Sunday, August 24, 2025

भाजपा कैंप पर पुलिस का हमला–डॉ. सुभाष शर्मा भी गिरफ्तार

Received from Hardev Singh on Sunday 24th August 2025 at 20:20 Regarding Police Action on BJP Workers

और गरमा सकता है टकराव का यह आंदोलन 


चण्डीगढ़
: 24 अगस्त 2025: (मीडिया लिंक रविंदर//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

खरड़ विधानसभा के मुल्लापुर बाज़ार, न्यू चंडीगढ़ स्थित खेड़ा मंदिर के नज़दीक केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर लगाए गए भाजपा कैंप को पंजाब सरकार ने पुलिस बल के सहारे कुचलने की कोशिश की। इस दौरान पंजाब भाजपा के उपाध्यक्ष डॉ. सुभाष शर्मा समेत कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाज़ी की और इसे आप सरकार की तानाशाही व गुंडागर्दी करार दिया।

डॉ. शर्मा ने तीखा प्रहार करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार पूरी तरह बौखला चुकी है। राज्य भर में भाजपा कार्यकर्ताओं को गांवों में जाने से रोका जा रहा है, रास्तों पर पुलिस की नाकेबंदी कर दी गई है। उन्होंने कहा, “एक तरफ पंजाब गैंगस्टरों का अड्डा बनता जा रहा है, नशा खुलेआम बिक रहा है, लेकिन मान सरकार इन गंभीर मुद्दों पर आंखें मूंदे हुए है। उल्टा, उसे भाजपा कार्यकर्ताओं के शांतिपूर्ण कैंप से डर लग रहा है।”

डॉ. शर्मा ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मान सरकार उनके बताए “साम, दाम, दंड, भेद” के रास्ते पर चल रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा कार्यकर्ता न तो रुकने वाले हैं, न ही दबाव में झुकने वाले। पुलिस की लाठीचार्जनुमा कार्रवाई से कई कार्यकर्ता घायल भी हुए हैं।

उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात है कि आप सरकार खुद जगह-जगह कैंप लगाती है तो उसे लोकतंत्र कहते हैं, लेकिन भाजपा जनता को योजनाओं की जानकारी दे तो उसे ‘डाटा चोरी’ का नाम देकर रोक दिया जाता है।

“यह सरकार की हताशा और भाजपा के बढ़ते जनसमर्थन का सबूत है। साफ़ है कि मान सरकार की जमीन खिसक चुकी है और वह भाजपा की बढ़ती ताक़त से डरी हुई है।”

Saturday, August 23, 2025

होमी भाभा कैंसर कॉन्क्लेव 2025:

 Received From HBCH&RC Punjab on Saturday 23rd August 2025 at 5:22 PM Regarding Cancer Conclave

राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने किया रोबोटिक-असिस्टेड कैंसर सर्जरी का उद्घाटन


चंडीगढ़
: 23 अगस्त 2025: (मीडिया लिंक रविंदर//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

तीन दिवसीय होमी भाभा कैंसर कॉन्क्लेव (HBCC) 2025 के दूसरे दिन पंजाब के महामहिम राज्यपाल एवं केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक श्री गुलाब चंद कटारिया ने होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (HBCH&RC), पंजाब में अत्याधुनिक रोबोटिक-असिस्टेड कैंसर सर्जरी सुविधा का उद्घाटन किया।

चंडीगढ़ स्थित नरसी मोनजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज़ (NMIMS) के कैंपस में आयोजित हो रहे इस प्रतिष्ठित कॉन्क्लेव ने देशभर से अग्रणी ऑन्कोलॉजिस्ट, शोधकर्ताओं और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को एक मंच पर एकत्र किया है ताकि कैंसर उपचार, देखभाल और रोकथाम में हो रहे नवीनतम नवाचारों पर चर्चा की जा सके।

समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया ने अस्पताल के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, "पिछले 80 वर्षों में टाटा मेमोरियल सेंटर ने कैंसर के उपचार के क्षेत्र में पूरी दुनिया में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। हमारे देश में जिस तेज़ी से कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए टाटा मेमोरियल सेंटर का विस्तार आवश्यक हो गया है। वर्तमान में देशभर में नौ सेंटर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से दो पंजाब में हैं। यह क्षेत्र ऐसी उन्नत सुविधाओं के लिए लंबे समय से प्रतीक्षारत था।"

