Thursday, October 20, 2011

क्यूं है न जीवन से खिलवाड़ !

Update:: Oct.20, 2011 at 14:00
इनका दीन ईमान है पैसा कोई मरे या जिए ...
बाजारों  में  कैसा सामान बिकता है ...उसकी  क्या हालत होती  है...उस  पर  एक बार फिर से नए सवाल खड़े किये हैं लुधियाना में स्वस्थ्य विभाग के छापे के दौरान  पकडे गए इस गले सड़े अचार ने ...क्यूं है न जीवन से खिलवाड़ ! बीमारियाँ फ़ैलाने वाले इस घटिया किस्म के खराब आचार ने इस बात को भी एक बार फिर उजागर किया है की जिन लोगों का दीं ईमान केवल पैसा ही बन जाता है उनके लिए इस बात के कोई अर्थ नहीं रह जाते की अब दीपावली का त्यौहार है या भैयादूज. वे इस तरह के पावन मौकों पर भी लोगों की ज़िन्दगी के साथ खिलवाड़ करना नहीं छोड़ते. इन लोगों को तो कानून इनके किये की सजा देगा ही पर और ऐसे कितने हैवान हैं  

इस तरह के कितने प्दार्ट बाज़ारों में हैं, कितनी फेक्टरियों में भरा पड़ा है ऐसा माल. इस सब के लिए जहाँ प्रशासन को और कदम उठाने होंगें वहीँ आम जनता को भी प्रशासन की मदद के लिए आगे आना होगा. अगर आपके पास इस तरह के लोगों की या इस तरह की किसी फेक्ट्री की कोई जानकारी है तो उसका पता प्रशासन को भी तुरंत दीजिये और मिडिया को भी. आप चाहेंगे तो आपका नाम गुप्त रखा जायेगा.--विशाल गर्ग

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