अमृतसर से गजिंदर सिंह किंग :
भारत के साथ रिश्तों को और मजबूत करते हुए पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को अपनी विभिन्न जेलों में बंद 24 भारतीय कैदियों को रिहा किया, जिसमे 14 मछुआरे और 10 अन्य भारतीय कैदी थे, जिन्हें अलग-अलग मामलो में पकड़ा गया था, को आज भारत-पाकिस्तान की अंतर-राष्ट्रीय अटारी सड़क सीमा के रास्ते भारत में भेज दिया गया, इससे पूर्व भारत सरकार ने 26 जुलाई को भारत की विभिन्न जेलों में बाद 91 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा कर पाकिस्तान वापस भेजा गया था.
भारत द्वारा 91 कैदियों को रिहा किये जाने के बाद आज पाकिस्तान सरकार की ओर से अपनी विभिन्न जेलों में बंद 24 कैदियों को आज दो महिलाओं समेत 10 कैदी और 14 मछुआरे सहित कुल 24 कैदियों को पाक रेंजरों की ओर से भारतीय बी.एस.एफ के अधिकारीयों के सुपुर्द किया गया, इन कैदियों को रिहा करने के आदेश 26 जुलाई को पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने दिए थे, जिसके चलते इन कैदियों को आज भारत-पाकिस्तान की अंतर-राष्ट्रीय अट्टारी सड़क सीमा के रास्ते भारत में भेज दिया गया, इन में कराची की मलार जेल से 14 मछुआरे और लाहौर की कोट लखपत जेल में अलग-अलग मामलो में बंद दस कैदी शामिल थे, जिनमे दो महिलाये भी शामिल हैं, इन दस कैदियों में जम्मू-कश्मीर, बुलंदशहर, फरीदाबाद और गुजरात के कैदी शामिल हैं, सन् 2009 में भारत वापसी पर वाघा बार्डर पर दो किलोग्राम हेरोइन समेत गिरफ्तार मोहम्मद यूसुफ ने बताया, कि वह अपने रिश्तेदार से मिलने के लिए पाकिस्तान गए थे, जब वह वापस लौट रहे थे, तो पाकिस्तान स्थित वाघा रेलवे स्टेशन पर कस्टम विभाग ने उनके रिश्तेदारों की ओर से दिए गए बैग में से उक्त हेरोइन बरामद कर ली. उन्होंने पाकिस्तान अपने रिश्तेदारों से मिलने जाने वाले लोगों से अपील की है, कि वह अपने रिश्तेदारों से कोई भी सामान लेकर भारत न आएं. उन्होंने कहाकि पाकिस्तान में पकड़ा जान ही गुनाह है और पकिस्तान सरकार बहुत जुल्म ढाती है. उधर मोहमद तन्वी ने बताया, कि वह भारत की आर्मी के लिए जासूसी करने के लिए पाकिस्तान गया था और पकड़ा गया, लेकिन जिनके लिए वह जासूसी करने गया था, उन्होंने उसकी सुध तक नहीं ली और आज वह रिहा होकर भारत लौटा है. लेकिन उसके परिवार वालों का क्या हाल हुआ होगा उनकी भारत की आर्मी ने सुध तक नही ली है, उन्होंने कहा, कि पाकिस्तान में पकड़े जाने पर वहां पर उस पर जो जुल्म ढाए गये हैं उसे वह ब्यान नहीं कर सकता, उन्होंने बताया, कि पाकिस्तान की जेल में सरबजीत से भी उनकी मुलाक़ात हुई थी, लेकिन उसे अलग कमरे में रखा जाता है, इसलिए वह ज्यादा उसके बारे में नहीं जानते, उन्होंने कहा, कि उनके साथ वहां पर करीब 25 कैदी और बंद हैं, जिनमे करीब 15 लोग अपना जेहनी तव्जुम खो चुके हैं
पाकिस्तान की जेलों से रिहा होकर लौटे 14 मछुआरे में से एक ने बात करते हुए बत्ताया, कि वह आज रिहा हो कर भारत लौटे हैं और उन्हें छह महीने से लेकर एक साल की सजा हुई थी और उनके पीछे पाकिस्तान में अभी करीब 262 मछुँरे और बंद हैं, उन्होंने अपील की, कि उन लोगों को भी जल्द रिहा कर भारत भेजा जाए.
2 comments:
भगवान पाकिस्तान को सन्मति दे|
उम्मेद पे दुनिया क़ायम है
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