बात खूबसूरती की चले, यादगारी फोटोग्राफी की या फिर कविता की....पूनम मटिया का नाम एकदम जहन में आ जाता है. ख्याल की उडान इतनी ऊंची की बस कुछ मत पूछो. इस उड़ान के साथ उड़ कर धरती पर वापिस आते आते वक्त लग जाता है. रचना में बात इतनी गहरी की इंसान सोचता ही रह जाये. सातों समुन्द्रों कि गहराई कम लगने लगती है. उस पर शब्दों का चयन और बात कहने का सलीका इतना खूबसूरत कि .....बस सब कुछ दिल=ओ=दिमाग पर खुद-ब-खुद उकर जाता है. हर कविता के साथ एक शानदार तस्वीर इतना चुन कर लगाई जाती है कि ऐसे लगता है जैसे यह तस्वीर और कविता दोनों एक दुसरे के लिए बने हैं. अगर आपने पूनम को पढ़ा है तो यह सब आपने भी महसूस किया होगा. आप को उनकी कविता कैसी लगी अवश्य बताएं.यहाँ उनकी कवितायों का नया रंग भी दिया जा रहा है. आपको यह रंग कैसा लगा अवश्य बताएं.हमेशां की तरह इस बार भी आपके विचारों की इंतजार बनी रहेगी.--रेक्टर कथूरिया
1.
कहाँ जा रहे हैं
किन गलियों में आश्न्ना तलाश रहे हैं
किसे फ़िक्र है
हर तरफ धुंआ hii dhuaan है
हाथ को हाथ मालूम नहीं देता
तो शितिज की किसे खबर है
बढ़ रहे बस भीड़ संग
अपनी किसे फिकर है
क्या हो रहा है 'आज'
'कल' में क्या बदा है
क्यों सोचे ए-इंसा
मौज कर ,पंख फैला
बे खौफ उड़ना भी इक कला है
2.
दिल रोता है
पर लब मुस्कुराते हैं
ये आंसू भी अजीब शय हैं
जब रोकना चाहो
न जाने क्यों बेतरतीब बह जाते हैं
3.
ये मौसम की खामोशियाँ
आवाज़ सिर्फ तेरी-मेरी साँसों की
यादों के गहराते साये
पर मुस्कान मेरी ने सभी हैं छिपाए
4.
वक्त जो बीता जाएगा वापस न आएगा
उसके साथ हमारा भी कुछ पीछे छूट जाएगा
बेहतर है छूटे वही जो खुशगवार न था
था मेरा ही पर उनको गवारा न था
वक्त ले चले हमें उस ओर
जहां धुंध के साये न हो
दर्द के आंसू और आत्मग्लानी न हो
खुला और अंतहीन आकाश हो
स्वछन्द उड़ने की आस हो
हया के रंग सजीले हों
पर जोश-ए-जूनून की कमी न हो
कहाँ जा रहे हैं
किन गलियों में आश्न्ना तलाश रहे हैं
किसे फ़िक्र है
हर तरफ धुंआ hii dhuaan है
हाथ को हाथ मालूम नहीं देता
तो शितिज की किसे खबर है
बढ़ रहे बस भीड़ संग
अपनी किसे फिकर है
क्या हो रहा है 'आज'
'कल' में क्या बदा है
क्यों सोचे ए-इंसा
मौज कर ,पंख फैला
बे खौफ उड़ना भी इक कला है
2.
दिल रोता है
पर लब मुस्कुराते हैं
ये आंसू भी अजीब शय हैं
जब रोकना चाहो
न जाने क्यों बेतरतीब बह जाते हैं
3.
ये मौसम की खामोशियाँ
आवाज़ सिर्फ तेरी-मेरी साँसों की
यादों के गहराते साये
पर मुस्कान मेरी ने सभी हैं छिपाए
4.
