अब तक 47 नन्ही मासूम जानें बचा चुका है यह भंगूड़ा
अमृतसरसे गजिंदर सिंह किंग
जिला प्रशासन की ओर से जिला रेडक्रास भवन में पहली जनवरी 2008 को भ्रूण हत्या रोकने के लिए पंगुडा स्कीम शुरू की थी, ताकि जो लोग भ्रूण हत्या करवाने पर तुले हुए हैं, वहीं बेटी के पैदा होने पर उस से छुटकारा पाने के लिए ऐसी बच्चियां को सड़कों के किनारे और झाड़ियों में फेक दिया करते थे, इसलिए जिला प्रशासन ने भ्रूण हत्या रोकने के लिए यह पंगूड़ा स्कीम शुरू की है, जो लोग यहां पर बच्चे को छोड़ कर चले जाते हैं, जिला प्रशासन उनका कोई पीछा नहीं करती, क्योंकि वह समझते हैं, कि आज ममता से बड़ी मजबूरी हो गई है, इस स्कीम के तहत पंगूड़े में आज फिर एक नन्ही परी (लड़की) आई है.
यह है, जिला प्रशासन की ओर से जिला रेडक्रास भवन के बाहर पहली जनवरी 2008 को भ्रूण हत्या रोकने के लिए लगाया गया पंगुडा और जिला अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर रजत अग्रवाल की पत्नी रितु अग्रवाल की गोद में मुस्करा रही वह दो-तीन दिनों की बच्ची है, जिसे 20-09-2011 तारीख को कल शाम के समय 5.30 बजे रात दो दिनों की नन्हीं परी (लड़की) को प्रशासन की ओर से रेडक्रास भवन में लगाए गए पंगूड़े में छोड़ गए है. गौर तलब है कि यह प्न्घूदा अब तक कई नन्ही मासूम जानें बचा चूका है.
इससे पहले इस पंगूड़े में करीब 47 बच्चे आ चुके हैं, जिस का डॉक्टरी मुआयना करा कर पालन पोषन के लिए उसे स्वामी गंगा नंद भूरी वाले इंटरनैशनल धाम गांव तलवंडी खुर्द लुधियाना भेजा जाता है, वहा जिला प्रशासन की ओर से जरूरतमंद दंपत्तियों को सौंप दिया जाता है, अमृतसर के डी.सी.रजत अग्रवाल की पत्नी रितु अग्रवाल ने पंगूड़ा स्कीम बारे जानकारी देते हुए बताया, कि जिला प्रशासन ने यह पंगूड़ा स्कीम शुरू की थी.
इस में आज तक इस पंगूड़े में 47 बच्चे पहुंच चुके हैं और इस स्कीम के तहत आने वाले बच्चों का पहले डॉक्टरी मुआयना कराया कर पालन पोषन के लिए स्वामी गंगा नंद भूरी वाले इंटरनैशनल धाम गांव तलवंडी खुर्द लुधियाना भेज दिया जाता है और उन्होंने बताया, कि भ्रूण हत्या करने वालो को लड़का-लड़की में भेद-भाव नही करना चाहिए. दोनों को सामान समझना चाहिए और दोनों को ही जीने का बराबर अधिकार होता है और भ्रूण हत्या रोकने के लिए यह पंगुडा स्कीम चालू की गयी है.
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