मीडिया का सामना आसान नहीं होता
ज़िन्दगी में यूं तो कुछ भी सहज और आसान नहीं होता पर मीडिया का सामना बहुत ही कठिन काम है. इसकी मुश्किलें वही जानते हैं जिनका सामना अक्सर मीडिया से होता है. जितना बड़ा पद उतनी बड़ी मुश्किलें. यहाँ फ़िल्मी दुनिया की तरह कोई रिटेक भी नहीं होता. जरा सी चूक और खड़ा हो सकता है तूफ़ान. एक ऐसा बवंडर जिसे सम्भालना कभी कभी बहुत ही मुश्किल हो जाता है. लेकिन इसके बावजूद कुछ ऐसे लोग हैं जो इस कला में पारंगत हो जाते हैं. इसका अहसास एक बार फिर होता है इस तस्वीर को देख कर. लगता है प्रेस कान्फरंस में किसी पत्रकार ने कैमरे के सामने कुछ टेड़ा सवाल पूछ लिया है. पर महिला व बाल कल्याण विभाग की स्वतंत्र प्रभारों वाली राज्य मंत्री सुश्री कृष्ण तीर्थ ने बहुत ही संतुलित रहते हुए बात को सुना भी और उसका उत्तर भी दिया. पत्र सूचना कत्याला के कैमरामैन ने इन यादगारी पलों को हमेशां के लिया अपने कैमरे में कैद कर लिया. गौर तलब है की ये प्रेस वार्ता 11 जनवरी, 2012 को नई दिल्ली में हुई थी. गर्व की बात है की भारत की राजनीती में अब इस तरह के आत्म विश्वासी स्वभाव की महिला नेता लगातार बढ़ रही हैं.. -रेक्टर कथूरिया
ज़िन्दगी में यूं तो कुछ भी सहज और आसान नहीं होता पर मीडिया का सामना बहुत ही कठिन काम है. इसकी मुश्किलें वही जानते हैं जिनका सामना अक्सर मीडिया से होता है. जितना बड़ा पद उतनी बड़ी मुश्किलें. यहाँ फ़िल्मी दुनिया की तरह कोई रिटेक भी नहीं होता. जरा सी चूक और खड़ा हो सकता है तूफ़ान. एक ऐसा बवंडर जिसे सम्भालना कभी कभी बहुत ही मुश्किल हो जाता है. लेकिन इसके बावजूद कुछ ऐसे लोग हैं जो इस कला में पारंगत हो जाते हैं. इसका अहसास एक बार फिर होता है इस तस्वीर को देख कर. लगता है प्रेस कान्फरंस में किसी पत्रकार ने कैमरे के सामने कुछ टेड़ा सवाल पूछ लिया है. पर महिला व बाल कल्याण विभाग की स्वतंत्र प्रभारों वाली राज्य मंत्री सुश्री कृष्ण तीर्थ ने बहुत ही संतुलित रहते हुए बात को सुना भी और उसका उत्तर भी दिया. पत्र सूचना कत्याला के कैमरामैन ने इन यादगारी पलों को हमेशां के लिया अपने कैमरे में कैद कर लिया. गौर तलब है की ये प्रेस वार्ता 11 जनवरी, 2012 को नई दिल्ली में हुई थी. गर्व की बात है की भारत की राजनीती में अब इस तरह के आत्म विश्वासी स्वभाव की महिला नेता लगातार बढ़ रही हैं.. -रेक्टर कथूरिया
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