सच्चर समिति की सिफारिशों के कार्यान्वयन की स्थिति
पृष्ठभूमि
केन्द्र सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से संबंधित सच्चर समिति (मुस्लिम समुदाय के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक विकास पर प्रधानमंत्री की उच्च स्तरीय समिति) की सिफारिशों पर निर्णय लिए है। सच्चर समिति के सिफारिशों के आलोक में केन्द्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन की स्थिति इस प्रकार है।
1. वित्तीय सेवाएं विभाग
क. सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अल्पसंख्यक बहुल जि़लों में अधिक से अधिक शाखाएं खोलने के निर्देश दिये गए हैं। वर्ष 2007-08 में ऐसे जि़लों में 523 शाखाएं खोली गईं, जबकि 2008-09 में 537 नई शाखाएं खोली गईं । वर्ष 2009-10 में 743 नई शाखाएं एवं 2010-11 में 814 नई शाखाएं खोली गईं। 2011-12 की अवधि में 31 दिसम्बर, 2011 तक 619 बैंक शाखाएं खोली गई हैं। इस प्रकार वर्ष 2007-08 से कुल 3,236 शाखाएं खोली गईं।
ख. भारतीय रिजर्व बैंक -आरबीआई ने अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण उपलब्धता में और सुधार के लिए प्राथमिक क्षेत्र उधार (पीएसएल) पर 1 जुलाई, 2011 को अपने मुख्य परिपत्र को संशोधित किया । 31 दिसम्बर, 2011 तक अल्पसंख्यक समुदायों को 1,54,789.90 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है, जो कुल पीएसएल का 14.83 प्रतिशत है।
ग. महिलाओं में सूक्ष्म वित्तीयन को बढ़ावा देने के लिए अल्पसंख्यक महिलाओं के 6,03,087 खाते खोले गए हैं तथा वर्ष 2011-12 के सितम्बर, 2011 तक 6611.87 करोड़ रुपये का सूक्ष्म ऋण दिया गया है।
घ. सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों द्वारा अल्पसंख्यक बहुल प्रखंडों/जि़लों/शहरों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। वर्ष 2011-12 में सितम्बर, 2011 तक 1658 जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
ङ. सितम्बर 2011 तक प्रमुख बैंकों द्वारा अल्पसंख्यक बहुल प्रखंडों/जि़लों/शहरों में प्रमुख बैंकों द्वारा 618 उद्यमिता विकास कार्यक्रम आयोजित किये गए।
2. मानव संसाधन विकास मंत्रालय
सच्चर समिति द्वारा ध्यान में लाए गए मुस्लिम समुदाय के शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए एक बहुस्तरीय रणनीति तैयार की गई है, जो निम्नलिखित है: -
क. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) योजना के तहत शैक्षिक रूप से पिछड़े प्रखंडों के मानदंड में 1 अप्रैल, 2008 से बदलाव किया गया है, जिसके तहत 30 प्रतिशत से कम ग्रामीण महिला साक्षरता वाले प्रखंडों एवं राष्ट्रीय औसत महिला साक्षरता से कम साक्षरता वाले शहरी क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इस योजना के तहत अब तक अल्पसंख्यक बहुल जि़लों में 450 केजीबीवी चलाए जा रहे हैं। 2011-12 में लक्षित 107 केजीबीवी की तुलना में दिसम्बर, 2011 तक अल्पसंख्यक बहुल जि़लों में 70 केजीबीवी चलाए गए हैं।
ख. माध्यमिक स्तर पर गुणात्मक शिक्षा सभी के लिए उपलब्ध कराने हेतु राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की स्वीकृति दी गई है। इस योजना के तहत अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों के खोले जाने की प्राथमिकता है। राज्य सरकारों को यह सलाह दी गई है कि वे इस योजना के तहत प्राप्त स्वीकृतियों को मंजूरी देने के दौरान अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में नये उन्नयन स्कूलों की स्थापना को प्राथमिकता दें। वर्ष 2011-12 के अक्तूबर, 2011 तक 158 नये माध्यमिक स्कूलों की स्वीकृति दी गई है।
ग. देश के 374 शैक्षिक पिछड़ेपन वाले जि़लों (ईबीडी) में एक मॉडल महाविद्यालय स्थापित किया जाएगा। कुल 374 ईबीडी में 67 चिन्हित अल्पसंख्यक बहुल जि़ले हैं। 2011-12 के दौरान अल्पसंख्यक बहुल जिलों में 5 मॉडल महाविद्यालय स्वीकृत किए गए हैं। जिसके लिए 30 सितम्बर, 2011 तक 2.67 करोड़ रुपये की राशि निर्गत की गई है।
घ. पॉलिटेक्निक के उप-मिशन के तहत पॉलिटेक्निक रहित तथा न्यून पॉलिटेक्निक वाले जिलों में पॉलिटेक्निकों की स्थापना के लिए राज्यों /संघ शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता दी जाती है। इस योजना के तहत 90 अल्पसंख्यक बहुल जिलों में से 57 जिले विचार के लिए पात्र पाये गए हैं। अब तक 46 अल्पसंख्यक बहुल जिलों का चयन पॉलिटेक्निकों की स्थापना के लिए किया गया है तथा 30 सितम्बर, 2011 तक 222.66 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
ङ. विशेषकर मुस्लिम बहुल अल्पसंख्यक क्षेत्रों में विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में महिला छात्रावास के प्रावधान पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा प्राथमिकता दी जाती है। यूजीसी ने 284 महिला छात्रावासों की स्वीकृति दी है और अल्पसंख्यक बहुल जिलों /क्षेत्रों के 11वीं योजना के तहत 30 सितम्बर, 2011 तक 201.55 करोड़ रुपये की राशि निर्गत की गई है।
