आयोजक |
महां इवेंट |
कल से शुरू हो रहा है पहला ऑनलाइन महा इवेंट| इस में कोई बाध्यता नहीं है कि सिर्फ़ शायर लोग ही भाग ले सकते हैं, या सिर्फ़ ग़ज़ल ही पोस्ट की जाएगी| आप अपनी पसंद की विधा ग़ज़ल, गीत, मुक्तक, कविता, छंद, लघु कथा, हास्य-व्यंग्य वग़ैरह भी पोस्ट कर सकते हैं|
साहित्य रसिकों के लिए एक ऐसा मंच है ये ऑनलाइन महा इवेंट जहाँ हम सब एक दूसरे की रचनात्मकता को और नज़दीक से जान सकते हैं, महसूस कर सकते हैं|
और ज़रूरी नहीं की हम में से सब लेखक हों ही! ऐसे व्यक्ति रचनाधर्मियों का उत्साह वर्धन कर सकते हैं - अपनी बहुमूल्य टिप्पणियों के साथ|
तो दोस्तो, पधारिएगा अपने मित्र मंडली के साथ आनंद लूटने लुटाने के लिए|
आइए हम इस बार की दीवाली को एक यादगार दीवाली की तरह मनाते हैं सभी यार दोस्तों के साथ|
आपका यह अनुभव कैसा रहता है इस बारे में भी हमें अवश्य बताईएगा. आपके विचारों की इंतजार बनी रहेगी. आप अपने सुझाव भी भेज सकते हैं. --रेक्टर कथूरिया
5 comments:
सफलता के लिए अग्रिम शुभकामनाएं
snehil bhai shri hari joshi ji aapki shubhkamna pa kar main abhibhut hoon. aapki upasthiti ke bager is ayojan men maja na aayega. isliye aapse vinamr nivedan hai ki apni mitr mandali sahit padahr kar ayojan ki shobha badhayen.
sabhi mitron se nivedan hai ki is link par ja kar is obo ke maha event ki jankari arjit karen
http://www.facebook.com/event.php?eid=160654497302898
ये आयोजन एक अति सराहनीय प्रयास है और इस की सफलता की मैं मंगल कामना करती हूँ और इस पावन सोच को
क्रिया रूप देने वाले समस्त आयोजक कर्ताओं को बधाई और धन्यवाद देती हूँ |साहित्य के इस महा यग्य में मैं आप के साथ हूँ| ये तो सब स्वीकार करते हैं की नयी टेक्नोलोजी से अनेक अनैतिक्ताएं उत्पन्न हुई हैं लेकिन उस नयी टेक्नोलोजी का सदुपयोग कर नयी साहित्यिक चेतना को जगाने हेतु कुछ करने का भाव नहीं जगा पाए |और आज यदि कुछ महानुभावों ने ये
कदम उठाया है तो उन के कदम से कदम और कंधे से कन्धा मिलाना हमारा कर्तव्य बन गया है | ये मंच उभारेगा उन छिपे हुए कुछ ऐसे अनगढ़ हीरों को जो शायद वक्त की गर्द में अपनी चमक दिखने से पूर्व कही खो गया होते ...ये मंच पहुचायेगा उस आवाज को दूर तक जो एक दिन फैले फैलते हम सब की एन संगठित आवाज बन कर गूंजेगी ...ये मंच लौटा लायगा हमारे उन अपनों को जो हिंदी भाषा को भूल
बैठे हैं ...ये मंच एक बार फिर से भारतीय होने का गर्व जागृत करेगा ...ये मंच विश्व को नए अनूठे साहित्यकार देगा ...ये मंच कलम उठाने के लिए हमारी हौसला अफजाई करगा...मैं इस मंच की , इस मंच से जुड़े समस्त लोगों को और उन की इस नेक भावना को नमन करती हूँ ....
मुझे यह स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं कि मधु जी के बारे में जानकारी मुझे मिली भाई गणेश बागी जी से| हिदी के प्रति आप का समर्पण वाकई वंदनीय है| सात समंदर पार जा कर भी आप जो हिन्दी का अलख जगा रही हैं, उस के लिए आप कोटि कोटि साधुवाद की पात्र हैं| हरि भाई, कथूरिया जी और आप का हमारे प्रयासों को सराहना हमें आप के और नज़दीक लाया है| हिन्दी की सेवा में हमारे लायक जो भी काम हो, निस्संकोच एवम् साधिकार कहिएगा|
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