03 अक्तूबर 2011, लुधियाना। आज हड़ताल के 12वें दिन टेक्सटाइल मजदूरों ने श्रम विभाग कार्यालय पर धरना लगाकर श्रम अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर अब भी श्रम विभाग ने श्रम कानूनों की उल्लघना करने वाले भ्रष्ट मालिकों की तरफदारी नहीं छोड़ी और श्रम कानून लागू न करवाए तो श्रम विभाग का घेराव किया जाएगा। हड़ताली मजदूरों ने चीमा चौंक से लेकर श्रम विभाग तक पैदल मार्च भी किया।
श्रम अधिकारी वास्तव में पूँजी अधिकारी बन चुके हैं। ये टेक्सटाइल मालिकों के इशारों पर नाच रहे हैं और पूरी तरह भ्रष्ट हैं। मजदूर इतने दिन से हड़ताल पर हैं और श्रम विभाग जानबूझकर मुर्दा बना हुआ है। मालिकों ने सहायक श्रम कमिश्नरों के सामने यह बात कही थी कि वे श्रम कानून लागू नहीं करेंगे क्योंकि ये कानून कहीं भी लागू नहीं होते। लेकिन इसके बावजूद भी ये अधिकारी मालिकों के खिलाफ एक शब्द भी लिखने को तैयार नहीं हैं। सहायक श्रम कमिश्नर आर. के. गर्ग ने आज बताया कि मालिक कुछ माँगें मानने को तैयार हैं लेकिन उनकी शर्त है कि वे टेक्सटाइल मजदूर यूनियन के संयोजक राजविन्दर की मौजूदगी में बात नहीं करेंगे बल्कि सिर्फ मजदूरों से करेंगे। मजदूरों ने मालिकों का यह प्रस्ताव ठुकरा दिया है।
कारखाना मालिक पूरी तरह बौखलाए हूए हैं। पता चला है कि मालिक एक मंत्री से मिले हैं और संघर्ष का दमन करने के लिए जोर डाल रहे हैं। मजदूरों के नेताओं पर हमले करवाने की साजिशों पर विचार हो रहा है। यूनियन का कहना है कि ऐसी साजिशों से हक, सच, इंसाफ की लड़ाई को रोका नहीं जा सकता है और ऐसी हर साजिश का मुँह तोड़ जवाब दिया जाएगा।
श्रम अधिकारी वास्तव में पूँजी अधिकारी बन चुके हैं। ये टेक्सटाइल मालिकों के इशारों पर नाच रहे हैं और पूरी तरह भ्रष्ट हैं। मजदूर इतने दिन से हड़ताल पर हैं और श्रम विभाग जानबूझकर मुर्दा बना हुआ है। मालिकों ने सहायक श्रम कमिश्नरों के सामने यह बात कही थी कि वे श्रम कानून लागू नहीं करेंगे क्योंकि ये कानून कहीं भी लागू नहीं होते। लेकिन इसके बावजूद भी ये अधिकारी मालिकों के खिलाफ एक शब्द भी लिखने को तैयार नहीं हैं। सहायक श्रम कमिश्नर आर. के. गर्ग ने आज बताया कि मालिक कुछ माँगें मानने को तैयार हैं लेकिन उनकी शर्त है कि वे टेक्सटाइल मजदूर यूनियन के संयोजक राजविन्दर की मौजूदगी में बात नहीं करेंगे बल्कि सिर्फ मजदूरों से करेंगे। मजदूरों ने मालिकों का यह प्रस्ताव ठुकरा दिया है।
कारखाना मालिक पूरी तरह बौखलाए हूए हैं। पता चला है कि मालिक एक मंत्री से मिले हैं और संघर्ष का दमन करने के लिए जोर डाल रहे हैं। मजदूरों के नेताओं पर हमले करवाने की साजिशों पर विचार हो रहा है। यूनियन का कहना है कि ऐसी साजिशों से हक, सच, इंसाफ की लड़ाई को रोका नहीं जा सकता है और ऐसी हर साजिश का मुँह तोड़ जवाब दिया जाएगा।
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