते प्यार वफा सब बातें हैं बातों का क्या. गौरतलब है कि
इस हत्या के मामले में भी हत्या करने वाला कोई और नहीं
बल्कि लड़की के सास ससुर ही थे जिन्हें हमारे समाज में कानून में एक तरह से
मां बाप ही समझा जाता है.हत्या के बाद से कातिल फरार बताये जा
रहे है,मिली जानकारी के मुताबिक सीमा नाम की लड़की का उसी के मोहल्ले में
रहने वाले लड़के के साथ एक साल पहले विवाह हुआ था,सीमा का पति कोई काम नहीं
करता था जिसके चलते उसके घर में अक्सर कलेश रहता था,सीमा 6 महीने की गरबवती
थी,सीमा ने अपने पति का घर छोड़ दिया और अपने माईके आकर रहने लगी,23 साल
की सीमा सीमा आज अपने बीमार पति को देखने के लिए अपनी माँ उषा के साथ अपने
ससुराल गयी थी घर पर उसका पति नहीं था सिर्फ उसके सास ससुर थे जिन्होंने
अपनी बहु सीमा और उषा का दात्री मार का कत्ल कर दिया
वहीँ घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँच गयी और कार्यवाई शुरू कर दी पुलिस के मुताबिक हत्या के बाद से कातिल फरार है जिनकी तलाश में छापेमारी की जा रही है
लुधियाना की राहों रोड स्थित बाजड़ा कालोनी इलाके में मंगलवार की रात को हुई इन जघन्य हत्यायों ने जिंदगी और समाज के ढंग स्टाईल पर कई तरह के सवाल भी खड़े किये हैं. एक व्यक्ति ससुर पिता होकर भी अपनी गर्भवती बहू व उसकी मां को गली में दौड़ा-दौड़ा कर तेजधार दातर से सरेआम काट डालता है तो सोचना पड़ेगा कि हमारे समाज के आधार किस शांति पर रखे गए हैं। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी ससुर पिता खुद ही थाना बस्ती जोधेवाल में जाता है और पुलिस के सामने सरेंडर कर देता है. अर्थात उसे न फांसी कि सज़ा का कोई डर लगा न ही उम्र कैद की सज़ा से। उसकी उम्र बताती है कि वह हर बात सोच समझ सकता था. इस सब के बाद भी वह इस बेरहमी पर उतरा तोइसके कारणों का पता लगाना आवश्यक है. सवाल किसी एक जिंदगी या परिवार का नहीं बल्कि बहुत से उन परिवारों का है जो आर्थिक तंगी के कारण हर रोज़ इसी तरह कि कला से गुजरते हैं. अगर इस तरह के मामलों का मनो वैज्ञानिक फ्लू नजर अंदाज़ किया गया तो समाज में इस तरह के दोहरावों की आशंका बनी रहेगी. थाना बस्ती जोधेवाल पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया। एसएचओ बलविंदर सिंह के मुताबिक पारिवारिक विवाद के कारण ही आरोपी ने इस घटना को अंजाम दिया। उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। गौरतलब है कि राहों रोड स्थित एकता कालोनी निवासी सीमा (24) की शादी को अभी सिर्फ ग्यारह महीने ही तो हुए थे. यह शादी इसी इलाके अर्थात बाजड़ा कालोनी निवासी सोनू के साथ ही हुई थी। ज़ाहिर है दोनों परिवारों में घर लगाव तह होगा पर तीन-चार महीने बाद ही जब जिंदगी कि ठोस हकीकत और आर्थिक तंगी सामने आई तो दोनों परिवारों का एक दुसरे से का मोहभंग हो गया.रिपोर्ट के मुताबिक सीमा व उसके ससुरालियों का आपस में झगड़ा होना शुरू हो गया था। हालांकि इसी बीच सीमा गर्भवती भी हो गई थी लेकिन घर में नए मेहमान के आगमन की खबर भी कोई ख़ुशी नहीं ला सकी। करीब तीन महीने पहले सीमा ससुराल छोड़ कर मायके चली गई थी पति या ससुर परिवार पर दबाव का यह सिलसिला काफी पुराना है। आम तौर पर मायके के कुछ लोग हालात को बदलने या संघर्ष की बजाये इस तरह के रास्ते को उत्साहित करना उचित समझते हैं जो कि सर्वथा गलत होता है. यहाँ भी शायद यही हुआ. .उसके बाद सोनू के पिता सुभाष ने सोनू को भी घर से बेदखल कर दिया। पिछले दस दिन से सोनू घर नहीं आ रहा था। मंगलवार की देर शाम सीमा और उसकी मां ऊषा सोनू का पता लेने के लिए ससुराल आ गई, जहां सुभाष के साथ उनका झगड़ा हो गया। झगड़ा इतना बढ़ गया कि सुभाष ने तेजधार दातर से मां-बेटी पर हमला कर दिया। जान बचाने के लिए दोनों महिलाएं गली में भागीं, लेकिन सुभाष ने दोनों महिलाओं की गली में दौड़ा-दौड़ा कर सरेआम हत्या कर दी। अपनी जान से हाथ धो बैठी मां वेति और उस अजन्मे बच्चे की अंतर आत्मा के लिए यह बात शायद बहत ही शांती कि होगी अगर इन हत्यायों के पीछे छिपे कारणों को दूर करने कि फल शुरू हो सके.