च. सघन क्षेत्र एवं मदरसा आधुनिकीकरण योजना को संशोधित कर दो योजनाओं में विभाजित किया गया है। 11वीं पंचवर्षीय योजना में 325 करोड़ रुपये की लागत से मदरसों में गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध कराए जाने संबंधी योजना (एसपीक्यूईएम) की शुरूआत की गई है। इसके तहत शिक्षकों के बेहतर वेतन, किताबों, शैक्षणिक सहायता एवं कम्प्यूटर के लिए सहायता राशि में वृद्धि के साथ-साथ व्यावसायिक विषयों को लागू करने का भी प्रावधान है।
छ. बजट प्रावधानों के 150 करोड़ रुपये की तुलना में 31 दिसम्बर, 2011 तक 92.77 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं। गैर सहायता प्राप्त तथा निजी क्षेत्रों द्वारा सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक संस्थानों के संरचनात्मक विकास के लिए 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 125 करोड़ रुपये की लागत वाली एक अन्य योजना की शुरूआत की गयी। इसके अंतर्गत 2011-12 में 50 करोड़ रुपये की बजटीय आवंटन तुलना में 31 दिसम्बर, 2011 तक 21.88 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं।
ज. उच्चस्तरीय शिक्षा तक पहुंच के लिए राज्य मदरसा बोर्डों द्वारा जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्रों और योग्यताओं को संबंधित राज्य शिक्षा बोर्डों, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड़ सीबीएसई तथा भारतीय स्कूल शिक्षा बोर्ड परिषद सीओबीएसई द्वारा जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्रों के समकक्ष मान्यता की स्वीकृति दी गई।
झ. उर्दू माध्यम के शिक्षकों में व्यवसायिक विकास के लिए तीन केन्द्रीय विश्वविद्यालयों, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और हैदराबाद के मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय में अकादमी की स्थापना की गई है। वर्ष 2011-12 के दौरान 4718 उर्दू शिक्षकों को अंशकालिक पाठ़यक्रमों और कार्यशालाओं के तहत प्रशिक्षित किया गया।
ञ. संशोधित योजना के अंतर्गत जिन क्षेत्रों में 25 प्रतिशत से अधिक की आबादी उर्दू बोलने वाले समुदाय भी है। वहां के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। आर्थिक सहायता राज्य सरकारों द्वारा स्कूलों में नियुक्त किये जाने वाले उर्दू शिक्षकों के वर्तमान वेतन ढांचे पर आधारित होगी। अंशकालिक उर्दू शिक्षकों के लिए भी मानदेय का प्रावधान है।
ट. राज्यों एवं संघशासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि जहां व्यापक मुसलिम आबादी है वहां समुदाय आधारित अभियान चलाए जाएं। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार जहां वयस्क महिला साक्षरता 50 प्रतिशत से कम है, ऐसे 410 जि़लों में से 372 जिलों में साक्षर भारत योजना क्रियान्वित की जा चुकी है। 88 मुस्लिम बहुल जि़लों में से 61 जि़लों में साक्षर भारत योजना लागू की गई है।
ठ. संशोधित योजनाओं में जन शिक्षण संस्थानों, जेएसएस को शामिल किया गया है। वर्तमान में देश के 88 मुस्लिम बहुल जिलों में से 33 जिलों में जेएसएस व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है।
ड. 2008-09 से मध्यान्ह भोजन योजना को देश के सभी भागों में लागू कर दिया गया है। इसके अन्तर्गत उच्च प्राथमिक विद्यालयों को भी लाया गया है। मुस्लिम बहुल प्रखंडों को भी इस योजना का लाभ मिल रहा है।
ढ. सभी राज्य सरकारों और संघशासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे मौजूदा स्कूल भवनों और सामुदायिक भवनों का इस्तेमाल स्कूली बच्चों के शिक्षा केन्द्रों के तौर पर करें।
ण. राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, एनसीईआरटी ने सभी कक्षाओं के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा 2005 (एनसीएफ) के आलोक में पाठ्यपुस्तकें तैयार की हैं। एनसीएफ 2005 के अनुसार 14 राज्यों ने अपने पाठ़यक्रम को संशोधित कर लिया है जबकि 9 राज्य इसे अपनाने की प्रक्रिया में हैं। 10 राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश या तो पड़ोसी राज्यों की पाठ्यपुस्तकों का इस्तेमाल कर रहे अथवा एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों का ।
त. अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए 35 विश्वविद्यालयों द्वारा सामाजिक परित्यक्तता तथा सम्मिलित नीति से संबंधित केन्द्र चलाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त वर्ष 2009-10 में 51 विश्वविद्यालयों में समान अवसर आयोग ईओसी के 1280 केन्द्र स्थापित किये गए तथा 1345 और 1367 ऐसे केन्द्रों की स्थापना का प्रस्ताव क्रमश: 2010-11 और 2011-12 में रखा गया।
3. अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय
क. समान अवसर आयोग (ईओसी) की संरचना और उसकी कार्य प्रणाली के अध्ययन और सिफारिशों के लिए गठित विशेषज्ञ समूह ने अपना प्रतिवेदन 13 मार्च, 2008 को सौंपदिया। विविधता सूची की परिकल्पना को ईओसी में शामिल करलिया गया है। ईओसी का प्रारूप विधेयक संबंधित विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से बातचीत की प्रक्रिया में है।
