शहीद भाई तारू सिंह का शहीदी दिवस मनाये जाने पर रोक लगाने और गुरुद्वारो की जायदादे बेचने का मामला हल करवाने की भारत सरकार से अपील
अमृतसर:(गजिंदर सिंह): पाकिस्तान के लाहोर में स्थित गुरुद्वारा शहीद भाई तारू सिंह में शहीद भाई तारू सिंह की शहादत पर सिख संगत द्वारा हर साल की तरह इस बार भी जब शहीदी दिवस मनाये जाने पर मुसलमान संप्रदाय द्वारा रोक लगाये जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है, इस मामले को लेकर शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मेम्बर सविंदर सिंह दोबलिया द्वारा एक पत्रकार सम्मेलन कर इस मामले में फ़ौरन करवाई करने के मांग की गयी, उन्होंने मांग की, कि भारत-पाकिस्तान के मंत्रियों के बीच दिल्ली में हो रही वार्ता में इस मुद्दे को लेकर पाकिस्तान सरकार से बात कर इस मामले को हल करवाया जाये. गौरतलब है कि इससे पूर्व बहुत से हिन्दू परिवार भी वहां के दबाव पूर्ण माहौल को देखते हुए भारत आ गए थे. मामले को लेकर सिख समाज में रोष पाया जा रहा है. अब सिख समाज से जुड़े लोगों ने भी गंभीर शिकायतें की हैं. वहां के गुरूद्वारों की सेवा सम्भाल में आ रही कमी और ऍतिहासिक दिवसों को मनाने पर लगी रोक ने इसे और भी गंभीर बना दिया. अगर समय रहते इस विवाद का सही हल नहीं निकलता तो सिख समाज की निराशा और बढ़ सकती है. इस निराशा के परिणाम किसी भी तरह से अच्छे नहीं हो सकते. पूरी दुनिया में बसे सिखों के मानों में इसका गलत संदेश जायेगा.
पाकिस्तान में एक बार फिर सिख समुदाय को उनके पर्व मनाने से रोके जाने का मामला गर्मा गया है और उधर पाक सरकार द्वारा पाकिस्तान में सिख धर्म के गुरुद्वारों की जायदाद बेचने का भी मामला एक बार फिर तूल पकड़ने लगा है. शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मेम्बर सविंदर सिंह दोबलिया द्वारा ने पाक सरकार पर आरोप लगते हुए कहा, कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक सिखों के धार्मिक अधिकार सुरक्षित नहीं हैं और पाकिस्तान सिखों के धार्मिक कामों में दखलअंदाजी कर रहा है, उन्होंने कहा, कि भाई तारू सिंह की शहादत पर सिख संगत हर साल श्रद्धा से शहीदी दिवस मनाती है और बीते दिनों सिख संगत को शहीदी दिवस मनाने के लिए लाहौर के लंडा बाजार गुरुद्वारा शहीद भाई तारू सिंह में मुसलमान संप्रदाय से संबंधित दावत-ए-इस्लामी नामक संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा रोक दिया गया, जो कि गलत है. उन्होंने कहा, कि इस मामले में पाकिस्तान के प्रधान-मंत्री से भी बात की गयी थी और उन्होंने इस मामले में उनकी सारी मांगे भी मान ली थी, लेकिन उन्हें अफ़सोस है, कि इसका नतीजा अभी तक कुछ नहीं निकला है.
उन्होंने कहा, कि पाकिस्तान स्थित ऐतिहासिक गुरु धामों की संभाल करने वाले वक्फ बोर्ड द्वारा सिखों के गुरुद्वारो की जायदादे बेचीं जा रही है. उन्होंने पाक सरकार व भारत सरकार से अपील की है, कि सिखों को धर्म व इतिहास से संबंधित दिवस मनाने के लिए हर प्रकार की सुरक्षा को यकीनी बनाया जाए. उन्होंने मांग की, कि पाकिस्तान में सिख कौम से जुड़े धार्मिक स्थानों की सेवा संभाल के लिए पाकिस्तान में सिख समुदाय के लोगों को पाकिस्तान में एक कमेटी बना कर श्री अकाल तखत साहिब द्वारा बनायीं गयी मर्यादा के तहत इन गुरुद्वारों की साज-सभाल की जाये. उन्होंने मांग की, कि पाकिस्तान में बने गुरुद्वारों की सेवा और साज संभाल के लिए पाकिस्तान में रहे सिखों को अधिकार दिया जाये क्यों, कि अभी तक इसकी सेवा-संभाल मुसलमान कर रहे हैं और उन्हें सिख कौम की मर्यादा और असूलो के बारे में कुछ नहीं पता उन्होंने मांग की, कि भारत-पाकिस्तान के मंत्रियों के बीच दिल्ली में हो रही वार्ता में इस मुद्दे को लेकर पाकिस्तान सरकार से बात कर इस मामले को हल करवाया जाये, ताकि ऐसी घटनाओ को रोका जा सके
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