कांग्रेसी नेता की शिकायत पर की गयी कारवाई
लुधियाना : गुटनंदक राजनीती के इस दौर में बहुत कुछ देखने को मिल रहा है. अगर अकाली दलमें भतीजे मनप्रीत बादल ने अपने ही भाई सुखबीर सिंह बादल और ताए के खिलाफ बगावत कर डी है तो कांग्रेस के नेता भी पीछे नहीं रहे हैं. लुधियाना के एक कांग्रेसी नेता ने अपनी ही पार्टी के एक अन्य नेता के खिलाफ शिकायत करके उसकी बिल्डिंग सील करवा दी. शिकायत की थी कांग्रेसी नेता कोमल खन्ना ने और बिल्डिंग सील हो गयी अलमूदीन सैफी की. नगर निगम ए जोन की बिल्डिंग शाखा ने बुधवार को जीटी रोड पर ताजपुर चौक के पास कांग्रेस के प्रदेश सचिव अलमुद्दीन सैफी की बिल्डिंग को सील कर दिया. बताया गया क़ी बिल्डिंग नाजायज ढंग से बिना नक्शा मंजूरी के बनाई गई थी. निगम की ओर से यह कार्रवाई कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कोमल खन्ना की शिकायत पर की गई. निगम की कार्रवाई के दौरान माहौल खराब न हो इस खतरे को भांपते हुए इसके लिए भारी पुलिस बल को भी तैनात किया गया था. यह कार्रवाई एटीपी हरप्रीत घई की अगुवाई में की गई. कांग्रेस के प्रदेश महासचिव व पूर्व जिला युवा अध्यक्ष कोमल खन्ना ने उक्त बिल्डिंग संबंधी निगम से आरटीआई के जरिए पूरे रिकार्ड हासिल कर पिछले करीब चार माह से उक्त अवैध बिल्डिंग पर कार्रवाई की गुहार लगाई हुयी थी. इसको लेकर उन्होंने स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री तीक्ष्ण सूद, स्थानीय निकाय विभाग के सचिव डायरेक्टर व निगम कमिश्नर को शिकायत दी थी. इसके बाद स्थानीय निकाय विभाग ने बिल्डिंग मालिक अलमुद्दीन सैफी को तलब कर इस पर जवाब भी मांगा था लेकिन वे इस संबंधी अपना कोई पक्ष पेश नहीं कर पाए थे. ऐसे में निगम ने उक्त बिल्डिंग को सील करने के लिए बीते दिनों नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा था. एक हफ्ता बीतने के बावजूद भी जब कोई जवाब न आया तो बुधवार को निगम टीम ने एटीपी हरप्रीत घई की अगुवाई में सैफी फर्नीचर नाम की बिल्डिंग को सील कर दिया. इस मौके पर इंस्पेक्टर जोरा सिंह सहित निगम पुलिस व अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे. इस बारे में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कोमल खन्ना ने बताया कि उक्त बिल्डिंग जीटी रोड के सौ फुट के दायरे में आती है और वर्ष 2000 में उक्त बिल्डिंग का निर्माण नियमों को ताक में रखकर किया गया था. खन्ना ने बताया कि अवैध बिल्डिंग निर्माण संबंधी निगम ने पुष्टि की थी. जिसके आधार पर आज कार्रवाई की गई है. अब सिफ़ी इसका बदला लेने के लिए क्या करते हैं इसका पता तो वक्त आने पर ही चल सकेगा. --ब्यूरो रिपोर्ट
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