ख. संशोधित वक्फ विधेयक लोकसभा द्वारा पास कर दिया गया है और विचार के लिए राज्यसभा की चयन समिति को 31 अगस्त, 2010 में भेज दिया गया। चयन समिति ने 12 दिसम्बर, 2011 को अपनी 22वीं बैठक आयोजित की। राज्यसभा की चयन समिति की रिपोर्ट और उसके सामने प्रस्तुत किये गए साक्ष्यों को राज्यसभा में 16 दिसम्बर, 2011 को पटल पर रखा गया।
ग. सरकार ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम एनएमडीएफसी में पुनर्गठन को सैद्धांतिक तौर पर स्वीकृति दे दी है। एनएमडीएफसी में इस पुनर्गठन के तौर तरीकों के लिए एक परामर्श संस्था नियुक्त की गई है। संस्था ने अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंप दी है, जिसकी जांच मंत्रालय द्वारा की गई है। परामर्श निगरानी समिति की रिपोर्ट और उसके सुझाव विचाराधीन है।
घ. घनी अल्पसंख्यक आबादी वाले चिह्नित 338 कस्बों के विकास के लिए कार्य योजना और उपयुक्त कार्यनीति तैयार करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी कार्यबल का गठन किया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट 8 नवम्बर, 2007 को सौंप दी। संबद्ध मंत्रालयों/ विभागों से आग्रह किया गया है कि वे इन 338 शहरों मे्ं इन योजनाओं को कार्यान्वित करने में प्राथमिकता दें।ङ. अल्पसंख्यक समुदायों के लिए तीन छात्रवृत्ति योजनाओं यथा कक्षा प्रथम से दसवीं तक के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति, कक्षा 11 से पीएचडी स्तर तक के छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति और स्नातक पूर्व तथा स्नातकोत्तर स्तर के तकनीकी और व्यावसायिक स्तर के छात्रों के लिए योग्यता एवं साधन छात्रवृत्ति शुरू की गई हैं। इन योजनाओं के अधीन वर्ष 2011-12 में 31 दिसंबर, 2011 तक अल्पसंख्यक समुदायों के 33.90 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए 649.21 करोड़ रूपये मंजूर किए गए हैं। इसके अलावा एम-फिल और पीएचडी विद्वानों के लिए मौलाना आजाद राष्ट्रीय फैलोशिप योजना नामक एक फैलोशिप योजना पर भी अमल किया जा रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा 756 फैलोशिप और 3778 नवीनीकरण स्वीकृत किए गए हैं और उनके लिए 31 दिसंबर, 2011 तक के लिए 51.98 करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता जारी की गई है।
च. मौलाना आजाद शिक्षा फाउंडेशन (एमएईएफ) की राशि, जो 100 करोड़ रूपये थी, उसे दिसंबर, 2006 में दोगुना करके 200 करोड़ रूपये कर दिया गया था। इस राशि को 11वीं योजना अवधि के दौरान बढ़ाकर 700 करोड़ रूपये कर दिया गया। एमएईएफ की इस योजना के अधीन 2007-08 से 419 गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को शिक्षा संस्थानों के संरचना विकास के लिए सहायता अनुदान और 11वीं तथा 12वीं कक्षाओं की योग्य छात्राओं को 48471 छात्रवृत्तियां दी गईं।
छ. वर्ष 2006-07 में एक संशोधित कोचिंग एवं संबद्ध योजना शुरू की गई। वर्ष 2011-12 में 6000 छात्रों का लक्ष्य रखा गया था जबकि अल्पसंख्यक समुदायों के 90 छात्रों को वित्तीय सहायता दी गई है। 16 करोड़ रूपये के बजट प्रावधान में से 4 करोड़ रूपये 31 दिसंबर, 2011 तक जारी किये गए।
ज. वर्ष 2008-09 में अल्पसंख्यक समुदायों की बहुलता वाले चिन्हित 90 जिलों में एक बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (एमएसडीपी) शुरू किया गया। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, मणिपुर, बिहार, मेघालय, झारखंड, अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह, ओडीशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, उत्तराखंड, मिजोरम, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, मध्य प्रदेश, सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश के अल्पसंख्यक समुदाय की बहुलता वाले 90 जिलों की योजनाओं को मंजूरी दी गई है और कार्यक्रम शुरू किए जाने के समय से 31 दिसंबर, 2011 तक राज्य सरकारों और संघ शासित प्रशासनों को 2588.34 करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए हैं।
4. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय में सामाजिक-धार्मिक समुदायों के लिए विभिन्न सामाजिक-आर्थिक और बुनियादी सुविधा मानदंडों के आंकड़े संकलित करने के लिए एक राष्ट्रीय आंकड़ा (डेटा) बैंक बनाया गया है।
5. योजना आयोग
क. योजना आयोग में एक स्वायतशासी आकलन एवं अनुश्रवण प्राधिकरण (एएमए) गठित किया गया है जो उचित और सुधारक नीतिपरक निर्णय लेने के लिए संग्रहित आंकड़ों का विश्लेषण करेगा। एएमए की अवधि 15 जनवरी, 2011 को समाप्त हो गई। इसके बाद योजना आयोग ने एएमए का पुनर्गठन किया है और नवगठित एएमए ने अपनी कुछ बैठकें आयोजित की हैं।
ख. अल्पसंख्यक समुदायों सहित देश की कौशल विकास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए योजना आयोग में एक व्यापक संस्थागत ढांचा तैयार किया गया है जो कौशल विकास को बढ़ावा देगा। इसमें कौशल विकास संबंधी राष्ट्रीय परिषद, राष्ट्रीय कौशल विकास समन्वय बोर्ड और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम शामिल हैं।
6. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग
क. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने सरकारी अधिकारियों को सुग्राही बनाने के लिए प्रशिक्षण माड्यूल तैयार किए हैं। ये माड्यूल केन्द्रीय/ राज्य प्रशिक्षण संस्थाओं को प्रशिक्षण के लिए भेज दिए गए हैं।
ख. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने राज्य सरकारों और संघ शासित प्रशासनों को कहा है कि मुसलमानों की अधिक संख्या वाले क्षेत्रों में पुलिस स्टेशनों पर मुस्लिम पुलिसकर्मियों को और मुस्लिम स्वास्थ्य कर्मियों तथा अध्यापकों को तैनात किया जाए। गृह मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस प्रकार के कार्यों के लिए दिशा निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
7. गृह मंत्रालय
क. परिसीमन अधिनियम की समीक्षा के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति ने परिसीमन योजनाओं के अधीन आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों में असंगतियों के बारे में सच्चर समिति की रिपोर्ट में व्यक्त चिंताओं पर विचार किया है और अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है।
ख. राष्ट्रीय परामर्शदात्री परिषद (एनएसी) के एक कार्यकारी दल ने एक विधेयक का प्रारूप तैयार किया जिसका शीर्ष है- साम्प्रदायिक और लक्षित हिंसा की रोकथाम (न्याय और मुआवजे तक पहुंच) विधेयक-2011 । एऩएसी ने यह विधेयक गृह मंत्रालय को 25 जुलाई, 2011 को भेजा। गृह मंत्रालय इस प्रारूप विधेयक पर विचार कर रहा है।
8. शहरी विकास मंत्रालय और आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय
अल्पसंख्यक समुदायों की अधिक संख्या वाले शहरों और कस्बों में जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएऩएनयूआरएम), लघु और मझौले शहरों के लिए शहरी संरचना विकास योजना (यूआईडीएसएसएमटी), समन्वित आवास एवं मलिन बस्ती विकास कार्यक्रम (आईएचएसडीपी) और शहरी गरीबों के लिए बुनियादी सेवाएं (बीएसयूपी) के अधीन अल्पसंख्यक समुदायों के लिए पर्याप्त धन सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट बनाने हेतु आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
क. यूआईडीएसएसएमटी के अधीन अल्पसंख्यक समुदायों की अधिक आबादी वाले 88 कस्बों के लिए 2672.34 करोड़ रूपये मंजूर किए गए हैं।
ख. आईएचएसडीपी के अधीन अल्पसंख्यक समुदायों की अधिक आबादी वाले 101 कस्बों के लिए 1897.69 करोड़ रूपये वाली परियोजनाएं स्वीकार की गई हैं।
ग. बीएसयूपी के अधीन 17 कस्बों के लिए 7086.47 करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए हैं।
घ. उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, लक्षद्वीप, पांडिचेरी और केरल की सरकारों ने वक्फ बोर्ड की परिसंपत्तियों को किराया नियंत्रण अधिनियम से छूट दे दी है जबकि अरूणाचल प्रदेश और नगालैंड ने सूचित किया है कि उनके राज्यों में कोई वक्फ परिसंपत्ति नहीं है।
9. श्रम और रोजगार मंत्रालय
असंगठित क्षेत्र में श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए संसद ने एक अधिनियम पारित किया है। इन श्रमिकों में घरों में काम करने वाले नौकर भी शामिल हैं।
10. संस्कृति मंत्रालय
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन वक्फ परिसंपत्तियों की सूची की समीक्षा करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के सर्कलों ने राज्य वक्फ बोर्डों के साथ बैठकें की हैं।
11. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
अल्पसंख्यक समुदायों की बहुतायत वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण योजनाओं के बारे में सूचनाओं के प्रसार का काम क्षेत्रीय भाषाओं में अपनाया जा रहा है।
12. पंचायती राज मंत्रालय
पंचायती राज मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे स्थानीय निकायों में अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों का प्रतिनिधित्व बढ़ाएं।
पंचायती राज मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत सूचना के अनुसार उत्तराखंड़, केरल, पश्चिम बंगाल और लक्षद्वीप राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों ने सूचना दी है कि जिला और पंचायती राज स्तर पर अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के प्रावधान हैं।
शहरी विकास मंत्रालय ने सूचित किया है कि केरल, पश्चिम बंगाल और हरियाणा की राज्य सरकारें इन दिशा निर्देशों को कार्यान्वित कर रही हैं।
13. सूचना और प्रसारण मंत्रालय
क. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बताया है कि उनका मंत्रालय अल्पसंख्यकों के कल्याण से संबंधित विभिन्न विषयों पर विशेष लेख नियमित रूप से जारी किए जा रहे हैं जिनमें सच्चर समिति की रिपोर्ट में उल्लेखित विषय और छात्रवृत्ति की योजनाएं शामिल हैं। (पीआईबी) 04-अप्रैल-2012 15:49 IST
