Tuesday, May 01, 2012

हम सारी दुनिया मांगेंगे

मजदूरों को उनके निशाने की याद दिलाता एक गीत 
मई दिवस को मनाने की तैयारियां इस बार भी पूरे जोशो खरोश के साथ की गयी हैं.मीडिया में इस बार भी मई दिवस की चर्चा प्रमुखता से हुयी है. इस बार भी नए पुराने कई मुद्दे उठे हैं.पर आज के दिन भी ढाबों में छोटी छोटी उम्र के बच्चे काम करते नजर आये. रिक्शा वाले आज भी पसीना बहते दिखे. और तो और जग्रुक्लता लेन वाले बहुत से पत्रकार भी रोज़ की तरह उब लोगों के लिए खबरें बनाते नजर आये जिन्हें न समाज से कोई सरिकर है और न ही मई दिवस या मजदूरी से.  इस लिए आज के दिन पर फिल्म मजदूर का यह गीत एक बार फिर बहुत कुछ कहता महसूस हो रहा है. लीजिये आप भी सुनिए.आपको यह गीत कैसा लगा और आप आज के दिन पर मजदूरों की हालत पर क्या क्या 
सोचते हैं ? इस सब पर सारे हालात को देखते भी रहे औरलिखते भी रहे. हम मई दिवस के बाद भी इस तरह की सामग्री को प्रकाशित करते रहेंगे आपके नाम के साथ. अगर आप कहेंगे तो आपका नाम  छुपाया भी जा सकता है.-रेक्टर कथूरिया  

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