अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने जारी की 35,000 से अधिक छात्रवृत्तियां
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की मेरिट-व-साधन छात्रवृत्ति योजना के तहत चालू वित्त वर्ष के दौरान 31 जनवरी 2012 तक 35,181 छात्रवृत्तियां जारी कर दी गई हैं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के पास उपलब्ध नवीनतम आकंड़ों के अनुसार 31 जनवरी 2012 तक 19,487 नई छात्रवृत्तियां ( 20 हजार नई छात्रवृत्तियों का लक्ष्य) तथा चालू वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान 15,694 नवीकृत छात्रवृत्तियां जारी की गई थीं। उक्त 35181 छात्रवृत्तियां दिये जाने के लिए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा 96.27 करोड़ रूपयों से अधिक राशि जारी कर दी गई है। योजना में अब सभी राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेश शामिल किये गये हैं।
मेरिट-व-साधन छात्रवृत्ति योजना का लक्ष्य अल्पसंख्यक समुदायों के गरीब एवं गुणवान छात्रों को वित्तीय सहायता मुहैया कराना है जिससे कि वे पेशेवर तथा तकनीकी पाठयक्रम पूरा कर सकें। उक्त छात्रवृत्तियां केवल भारत में अध्ययन करने के लिए ही और इन्हें राज्य सरकार/केन्द्र शासित प्रशासन द्वारा इस प्रयोजन के नामित एजेंसी के माध्यम से दी जाती हैं। इस योजना की शुरूआत वर्ष 2007-08 में की गई थी। इस योजना के सामान्य मार्गनिर्देशों के अंतर्गत 30 प्रतिशत छात्रवृत्तियां छात्राओें के लिए आरक्षित की गई हैं। {पीआईबी} {29-फरवरी-2012 20:06 IST}
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की मेरिट-व-साधन छात्रवृत्ति योजना के तहत चालू वित्त वर्ष के दौरान 31 जनवरी 2012 तक 35,181 छात्रवृत्तियां जारी कर दी गई हैं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के पास उपलब्ध नवीनतम आकंड़ों के अनुसार 31 जनवरी 2012 तक 19,487 नई छात्रवृत्तियां ( 20 हजार नई छात्रवृत्तियों का लक्ष्य) तथा चालू वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान 15,694 नवीकृत छात्रवृत्तियां जारी की गई थीं। उक्त 35181 छात्रवृत्तियां दिये जाने के लिए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा 96.27 करोड़ रूपयों से अधिक राशि जारी कर दी गई है। योजना में अब सभी राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेश शामिल किये गये हैं।
मेरिट-व-साधन छात्रवृत्ति योजना का लक्ष्य अल्पसंख्यक समुदायों के गरीब एवं गुणवान छात्रों को वित्तीय सहायता मुहैया कराना है जिससे कि वे पेशेवर तथा तकनीकी पाठयक्रम पूरा कर सकें। उक्त छात्रवृत्तियां केवल भारत में अध्ययन करने के लिए ही और इन्हें राज्य सरकार/केन्द्र शासित प्रशासन द्वारा इस प्रयोजन के नामित एजेंसी के माध्यम से दी जाती हैं। इस योजना की शुरूआत वर्ष 2007-08 में की गई थी। इस योजना के सामान्य मार्गनिर्देशों के अंतर्गत 30 प्रतिशत छात्रवृत्तियां छात्राओें के लिए आरक्षित की गई हैं। {पीआईबी} {29-फरवरी-2012 20:06 IST}
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