पृष्ठभूमि
केन्द्र सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से संबंधित सच्चर समिति (मुस्लिम समुदाय के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक विकास पर प्रधानमंत्री की उच्च स्तरीय समिति) की सिफारिशों पर निर्णय लिए है। सच्चर समिति के सिफारिशों के आलोक में केन्द्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन की स्थिति इस प्रकार है।
1. वित्तीय सेवाएं विभाग
क. सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अल्पसंख्यक बहुल जि़लों में अधिक से अधिक शाखाएं खोलने के निर्देश दिये गए हैं। वर्ष 2007-08 में ऐसे जि़लों में 523 शाखाएं खोली गईं, जबकि 2008-09 में 537 नई शाखाएं खोली गईं । वर्ष 2009-10 में 743 नई शाखाएं एवं 2010-11 में 814 नई शाखाएं खोली गईं। 2011-12 की अवधि में 31 दिसम्बर, 2011 तक 619 बैंक शाखाएं खोली गई हैं। इस प्रकार वर्ष 2007-08 से कुल 3,236 शाखाएं खोली गईं।
ख. भारतीय रिजर्व बैंक -आरबीआई ने अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण उपलब्धता में और सुधार के लिए प्राथमिक क्षेत्र उधार (पीएसएल) पर 1 जुलाई, 2011 को अपने मुख्य परिपत्र को संशोधित किया । 31 दिसम्बर, 2011 तक अल्पसंख्यक समुदायों को 1,54,789.90 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है, जो कुल पीएसएल का 14.83 प्रतिशत है।
ग. महिलाओं में सूक्ष्म वित्तीयन को बढ़ावा देने के लिए अल्पसंख्यक महिलाओं के 6,03,087 खाते खोले गए हैं तथा वर्ष 2011-12 के सितम्बर, 2011 तक 6611.87 करोड़ रुपये का सूक्ष्म ऋण दिया गया है।
घ. सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों द्वारा अल्पसंख्यक बहुल प्रखंडों/जि़लों/शहरों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। वर्ष 2011-12 में सितम्बर, 2011 तक 1658 जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
ङ. सितम्बर 2011 तक प्रमुख बैंकों द्वारा अल्पसंख्यक बहुल प्रखंडों/जि़लों/शहरों में प्रमुख बैंकों द्वारा 618 उद्यमिता विकास कार्यक्रम आयोजित किये गए।
2. मानव संसाधन विकास मंत्रालय
सच्चर समिति द्वारा ध्यान में लाए गए मुस्लिम समुदाय के शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए एक बहुस्तरीय रणनीति तैयार की गई है, जो निम्नलिखित है: -
क. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) योजना के तहत शैक्षिक रूप से पिछड़े प्रखंडों के मानदंड में 1 अप्रैल, 2008 से बदलाव किया गया है, जिसके तहत 30 प्रतिशत से कम ग्रामीण महिला साक्षरता वाले प्रखंडों एवं राष्ट्रीय औसत महिला साक्षरता से कम साक्षरता वाले शहरी क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इस योजना के तहत अब तक अल्पसंख्यक बहुल जि़लों में 450 केजीबीवी चलाए जा रहे हैं। 2011-12 में लक्षित 107 केजीबीवी की तुलना में दिसम्बर, 2011 तक अल्पसंख्यक बहुल जि़लों में 70 केजीबीवी चलाए गए हैं।
ख. माध्यमिक स्तर पर गुणात्मक शिक्षा सभी के लिए उपलब्ध कराने हेतु राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की स्वीकृति दी गई है। इस योजना के तहत अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों के खोले जाने की प्राथमिकता है। राज्य सरकारों को यह सलाह दी गई है कि वे इस योजना के तहत प्राप्त स्वीकृतियों को मंजूरी देने के दौरान अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में नये उन्नयन स्कूलों की स्थापना को प्राथमिकता दें। वर्ष 2011-12 के अक्तूबर, 2011 तक 158 नये माध्यमिक स्कूलों की स्वीकृति दी गई है।
ग. देश के 374 शैक्षिक पिछड़ेपन वाले जि़लों (ईबीडी) में एक मॉडल महाविद्यालय स्थापित किया जाएगा। कुल 374 ईबीडी में 67 चिन्हित अल्पसंख्यक बहुल जि़ले हैं। 2011-12 के दौरान अल्पसंख्यक बहुल जिलों में 5 मॉडल महाविद्यालय स्वीकृत किए गए हैं। जिसके लिए 30 सितम्बर, 2011 तक 2.67 करोड़ रुपये की राशि निर्गत की गई है।
घ. पॉलिटेक्निक के उप-मिशन के तहत पॉलिटेक्निक रहित तथा न्यून पॉलिटेक्निक वाले जिलों में पॉलिटेक्निकों की स्थापना के लिए राज्यों /संघ शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता दी जाती है। इस योजना के तहत 90 अल्पसंख्यक बहुल जिलों में से 57 जिले विचार के लिए पात्र पाये गए हैं। अब तक 46 अल्पसंख्यक बहुल जिलों का चयन पॉलिटेक्निकों की स्थापना के लिए किया गया है तथा 30 सितम्बर, 2011 तक 222.66 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
ङ. विशेषकर मुस्लिम बहुल अल्पसंख्यक क्षेत्रों में विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में महिला छात्रावास के प्रावधान पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा प्राथमिकता दी जाती है। यूजीसी ने 284 महिला छात्रावासों की स्वीकृति दी है और अल्पसंख्यक बहुल जिलों /क्षेत्रों के 11वीं योजना के तहत 30 सितम्बर, 2011 तक 201.55 करोड़ रुपये की राशि निर्गत की गई है।
