बहुत ही श्रद्धा से मनाया गया 254वा शहीदी दिवस
अमृतसर//13 नवम्बर//गजिंदर सिंह किंग
जेकर प्रेम खेलण का चाउ सिर तर तली गली मेरी आओ, बाबा दीप सिंह शहीद के इन्हीं शब्दों ने उन्हें अनोखे अमर शहीद का दर्जा दिया गया था, अनोखे अमर शहीद बाबा दीप सिंह जी वह शहीद है, जिन्होंने सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब के बचाने के लिए आपनी शीश आपने हाथ पर रख कर लड़े थे, अनोखे अमर शहीद बाबा दीप सिंह जी का 254 वा शहीदी दिवस बाबा दीप सिंह जी के गुरुद्वारा शहीद गंज साहिब में मनाया गया, इस मौके पर लाखों श्रद्धालुओ ने पवित्र गुरद्वारा साहिब में माथा टेक नमस्तक हुए और गुरु घर की खुशियाँ प्राप्त की
गुरुद्वारा शहीद गंज साहिब में सिख इतिहास में आपनी एक अलग ही पहचान रखने वाले अनोखे अमर शहीद बाबा दीप सिंह जी का 254 वा शहीदी दिवस मनाया गया, इस मौके पर लाखों श्रद्धालुओ ने पवित्र गुरद्वारा साहिब में माथा टेक नमस्तक हुए और गुरु घर की खुशियाँ प्राप्त की , इस दौरान ज्ञानी गुरपाल सिंह जी, हेड ग्रंथी, गुरुद्वारा शहीद गंज साहिब जी ने अनोखे अमर शहीद बाबा दीप सिंह जी की जानकारी देते हुए बताया, कि सिख कौम के जरनैल बाबा दीप सिंह जी सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब को बचने के लिए तरन तारण साहिब से अमृतसर के तरफ अहमद शाह अब्दाली की सेना के साथ लड़ाई लड़ आगे आ रहे थे, तब अब्दाली के सेना के मुखी जमाल खान के साथ लड़ाई करते हुए गाँव चब्बा में बाबा जी का शीश (सिर) शरीर से अलग हो गया था, लेकिन बाबा जी ने आपने शीश (सिर) को आपने हाथ में रख लड़ते-लड़ते सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब को बचाया और उस के बाद आपने शरीर को त्याग दिया ओर उस स्थान पर बाबा दीप सिंह जी का गुरुद्वारा शहीद गंज साहिब बनाया गया, लेकिन आज इस शहीदी दिवस पर यहाँ इस दिन का एक विशेष महत्त्व होने के कारण दूर दूर से लोग यहाँ पर लाखों की संख्या में पहुँचते है
वहीँ जहाँ इस दिन यहाँ पर धार्मिक दीवान सजाये गए और साथ ही लंगर का विशेष प्रबंध किया गया, सब से बड़ी विशेषता यह है, कि लंगर के आयोजन यहाँ पर जो लोग माथा टेक नमस्तक होते है वह ही इस लंगर का इन्तजाम करते है, और इस दिन देश-विदेश से लोग माथा टेक नमस्तक होते है और गुरु घर की खुशियाँ प्राप्त करते है, वहीँ ऑस्ट्रेलिया से आए गुणबीर सिंह का कहना है, कि वह आज यहाँ पांच साल बाद आज बाबा जी के शहीदी दिवस पर यहाँ गुरु घर में हाजरी लगाने के लिए आये है, वहीँ मनराज कौर का कहना है, कि यहाँ जो भी कोई मुराद मांगता है, वह मुराद यहाँ पर पूरी होती है और इस पवित्र स्थान में आज इस विशेष दिन के लिए आकर गुरु घर का आशीर्वाद लिया है
अमृतसर//13 नवम्बर//गजिंदर सिंह किंग
जेकर प्रेम खेलण का चाउ सिर तर तली गली मेरी आओ, बाबा दीप सिंह शहीद के इन्हीं शब्दों ने उन्हें अनोखे अमर शहीद का दर्जा दिया गया था, अनोखे अमर शहीद बाबा दीप सिंह जी वह शहीद है, जिन्होंने सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब के बचाने के लिए आपनी शीश आपने हाथ पर रख कर लड़े थे, अनोखे अमर शहीद बाबा दीप सिंह जी का 254 वा शहीदी दिवस बाबा दीप सिंह जी के गुरुद्वारा शहीद गंज साहिब में मनाया गया, इस मौके पर लाखों श्रद्धालुओ ने पवित्र गुरद्वारा साहिब में माथा टेक नमस्तक हुए और गुरु घर की खुशियाँ प्राप्त की
गुरुद्वारा शहीद गंज साहिब में सिख इतिहास में आपनी एक अलग ही पहचान रखने वाले अनोखे अमर शहीद बाबा दीप सिंह जी का 254 वा शहीदी दिवस मनाया गया, इस मौके पर लाखों श्रद्धालुओ ने पवित्र गुरद्वारा साहिब में माथा टेक नमस्तक हुए और गुरु घर की खुशियाँ प्राप्त की , इस दौरान ज्ञानी गुरपाल सिंह जी, हेड ग्रंथी, गुरुद्वारा शहीद गंज साहिब जी ने अनोखे अमर शहीद बाबा दीप सिंह जी की जानकारी देते हुए बताया, कि सिख कौम के जरनैल बाबा दीप सिंह जी सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब को बचने के लिए तरन तारण साहिब से अमृतसर के तरफ अहमद शाह अब्दाली की सेना के साथ लड़ाई लड़ आगे आ रहे थे, तब अब्दाली के सेना के मुखी जमाल खान के साथ लड़ाई करते हुए गाँव चब्बा में बाबा जी का शीश (सिर) शरीर से अलग हो गया था, लेकिन बाबा जी ने आपने शीश (सिर) को आपने हाथ में रख लड़ते-लड़ते सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब को बचाया और उस के बाद आपने शरीर को त्याग दिया ओर उस स्थान पर बाबा दीप सिंह जी का गुरुद्वारा शहीद गंज साहिब बनाया गया, लेकिन आज इस शहीदी दिवस पर यहाँ इस दिन का एक विशेष महत्त्व होने के कारण दूर दूर से लोग यहाँ पर लाखों की संख्या में पहुँचते है
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2 comments:
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