होमी भाभा कैंसर कॉन्क्लेव के इस दूसरे संस्करण में अनेक प्रतिष्ठित चिकित्सा विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिनमें डॉ. श्रीपद डी. बनावली (निदेशक, अकादमिक, टाटा मेमोरियल सेंटर), डॉ. ए.के. अत्रि (डायरेक्टर प्रिंसिपल, जीएमसीएच-32, चंडीगढ़), डॉ. सत्यजीत प्रधान (निदेशक, एचबीसीएच एवं एमपीएमएमसीसी, वाराणसी) और डॉ. उमेश महानशेट्टी (निदेशक, एचबीसीएच एंड आरसी, विशाखापट्टनम) शामिल थे।

कार्यक्रम की शुरुआत एचबीसीएच एंड आरसी पंजाब के निदेशक डॉ. आशीष गुलिया के स्वागत भाषण से हुई। इसके बाद वार्षिक पत्रिका का विमोचन किया गया और बहुप्रतीक्षित रोबोटिक कैंसर सर्जरी सुविधा का शुभारंभ राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया के करमकलों से संपन्न हुआ। यह  क्षेत्र में कैंसर उपचार के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

राज्यपाल ने पर्यावरणीय और जीवनशैली संबंधी कारणों का उल्लेख करते हुए कहा, "औद्योगिक प्रदूषण, सतलज नदी का प्रदूषण, रासायनिक खादों का बढ़ता उपयोग और जीवनशैली में बदलाव—ये सभी कारक कैंसर मामलों की वृद्धि के लिए ज़िम्मेदार हैं। कैंसर के प्रसार को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाना और इसके मूल कारणों का समाधान करना अत्यंत आवश्यक है।"

राष्ट्रीय स्वास्थ्य पहलों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, "स्वस्थ व्यक्ति ही स्वस्थ समाज की नींव है, और स्वस्थ समाज ही स्वस्थ राष्ट्र का आधार है। स्वास्थ्य के बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता। यदि सबसे बड़ा प्राथमिकता बिंदु कोई है, तो वह स्वास्थ्य ही है। वर्ष 2013-14 में भारत का स्वास्थ्य बजट 33,000 करोड़ रुपये था, जो आज बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार की स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।"

एचबीसीएच एंड आरसी द्वारा चलाए गए निवारक अभियानों की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा, "अस्पताल ने अब तक 1.7 लाख से अधिक लोगों की शुरुआती जांच की है और बड़ी संख्या में रोगियों का शुरुआती अवस्था में उपचार किया है। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।"

एचबीसीएच एंड आरसी पंजाब में रोबोटिक कैंसर सर्जरी का शुभारंभ

रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत पंजाब में कैंसर उपचार के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। यह अत्याधुनिक तकनीक सर्जनों को जटिल कैंसर शल्यक्रियाएं अधिक सटीकता के साथ करने, रक्तस्राव को न्यूनतम रखने और रोगियों को तेज़ी से स्वस्थ होने में मदद करेगी। इस शुभारंभ के साथ ही, एचबीसीएच एंड आरसी उत्तर भारत के उन चुनिंदा सरकारी कैंसर अस्पतालों में शामिल हो गया है जो रोबोटिक-असिस्टेड शल्य चिकित्सा की सुविधा प्रदान करते हैं। इससे पंजाब और पड़ोसी राज्यों के रोगियों को विश्वस्तरीय कैंसर उपचार अपने क्षेत्र में ही उपलब्ध हो सकेगा।

रोगी-केंद्रित पहल के तहत अस्पताल ने घोषणा की कि सामान्य श्रेणी के पहले 80 रोगियों की रोबोटिक सर्जरी निःशुल्क की जाएगी। इसका फायदा बहुत से लोगों को होगा। 

इस अवसर पर डॉ. आशीष गुलिया, निदेशक, एचबीसीएच एंड आरसी पंजाब ने कॉन्क्लेव की दृष्टि साझा करते हुए कहा, "HBCC 2025 विज्ञान, नवाचार और सहयोग का संगम है। हमारा उद्देश्य केवल अत्याधुनिक कैंसर उपचार उपलब्ध कराना ही नहीं है, बल्कि ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है जहाँ ज्ञान और शोध सीधे रोगी देखभाल में परिवर्तित हो। रोबोटिक कैंसर सर्जरी की शुरुआत हमारे *प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी* के संकल्प का प्रतीक है, जिससे पंजाब के किसी भी रोगी को उन्नत उपचार के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी।"

उन्होंने आगे कहा, "हमें यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि HBCC 2025 में देशभर से 400 से अधिक विशेषज्ञ और प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। इस शैक्षणिक आयोजन के लिए सहयोग देने हेतु मैं एनएमआईएमएस का आभार व्यक्त करता हूँ। हम उत्तर भारत में आम कैंसरों के प्रति शिक्षा और जागरूकता को निरंतर बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