वक्त जो बीता जाएगा वापस न आएगा
उसके साथ हमारा भी कुछ पीछे छूट जाएगा
बेहतर है छूटे वही जो खुशगवार न था
था मेरा ही पर उनको गवारा न था
वक्त ले चले हमें उस ओर
जहां धुंध के साये न हो
दर्द के आंसू और आत्मग्लानी न हो
खुला और अंतहीन आकाश हो
स्वछन्द उड़ने की आस हो
हया के रंग सजीले हों
पर जोश-ए-जूनून की कमी न हो
. --पूनम मटिया
26 comments:
shukriya rector ji ......aap ne hamesha hi meri rachnaaye ek khushnuma andaaz mei publish karke hosla afjaayi ki hai .......god bless u for that .....aasha hai aage bhi apna sneh banaaye rakhenge ......saadar
...poonam matia
shukriya rector ji ......aap ne hamesha hi meri rachnaaye ek khushnuma andaaz mei publish karke hosla afjaayi ki hai .......god bless u for that .....aasha hai aage bhi apna sneh banaaye rakhenge ......saadar
...poonam matia
अच्छी कविताएँ
शुक्रिया नविन जी ........
मौज कर - पंख फैला
बे खौफ उड़ना भी एक कला है -- बहुत खूब पूनम जी -- नयी आशओं का संचार करती प्यारी रचना। कल में क्या बदा है पर किसी की ये पंक्तियां याद आयी -
कल से बेकल था मुझे क्या खाक कल आये
कल का वादा था न आज आये न कल आये
सादर
श्यामल सुमन
+919955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
श्यामल सुमन जी शुक्रिया .बहुत सुंदर पंक्तियाँ .........प्रोत्साहन मिलता है जब गुनी जन तारीफ करते हैं .स-स्नेह आभार
very nice poonam ji
very nice poonam ji
very nice poonam ji
It's a wonderful composition very nicely presented that proves beyond doubt about the wisdom of one having creative ideas who is none else than Poonam Matia. Poonam gives coolness and brightness to whole of the dusty atmosphere by sheer her presence during moonlit night.I wishes her all grand success in her life.
kya baat hai Poonam ji ek shbdo me ek alag hi jaan hoti hai great best of luck and God bless u always
Kya baat hai Poonam ji best of luck for future and God bless u always dear
thnx a lot Viren thakur .....
sri B N Singh ji ........itz an honour to read such words for myself .........thnx a lot
Subhash ......itz so very nyc of u to read ,like and praise my words ........thanx a lot to u
aap bhut acha likhti hai,,,,,,,,,,is daour me aisa padne ko mila bhut khusi hui,,,,,,thnxji,,,,,punam ji,,,,,,,keepit up......
viren thakur ........thnx a lot
viren thakur ........thnx a lot
dhnyawad DIMPLE...bahut khushi hui jaankar ki aap ko meri rachnaaye pasand aayi .....my fcbk id is poonam.matia@gmail.com
Poonam ji can we talk about that
bahut khoobasurat kavitayen...
Rajvir singh............ji .ya sure we can ..............but wat and where ........abt wat
kase kahun?by kavita verma.........kavita ji shukriya
poonam .naam he kafe tha jes tra poonam raat ke chandne nermal or khushnuma roshne deate ha vase he aap ke kaveta khuch alag ashash karate ha nice mea i hope ke aap dill ke garhyeao se lekhte raha Danyawad
Anil jayani .sahib.........bahut abhaar .....chaand kii sheetal chandni sa nirmal ahsaas meri kavitaaon se hua apko .......mujhe khushi hai ......
बात खूबसूरती की चले...
या फिर कविता की...
आहाऽऽह !
हमारा नाम भी लिखलो ... पूनम जी के व्यक्तित्व-कृतित्व को पसंद करने वालों में !
:)
यहां प्रस्तुत सारी रचनाएं सुंदर हैं ...
आभार आपका रेक्टर कथूरिया जी !
लोहड़ी
और
मकर संक्रांति की अग्रिम शुभकामनाओं सहित…
राजेन्द्र स्वर्णकार
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