"1984 के सिख कत्लेआम में मेरा कोई रोल नही"
बच्चन ने दिया एसजीपीसी सदस्य बावा को पत्र
क्षमा करने का फैसला पांच दिसम्बर की मीटिंग में
अमृतसर//गजिंदर सिंह किंग
अमिताभ बच्चन को 1984 में सिख दंगाइयों को भड़काने के मामले में अमिताभ बच्चन ने अपनी लिखित जानकारी श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को दी. उनहोंने कहा है कि सिख कत्लेआम का जो आरोप उन पर लगा हुआ है वह पूरी तरह गलत है. अमिताभ ने अपने संदेश में स्पष्ट किया उस हत्याकांड के साथ उन का कोई लेना-देना नहीं है और उन्होंने लोगो को भड़काने का या इस तरह का कोई भी काम नहीं किया है जिस से की सिख भावनाओं को चोट लगी हो.
गौरतलब है कि विरासत-ए-खालसा में अमिताभ बच्चन के आने को ले कर कई विवाद पैदा हुए थे क्यूंकि पंजाब सरकार ने अमिताभ बच्चन को भी इस ऐतिहासिक मौके पर श्री आनंदपुर साहिब में आने का न्यौता दिया था लेकिन कुछ सिख संगठनों द्वारा एतराज़ करके इस न्यौते का खुल कर विरोध किया गया था. एतराज़ करने वालों काकहना था कि 1984 में उस समय की प्रधानमन्त्री इंदिरा गांधी की मौत के बाद अमिताभ बच्चन ने यह कहा था, कि खून का बदला खून जिस के बाद लोग भड़क गए थे और सिखों का कत्लेआम शुरू हो गया था.
इस सारे घटनाक्रम के बाद अमिताभ बच्चन को भी सिख कत्लेआम का दोषी माना गया था. श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने एक पत्रकार वार्ता कर इस चीज का खुलासा किया कि अमिताभ बच्चन ने मुंबई में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मेम्बर गुरिंदर सिंह बावा अमिताभ बच्चन ने उनके के घर जा कर एक पत्र दिया है, कि 1984 में इन्दरा गांधी की मौत के बाद लोगो को भडकाने का आरोप लगा है, उन के साथ उन का कोई लेना देना नहीं है. उल्लेखनीय है कि जो कि श्री बावा मुंबई में एक व्यापारी है. अमिताभ बच्चन का यह पत्र अब पांच सिख साहिबान की मीटिंग में खोला जायेगा और इसके बाद ही इस पर विचार किया जाएगा. उन्होंने बताया, कि जो यह पत्र अमिताभ बच्चन ने दिया है, इस की तस्वीर भी उन के पास है और यह तस्वीर उन्होंने मीडिया के सामने भी रखी है. उन्होंने बताया कि नवम्बर-1984 के केस में जिन गवाहों को इन पर एतराज़ है और अगर उन के पास कोई सबूत है, तो उस बात को भी ध्यान में रखा जायेगा
फिलहाल अब पांच सिख साहिबान की पांच दिसम्बर को होने वाली मीटिंग में यह फैसला किया जाएगा, कि अमिताभ बच्चन का यह माफ़ी नामा कितना जायज़ है की नही, श्री अकाल तख़्त साहिब अमिताभ बच्चन को माफ़ करता है या नहीं यह एहम फैसला मीटिंग और गवाहों पर निर्भर करता है
बच्चन ने दिया एसजीपीसी सदस्य बावा को पत्र
क्षमा करने का फैसला पांच दिसम्बर की मीटिंग में
अमृतसर//गजिंदर सिंह किंग
अमिताभ बच्चन को 1984 में सिख दंगाइयों को भड़काने के मामले में अमिताभ बच्चन ने अपनी लिखित जानकारी श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को दी. उनहोंने कहा है कि सिख कत्लेआम का जो आरोप उन पर लगा हुआ है वह पूरी तरह गलत है. अमिताभ ने अपने संदेश में स्पष्ट किया उस हत्याकांड के साथ उन का कोई लेना-देना नहीं है और उन्होंने लोगो को भड़काने का या इस तरह का कोई भी काम नहीं किया है जिस से की सिख भावनाओं को चोट लगी हो.
गौरतलब है कि विरासत-ए-खालसा में अमिताभ बच्चन के आने को ले कर कई विवाद पैदा हुए थे क्यूंकि पंजाब सरकार ने अमिताभ बच्चन को भी इस ऐतिहासिक मौके पर श्री आनंदपुर साहिब में आने का न्यौता दिया था लेकिन कुछ सिख संगठनों द्वारा एतराज़ करके इस न्यौते का खुल कर विरोध किया गया था. एतराज़ करने वालों काकहना था कि 1984 में उस समय की प्रधानमन्त्री इंदिरा गांधी की मौत के बाद अमिताभ बच्चन ने यह कहा था, कि खून का बदला खून जिस के बाद लोग भड़क गए थे और सिखों का कत्लेआम शुरू हो गया था.
इस सारे घटनाक्रम के बाद अमिताभ बच्चन को भी सिख कत्लेआम का दोषी माना गया था. श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने एक पत्रकार वार्ता कर इस चीज का खुलासा किया कि अमिताभ बच्चन ने मुंबई में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मेम्बर गुरिंदर सिंह बावा अमिताभ बच्चन ने उनके के घर जा कर एक पत्र दिया है, कि 1984 में इन्दरा गांधी की मौत के बाद लोगो को भडकाने का आरोप लगा है, उन के साथ उन का कोई लेना देना नहीं है. उल्लेखनीय है कि जो कि श्री बावा मुंबई में एक व्यापारी है. अमिताभ बच्चन का यह पत्र अब पांच सिख साहिबान की मीटिंग में खोला जायेगा और इसके बाद ही इस पर विचार किया जाएगा. उन्होंने बताया, कि जो यह पत्र अमिताभ बच्चन ने दिया है, इस की तस्वीर भी उन के पास है और यह तस्वीर उन्होंने मीडिया के सामने भी रखी है. उन्होंने बताया कि नवम्बर-1984 के केस में जिन गवाहों को इन पर एतराज़ है और अगर उन के पास कोई सबूत है, तो उस बात को भी ध्यान में रखा जायेगा
फिलहाल अब पांच सिख साहिबान की पांच दिसम्बर को होने वाली मीटिंग में यह फैसला किया जाएगा, कि अमिताभ बच्चन का यह माफ़ी नामा कितना जायज़ है की नही, श्री अकाल तख़्त साहिब अमिताभ बच्चन को माफ़ करता है या नहीं यह एहम फैसला मीटिंग और गवाहों पर निर्भर करता है
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