लुधियाना की राहों रोड स्थित बाजड़ा कालोनी इलाके में मंगलवार की रात को हुई इन जघन्य हत्यायों ने जिंदगी और समाज के ढंग स्टाईल पर कई तरह के सवाल भी खड़े किये हैं. एक व्यक्ति ससुर पिता होकर भी अपनी गर्भवती बहू व उसकी मां को गली में दौड़ा-दौड़ा कर तेजधार दातर से सरेआम काट डालता है तो सोचना पड़ेगा कि हमारे समाज के आधार किस शांति पर रखे गए हैं। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी ससुर पिता खुद ही थाना बस्ती जोधेवाल में जाता है और पुलिस के सामने सरेंडर कर देता है. अर्थात उसे न फांसी कि सज़ा का कोई डर लगा न ही उम्र कैद की सज़ा से। उसकी उम्र बताती है कि वह हर बात सोच समझ सकता था. इस सब के बाद भी वह इस बेरहमी पर उतरा तोइसके कारणों का पता लगाना आवश्यक है. सवाल किसी एक जिंदगी या परिवार का नहीं बल्कि बहुत से उन परिवारों का है जो आर्थिक तंगी के कारण हर रोज़ इसी तरह कि कला से गुजरते हैं. अगर इस तरह के मामलों का मनो वैज्ञानिक फ्लू नजर अंदाज़ किया गया तो समाज में इस तरह के दोहरावों की आशंका बनी रहेगी. थाना बस्ती जोधेवाल पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया। एसएचओ बलविंदर सिंह के मुताबिक पारिवारिक विवाद के कारण ही आरोपी ने इस घटना को अंजाम दिया। उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। गौरतलब है कि राहों रोड स्थित एकता कालोनी निवासी सीमा (24) की शादी को अभी सिर्फ ग्यारह महीने ही तो हुए थे. यह शादी इसी इलाके अर्थात बाजड़ा कालोनी निवासी सोनू के साथ ही हुई थी। ज़ाहिर है दोनों परिवारों में घर लगाव तह होगा पर तीन-चार महीने बाद ही जब जिंदगी कि ठोस हकीकत और आर्थिक तंगी सामने आई तो दोनों परिवारों का एक दुसरे से का मोहभंग हो गया.रिपोर्ट के मुताबिक सीमा व उसके ससुरालियों का आपस में झगड़ा होना शुरू हो गया था। हालांकि इसी बीच सीमा गर्भवती भी हो गई थी लेकिन घर में नए मेहमान के आगमन की खबर भी कोई ख़ुशी नहीं ला सकी। करीब तीन महीने पहले सीमा ससुराल छोड़ कर मायके चली गई थी पति या ससुर परिवार पर दबाव का यह सिलसिला काफी पुराना है। आम तौर पर मायके के कुछ लोग हालात को बदलने या संघर्ष की बजाये इस तरह के रास्ते को उत्साहित करना उचित समझते हैं जो कि सर्वथा गलत होता है. यहाँ भी शायद यही हुआ. .उसके बाद सोनू के पिता सुभाष ने सोनू को भी घर से बेदखल कर दिया। पिछले दस दिन से सोनू घर नहीं आ रहा था। मंगलवार की देर शाम सीमा और उसकी मां ऊषा सोनू का पता लेने के लिए ससुराल आ गई, जहां सुभाष के साथ उनका झगड़ा हो गया। झगड़ा इतना बढ़ गया कि सुभाष ने तेजधार दातर से मां-बेटी पर हमला कर दिया। जान बचाने के लिए दोनों महिलाएं गली में भागीं, लेकिन सुभाष ने दोनों महिलाओं की गली में दौड़ा-दौड़ा कर सरेआम हत्या कर दी। अपनी जान से हाथ धो बैठी मां वेति और उस अजन्मे बच्चे की अंतर आत्मा के लिए यह बात शायद बहत ही शांती कि होगी अगर इन हत्यायों के पीछे छिपे कारणों को दूर करने कि फल शुरू हो सके.
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