अमेरिका को दी चेतावनी दलाईलामा के लिए खोले दरवाज़े
खबर जितनी महत्वपूरण है उतनी ही हैरानकुन भी. चीन की सरकार ने दलाईलामा के प्रति अपने रुख में नरमी लाते हुए कहा है कि दलाईलामा का तिब्बत में स्वागत है. दलाई लामा कि तरफ से सन्यास लेने के बाद चीन कि सरकार ने पहली बार इस तरह कि नरमी दिखाई है. गौर तलब है कि दलाईलामा ने मार्च म,हीने में सन्यास ले लिया था और उनकी राजनीतिक जिम्मेदारियां लोबसांग सांगे को अपना प्रधानमन्त्री चुन लिया था. इस समय 43 वर्षों कि उम्र के संगे आज कल हार्वर्ड में अध्यापन करते हैं. इस नए घटनाक्रम के बाद पहली बार चीन सरकार कि तरफ से एक उच्च अधिकारी पद्मा चोलिंग ने कहा कि अगर दलाई लामा अपनी अलगाव वादी सरगर्मियों को छोड़ दें और तिब्बत शान्ति के साथ बोद्ध धर्म के लिए काम करें तो उनका स्वागत है. आपो याद होगा कि दलाई लामा अलगाव वाद जैसी सरगर्मियों के आरोपों को बहुत पहले ही नकार चुके हैं. अपनी मात्र भूमि के लिए सार्थक स्वायत्तता की मांग को लेकर 1959 से जलावतनी का जीवन बिता रहे दलाई लामा को 1989 में शान्ति के लिए नोबल पुरूस्कार भी मिला था. पहली ही नजर में अपना बना लेने का जादू उनके व्यक्तित्व में है. लम्बे संघर्ष के बावजूद उन्होंने कभी अपने अंदोलन की गति कम नहीं होने दी.
75 बरस की उम्र में भी वह पूरी तरह से सक्रिय हैं. प्राकृतिक सुन्दरता और देवभूमि के तौर पर जाने जाते हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के पास मैक्डोल गंज में उनकी सरकार का मुख्यालय भी है जहाँ तिब्बत के जन जेवन को जी कर देखा जा सकता है. वहां के लोग अपने इस वृद्ध नेता की तस्वीरें लगा कर घर घर उनकी पूजा करते हैं. एक प्रमुख सैलानी स्थल बन चुके इस स्थान पर जा कर तिब्बत की सांस्कृतिक धरोहर के दर्शन भी बहुत ही नजदीक से किये जा सकते हैं. इस पर बहुत सी बातें की जा सकती हैं पर बाकी फिर कभी सही. अब चलते हैं अगली खबर की ओर..तन की बाकी खबरों की खबर भी ली जा सके.
तिब्बत की आज़ादी के आन्दोलन को सामन्ती दासता का आन्दोलन कहने वाली चीन सरकार ने पकिस्तान पर की गयी अमेरिकी कारवाई पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि अमेरिका पकिस्तान से दूर रहे. पकिस्तान के एक अंग्रेजी अखबार दी नेशन में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक चीन ने कहा है कि पकिस्तान कि संप्रुभता का सम्मान किया जाना चाहिए. चेन के प्रधान मंत्री वें ज्याबयो ने इस आशय का ब्यान उस वक्त दिया है जब पाकिस्तान के प्रधान मंत्री यूसफ रज़ा गिलानी चीन के दौरे पर हैं. ओसामा बिन लादेन के खिलाफ पकिस्तान पर की गयी अमेरिकी कारवाई के गिलानी की यात्रा और चीन का ब्यान दोनों ही महत्वपूर्ण हैं. इसी सम्बन्ध में यूसफ रज़ा गिलानी ने भी कहा है की चीन हमारा सबसे अच्छा दोस्त है.. --रेक्टर कथूरिया
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