च. सघन क्षेत्र एवं मदरसा आधुनिकीकरण योजना को संशोधित कर दो योजनाओं में विभाजित किया गया है। 11वीं पंचवर्षीय योजना में 325 करोड़ रुपये की लागत से मदरसों में गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध कराए जाने संबंधी योजना (एसपीक्यूईएम) की शुरूआत की गई है। इसके तहत शिक्षकों के बेहतर वेतन, किताबों, शैक्षणिक सहायता एवं कम्प्यूटर के लिए सहायता राशि में वृद्धि के साथ-साथ व्यावसायिक विषयों को लागू करने का भी प्रावधान है।
छ. बजट प्रावधानों के 150 करोड़ रुपये की तुलना में 31 दिसम्बर, 2011 तक 92.77 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं। गैर सहायता प्राप्त तथा निजी क्षेत्रों द्वारा सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक संस्थानों के संरचनात्मक विकास के लिए 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 125 करोड़ रुपये की लागत वाली एक अन्य योजना की शुरूआत की गयी। इसके अंतर्गत 2011-12 में 50 करोड़ रुपये की बजटीय आवंटन तुलना में 31 दिसम्बर, 2011 तक 21.88 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं।
ज. उच्चस्तरीय शिक्षा तक पहुंच के लिए राज्य मदरसा बोर्डों द्वारा जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्रों और योग्यताओं को संबंधित राज्य शिक्षा बोर्डों, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड़ सीबीएसई तथा भारतीय स्कूल शिक्षा बोर्ड परिषद सीओबीएसई द्वारा जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्रों के समकक्ष मान्यता की स्वीकृति दी गई।
झ. उर्दू माध्यम के शिक्षकों में व्यवसायिक विकास के लिए तीन केन्द्रीय विश्वविद्यालयों, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और हैदराबाद के मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय में अकादमी की स्थापना की गई है। वर्ष 2011-12 के दौरान 4718 उर्दू शिक्षकों को अंशकालिक पाठ़यक्रमों और कार्यशालाओं के तहत प्रशिक्षित किया गया।
ञ. संशोधित योजना के अंतर्गत जिन क्षेत्रों में 25 प्रतिशत से अधिक की आबादी उर्दू बोलने वाले समुदाय भी है। वहां के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। आर्थिक सहायता राज्य सरकारों द्वारा स्कूलों में नियुक्त किये जाने वाले उर्दू शिक्षकों के वर्तमान वेतन ढांचे पर आधारित होगी। अंशकालिक उर्दू शिक्षकों के लिए भी मानदेय का प्रावधान है।
ट. राज्यों एवं संघशासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि जहां व्यापक मुसलिम आबादी है वहां समुदाय आधारित अभियान चलाए जाएं। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार जहां वयस्क महिला साक्षरता 50 प्रतिशत से कम है, ऐसे 410 जि़लों में से 372 जिलों में साक्षर भारत योजना क्रियान्वित की जा चुकी है। 88 मुस्लिम बहुल जि़लों में से 61 जि़लों में साक्षर भारत योजना लागू की गई है।
ठ. संशोधित योजनाओं में जन शिक्षण संस्थानों, जेएसएस को शामिल किया गया है। वर्तमान में देश के 88 मुस्लिम बहुल जिलों में से 33 जिलों में जेएसएस व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है।
ड. 2008-09 से मध्यान्ह भोजन योजना को देश के सभी भागों में लागू कर दिया गया है। इसके अन्तर्गत उच्च प्राथमिक विद्यालयों को भी लाया गया है। मुस्लिम बहुल प्रखंडों को भी इस योजना का लाभ मिल रहा है।
ढ. सभी राज्य सरकारों और संघशासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे मौजूदा स्कूल भवनों और सामुदायिक भवनों का इस्तेमाल स्कूली बच्चों के शिक्षा केन्द्रों के तौर पर करें।
ण. राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, एनसीईआरटी ने सभी कक्षाओं के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा 2005 (एनसीएफ) के आलोक में पाठ्यपुस्तकें तैयार की हैं। एनसीएफ 2005 के अनुसार 14 राज्यों ने अपने पाठ़यक्रम को संशोधित कर लिया है जबकि 9 राज्य इसे अपनाने की प्रक्रिया में हैं। 10 राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश या तो पड़ोसी राज्यों की पाठ्यपुस्तकों का इस्तेमाल कर रहे अथवा एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों का ।
त. अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए 35 विश्वविद्यालयों द्वारा सामाजिक परित्यक्तता तथा सम्मिलित नीति से संबंधित केन्द्र चलाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त वर्ष 2009-10 में 51 विश्वविद्यालयों में समान अवसर आयोग ईओसी के 1280 केन्द्र स्थापित किये गए तथा 1345 और 1367 ऐसे केन्द्रों की स्थापना का प्रस्ताव क्रमश: 2010-11 और 2011-12 में रखा गया।
3. अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय
क. समान अवसर आयोग (ईओसी) की संरचना और उसकी कार्य प्रणाली के अध्ययन और सिफारिशों के लिए गठित विशेषज्ञ समूह ने अपना प्रतिवेदन 13 मार्च, 2008 को सौंपदिया। विविधता सूची की परिकल्पना को ईओसी में शामिल करलिया गया है। ईओसी का प्रारूप विधेयक संबंधित विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से बातचीत की प्रक्रिया में है।
