


हिंदी ब्लागों में आ रही तेज़ी को हर रोज़ ब्लॉगर साथियों तक पहुंचाने वाले समीर लाल जी बेशक कनाडा में हैं बहुत ही व्यस्त ज़िन्दगी जे रहे हैं पर इसके बावजूद ब्लॉग और हिंदी के लिए समय निकालना नहीं भूलते. उड़नतश्तरी से भी ज्यादा स्पीड से इन सारी सरगर्मियों को देख लेते हैं और फिर उनका रिकार्ड भी तैयार करते हैं चिटठाजगत के रूप में. चिटठाजगत की सूचना के मुताबिक़ एक और नया ब्लॉग आया है बातचीत. मुम्बई के महेंद्र आर्य पेशे से तो परिवहन से जुड़े हुए हैं लेकिन साहित्य और संगीत के साथ उनका संबंध बहुत ही गहरा लगता है. आप उनके ब्लाग में जा कर कविता का आनंद भी ले सकते हैं और संगीत का भी बस केवल यहां क्लिक करके.
गौरतलब है कि इन संभावनायों को पैदा करने और उन्हें एक नयी दिशा दिखाने में तहलका का उल्लेखनीय योगदान है. वही सफ़र आज एक काफिला बन गया है.आज इसमें शामिल होने के लिए लोग धडल्ले से आ रहे हैं. वे कैसा लिखते हैं. कितना गहरा लिखते हैं यह सब तो उनकी रचना ही बताएगी पर फिलहाल उनका स्वागत करना तो बनता ही है न.नए ब्लागों में एक हैं ज़रा सोचो भाई,इसी तरह एक और नाम सामने आया है मौलश्री जिसकी ब्लॉगर हैं अहमदाबाद गुजरात की अपर्णा मनोज भटनागर.कई और नाम भी हैं जिन पर चर्चा होती रहेगी. अगर आपकी जानकारी में भी कोई ऐसी सूचना हो तो अवश्य बताएं.--रेक्टर कथूरिया
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