चंडीगढ़ :गुरुद्वारा चुनावों का ऐलान होते ही सिख धार्मिक संगठनों की सरगर्मियां तेज़ होने लड़ी हैं. पंजाब प्रदेश कांग्रेस और पंजाब पीपल्ज़ पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी इन चुनावों में कोई दिलचस्पी नहीं है. सहिजधारी सिख फेडरेशन ने सिख परिभाषा में मामले को फिर से उठाते हुए कहा है कि सिख परिवार में पैदा होने वाले को सिख माना जाये. इसी बीच गुरुद्वारा चुनाव आयोग ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की चुनावी जंग लड़ने के लिए विभिन्न दलों व निर्दलीय प्रत्याशियों के लिए अलग अलग तरह के 40 चुनाव चिन्हों की सूची जारी कर दी है. गौरतलब है कि एस जी पी सी चुनाव के लिए विभिन्न चरणों की घोषणा चार अगस्त को की जाएगी. केंद्र सरकार द्वारा चुनाव करवाए जाने के लिए पहले ही 18 सितंबर 2011 की तारीख घोषित की गई है. गुरुद्वारा चुनाव आयोग के सचिव अवतार सिंह नरूला ने यहां बताया कि आयोग द्वारा आरक्षित रखे गए 40 चुनाव चिन्हों की सूची में ट्रैक्टर, घोड़ा, मोर, रेलगाड़ी,धोबी, लोटा, रेहड़ा, घडि़याल, ट्रक, टोका मशीन, ढाल, सूरजमुखी का फूल, स्याही दवात, बॉक्स, बैंड बाजा, भैंस, बेलचा, ऊंट, हिरण, फ्रिज, पैडेस्टल फैन, हथौड़ा, झोपड़ी, ताला, लाउड स्पीकर, थाली एवं कटोरी, बैल, पैडेस्टल लैंप, डाकिया, रिक्शा, स्कूटर, टब, टैंपो, थ्रैशिंग मशीन, आम का पेड़, टैंकर, ट्राली, ट्यूबवेल, टार्च और दीवार घड़ी, शामिल हैं. आयोग ने विभिन्न दलों की मांग पर चुनाव चिन्हों की इस सूची में से
शिरोमणि अकाली दल (पंच प्रधानी) के लिए रेलगाड़ी,
शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के लिए घोड़ा,
शिरोमणि अकाली दल के लिए ट्रैक्टर,
शिरोमणि अकाली दल (संत लोंगोवाल) के लिए डाकिया,
शिरोमणि रंगरेटा दल पंजाब के लिए टार्च,
शिरोमणि अकाली दल (1920) के लिए ट्रक,
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के लिए सूरजमुखी का फूल,
शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के लिए थाली एवं कटोरी,
शिरोमणि गुरमत प्रचार संस्था के लिए टैंकर,
खालसा एक्शन कमेटी के लिए ढाल,
ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट फेडरेशन के लिए हिरण........और
ऑल इंडिया शिरोमणि अकाली दल के लिए झोपड़ी चुनाव चिन्ह जारी किए गए हैं. इसके अलावा यदि कोई अन्य पार्टी या आजाद उम्मीदवार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का चुनाव लड़ना चाहता है तो वह शेष चुनाव चिन्हों में से एक का चयन कर सकता है. इस संबंधी अधिसूचना पहले ही जारी हो चुकी है. अब देखना है कि किस दल को किस निशान से कितने मत मिलते हैं ?
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