ख. संशोधित वक्फ विधेयक लोकसभा द्वारा पास कर दिया गया है और विचार के लिए राज्यसभा की चयन समिति को 31 अगस्त, 2010 में भेज दिया गया। चयन समिति ने 12 दिसम्बर, 2011 को अपनी 22वीं बैठक आयोजित की। राज्यसभा की चयन समिति की रिपोर्ट और उसके सामने प्रस्तुत किये गए साक्ष्यों को राज्यसभा में 16 दिसम्बर, 2011 को पटल पर रखा गया।
ग. सरकार ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम एनएमडीएफसी में पुनर्गठन को सैद्धांतिक तौर पर स्वीकृति दे दी है। एनएमडीएफसी में इस पुनर्गठन के तौर तरीकों के लिए एक परामर्श संस्था नियुक्त की गई है। संस्था ने अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंप दी है, जिसकी जांच मंत्रालय द्वारा की गई है। परामर्श निगरानी समिति की रिपोर्ट और उसके सुझाव विचाराधीन है।
घ. घनी अल्पसंख्यक आबादी वाले चिह्नित 338 कस्बों के विकास के लिए कार्य योजना और उपयुक्त कार्यनीति तैयार करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी कार्यबल का गठन किया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट 8 नवम्बर, 2007 को सौंप दी। संबद्ध मंत्रालयों/ विभागों से आग्रह किया गया है कि वे इन 338 शहरों मे्ं इन योजनाओं को कार्यान्वित करने में प्राथमिकता दें।ङ. अल्पसंख्यक समुदायों के लिए तीन छात्रवृत्ति योजनाओं यथा कक्षा प्रथम से दसवीं तक के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति, कक्षा 11 से पीएचडी स्तर तक के छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति और स्नातक पूर्व तथा स्नातकोत्तर स्तर के तकनीकी और व्यावसायिक स्तर के छात्रों के लिए योग्यता एवं साधन छात्रवृत्ति शुरू की गई हैं। इन योजनाओं के अधीन वर्ष 2011-12 में 31 दिसंबर, 2011 तक अल्पसंख्यक समुदायों के 33.90 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए 649.21 करोड़ रूपये मंजूर किए गए हैं। इसके अलावा एम-फिल और पीएचडी विद्वानों के लिए मौलाना आजाद राष्ट्रीय फैलोशिप योजना नामक एक फैलोशिप योजना पर भी अमल किया जा रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा 756 फैलोशिप और 3778 नवीनीकरण स्वीकृत किए गए हैं और उनके लिए 31 दिसंबर, 2011 तक के लिए 51.98 करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता जारी की गई है।
च. मौलाना आजाद शिक्षा फाउंडेशन (एमएईएफ) की राशि, जो 100 करोड़ रूपये थी, उसे दिसंबर, 2006 में दोगुना करके 200 करोड़ रूपये कर दिया गया था। इस राशि को 11वीं योजना अवधि के दौरान बढ़ाकर 700 करोड़ रूपये कर दिया गया। एमएईएफ की इस योजना के अधीन 2007-08 से 419 गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को शिक्षा संस्थानों के संरचना विकास के लिए सहायता अनुदान और 11वीं तथा 12वीं कक्षाओं की योग्य छात्राओं को 48471 छात्रवृत्तियां दी गईं।
छ. वर्ष 2006-07 में एक संशोधित कोचिंग एवं संबद्ध योजना शुरू की गई। वर्ष 2011-12 में 6000 छात्रों का लक्ष्य रखा गया था जबकि अल्पसंख्यक समुदायों के 90 छात्रों को वित्तीय सहायता दी गई है। 16 करोड़ रूपये के बजट प्रावधान में से 4 करोड़ रूपये 31 दिसंबर, 2011 तक जारी किये गए।
ज. वर्ष 2008-09 में अल्पसंख्यक समुदायों की बहुलता वाले चिन्हित 90 जिलों में एक बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (एमएसडीपी) शुरू किया गया। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, मणिपुर, बिहार, मेघालय, झारखंड, अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह, ओडीशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, उत्तराखंड, मिजोरम, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, मध्य प्रदेश, सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश के अल्पसंख्यक समुदाय की बहुलता वाले 90 जिलों की योजनाओं को मंजूरी दी गई है और कार्यक्रम शुरू किए जाने के समय से 31 दिसंबर, 2011 तक राज्य सरकारों और संघ शासित प्रशासनों को 2588.34 करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए हैं।
4. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय में सामाजिक-धार्मिक समुदायों के लिए विभिन्न सामाजिक-आर्थिक और बुनियादी सुविधा मानदंडों के आंकड़े संकलित करने के लिए एक राष्ट्रीय आंकड़ा (डेटा) बैंक बनाया गया है।
5. योजना आयोग
क. योजना आयोग में एक स्वायतशासी आकलन एवं अनुश्रवण प्राधिकरण (एएमए) गठित किया गया है जो उचित और सुधारक नीतिपरक निर्णय लेने के लिए संग्रहित आंकड़ों का विश्लेषण करेगा। एएमए की अवधि 15 जनवरी, 2011 को समाप्त हो गई। इसके बाद योजना आयोग ने एएमए का पुनर्गठन किया है और नवगठित एएमए ने अपनी कुछ बैठकें आयोजित की हैं।
ख. अल्पसंख्यक समुदायों सहित देश की कौशल विकास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए योजना आयोग में एक व्यापक संस्थागत ढांचा तैयार किया गया है जो कौशल विकास को बढ़ावा देगा। इसमें कौशल विकास संबंधी राष्ट्रीय परिषद, राष्ट्रीय कौशल विकास समन्वय बोर्ड और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम शामिल हैं।
6. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग
क. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने सरकारी अधिकारियों को सुग्राही बनाने के लिए प्रशिक्षण माड्यूल तैयार किए हैं। ये माड्यूल केन्द्रीय/ राज्य प्रशिक्षण संस्थाओं को प्रशिक्षण के लिए भेज दिए गए हैं।
ख. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने राज्य सरकारों और संघ शासित प्रशासनों को कहा है कि मुसलमानों की अधिक संख्या वाले क्षेत्रों में पुलिस स्टेशनों पर मुस्लिम पुलिसकर्मियों को और मुस्लिम स्वास्थ्य कर्मियों तथा अध्यापकों को तैनात किया जाए। गृह मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस प्रकार के कार्यों के लिए दिशा निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
7. गृह मंत्रालय
क. परिसीमन अधिनियम की समीक्षा के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति ने परिसीमन योजनाओं के अधीन आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों में असंगतियों के बारे में सच्चर समिति की रिपोर्ट में व्यक्त चिंताओं पर विचार किया है और अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है।
ख. राष्ट्रीय परामर्शदात्री परिषद (एनएसी) के एक कार्यकारी दल ने एक विधेयक का प्रारूप तैयार किया जिसका शीर्ष है- साम्प्रदायिक और लक्षित हिंसा की रोकथाम (न्याय और मुआवजे तक पहुंच) विधेयक-2011 । एऩएसी ने यह विधेयक गृह मंत्रालय को 25 जुलाई, 2011 को भेजा। गृह मंत्रालय इस प्रारूप विधेयक पर विचार कर रहा है।
8. शहरी विकास मंत्रालय और आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय
अल्पसंख्यक समुदायों की अधिक संख्या वाले शहरों और कस्बों में जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएऩएनयूआरएम), लघु और मझौले शहरों के लिए शहरी संरचना विकास योजना (यूआईडीएसएसएमटी), समन्वित आवास एवं मलिन बस्ती विकास कार्यक्रम (आईएचएसडीपी) और शहरी गरीबों के लिए बुनियादी सेवाएं (बीएसयूपी) के अधीन अल्पसंख्यक समुदायों के लिए पर्याप्त धन सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट बनाने हेतु आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
क. यूआईडीएसएसएमटी के अधीन अल्पसंख्यक समुदायों की अधिक आबादी वाले 88 कस्बों के लिए 2672.34 करोड़ रूपये मंजूर किए गए हैं।
ख. आईएचएसडीपी के अधीन अल्पसंख्यक समुदायों की अधिक आबादी वाले 101 कस्बों के लिए 1897.69 करोड़ रूपये वाली परियोजनाएं स्वीकार की गई हैं।
ग. बीएसयूपी के अधीन 17 कस्बों के लिए 7086.47 करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए हैं।
घ. उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, लक्षद्वीप, पांडिचेरी और केरल की सरकारों ने वक्फ बोर्ड की परिसंपत्तियों को किराया नियंत्रण अधिनियम से छूट दे दी है जबकि अरूणाचल प्रदेश और नगालैंड ने सूचित किया है कि उनके राज्यों में कोई वक्फ परिसंपत्ति नहीं है।
9. श्रम और रोजगार मंत्रालय
असंगठित क्षेत्र में श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए संसद ने एक अधिनियम पारित किया है। इन श्रमिकों में घरों में काम करने वाले नौकर भी शामिल हैं।
10. संस्कृति मंत्रालय
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन वक्फ परिसंपत्तियों की सूची की समीक्षा करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के सर्कलों ने राज्य वक्फ बोर्डों के साथ बैठकें की हैं।
11. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
अल्पसंख्यक समुदायों की बहुतायत वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण योजनाओं के बारे में सूचनाओं के प्रसार का काम क्षेत्रीय भाषाओं में अपनाया जा रहा है।
12. पंचायती राज मंत्रालय
पंचायती राज मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे स्थानीय निकायों में अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों का प्रतिनिधित्व बढ़ाएं।
पंचायती राज मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत सूचना के अनुसार उत्तराखंड़, केरल, पश्चिम बंगाल और लक्षद्वीप राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों ने सूचना दी है कि जिला और पंचायती राज स्तर पर अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के प्रावधान हैं।
शहरी विकास मंत्रालय ने सूचित किया है कि केरल, पश्चिम बंगाल और हरियाणा की राज्य सरकारें इन दिशा निर्देशों को कार्यान्वित कर रही हैं।
13. सूचना और प्रसारण मंत्रालय
क. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बताया है कि उनका मंत्रालय अल्पसंख्यकों के कल्याण से संबंधित विभिन्न विषयों पर विशेष लेख नियमित रूप से जारी किए जा रहे हैं जिनमें सच्चर समिति की रिपोर्ट में उल्लेखित विषय और छात्रवृत्ति की योजनाएं शामिल हैं। (पीआईबी) 04-अप्रैल-2012 15:49 IST
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