Saturday, July 31, 2010
कहीं फिर न ऐसा हो.....!
हिरोशिमा और नागासाकी की तबाही को याद करके आज 6 अगस्त 1945 को हिरोशिमा पर और ठीक तीन दिन बाद 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर भी एटम बम गिराया गया. उसके कारण और आवश्यकताएं चाहे कुछ भी रहीं हों पर मानवता आज भी उसकी बात सुन कर शर्मसार महसूस करती है. आज भी उसे एक कलंक की तरह याद किया जाता है. उन दिनों की याद में एक विशेष आयोजन हो रहा है 6 अगस्त 2010 को लाहौर पाकिस्तान में. आई.पी.एस.एस अर्थात की Institute for Peace and Secular Studies [IPSS] ओर से किये जा रहे इस आयोजन की सूचना देते हुए वहां की एक संघर्षशील जनवादी महिला नेता दीपा सईद ने बताया कि लाहौर की चेयरिंग क्रास, माल रोड पर इस आयोजन की शुरूयात शाम को 06 :30 बजे हो जाएगी और रात के अथ बजे तक चलेगी. इस मौके पर मोमबत्तियां जला कर इस चेतना को मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा की अब फिर कभी भी उन हथियारों का इस्तेमाल कहीं पर भी दुबारा न होने पाए. इन हथियारों को कम करने के लिए सभी धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष दलों को एकजुट किया जा सके. इस मकसद के लिए वहां मोमबत्तियां जलाई जायेंगी.आप चाहें तो अपनी मोम बत्तियां भी वहां ले जा सकते हैं.अगर आप इसमें शामिल होते हैं तो आपको वहां कई हमख्याल लोग मिलेंगे.--रेक्टर कथूरिया
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