उद्घाटन सत्र में मॉलिक्यूलर पैथोलॉजी, स्त्री एवं मूत्रजननांग कैंसर, बाल्यावस्था कैंसर, स्तन कैंसर और मस्कुलोस्केलेटल ऑन्कोलॉजी पर शैक्षणिक चर्चा हुई, साथ ही उन्नत डायग्नोस्टिक एवं उपचार तकनीकों पर मास्टरक्लास भी आयोजित किए गए।

कॉन्क्लेव में जारी प्रोग्राम के अंतर्गत व्याख्यान, वाद-विवाद, पैनल चर्चा के अलावा सुखना झील पर कैंसर जागरूकता वॉकाथन का आयोजन किया जाएगा।

कार्यक्रम का समापन संयोजक सचिव डॉ. आलोक के. गोयल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने गणमान्य अतिथियों, संकाय और प्रतिनिधियों के योगदान को HBCC 2025 को कैंसर के विरुद्ध संघर्ष में एक ऐतिहासिक आयोजन बनाने में सराहा।

Friday, August 15, 2025

ओशो के यह प्रवचन भी कमाल के हैं

योगिराज अरविन्द घोष क्यू चले गए थे मेडिटेशन में?

ओशो की दुनिया से संजीव मिश्रा: 15 अगस्त 2025: (मीडिया लिंक रविंदर//आराधना टाईम्ज़ डेस्क)::

ओशो के यह प्रवचन भी कमाल के हैं। नीचे दिए गए इस आलेख को सोशल मीडिया पर संजीव मिश्रा साहिब ने आज 15 अगस्त 2025 को बाद दोपहर 02:10 पर पोस्ट किया। इसे पढ़ने के बाद मुझे अपने बचपन की बहुत सी बातें याद आने लगीं। इन्हीं में से कुछ बातें योगिराज अरविन्द जी से सबंधित हैं। मैंने इन के विचार विभिन्न स्रोत से पढ़े थे। न किताबें ज़्यादा थीं न ही इंटरनेट था।  उन्होंने बहुत तीव्रता से प्रभावित भी किया। समादि में बैठने की इच्छा बलवती होने लगी। मुझे ध्यान विधियों का कुछ भी पता नहीं था। बस अनुमान से आँखें बंद करके लेटना और ध्यान जुड़ने लगा। उम्र शायद 15-16 वर्ष की हो चुकी थी। घर परिवार से डांट भी पड़ी। सख्ती से कहा गया तुझे हम लोग सन्यास नहीं लेने देंगें। उसके बाद क्या क्या हुआ इसकी चर्चा फिर किसी पोस्ट में की जाएगी। स्नेह और सम्मान से -रेक्टर कथूरिया 

जनाब संजीव मिश्रा साहिब बताते हैं कि श्री अरविंद को किसी ने एक बार पूछा कि आप भारत की स्वतंत्रता के संघर्ष की आजादी के युद्ध में अग्रणी सेनानी थे; लड़ रहे थे। फिर अचानक आप पलायनवादी कैसे हो गये कि सब छोड़कर आप पांडिचेरी में बैठ गए आँख बंद करके। वर्ष में एक बार आप निकलते है दर्शन देने को। आप जैसा संघर्षशील, तेजस्वी, व्यक्ति जो जीवन के घनेपन में खड़ा था और जीवन को रूपांतरित कर रहा था, वह अचानक इस भांति पलायनवादी होकर अंधेरे में क्यों छिप गया? आप कुछ करते क्यों नहीं? क्या आप सोचते है कि करने को कुछ नहीं बचा, या करने योग्य कुछ नहीं है? या समाज की और मनुष्य की समस्याएं हल हो गई है और आप विश्राम कर सकते है? समस्याएं तो बढ़ती चली जाती है। आदमी कष्ट में है, दुःख में है, गुलाम है, भूखा है, बीमार है, कुछ करिए।

यही लाओत्से कह रहा है। श्री अरविंद ने कहा, कि मैं कुछ कर रहा हूं, और जो पहले मैं कर रहा था वह अपर्याप्त था; अब जो कर रहा हूं वह पर्याप्त है। वह आदमी चौका होगा जिसने पूछा। यह किस प्रकार का करना है कि आप अपने कमरे में आँख बंद किए बैठे है, इससे क्या होगा?

तो अरविंद कहते है कि जब मैं करने में लगा था तब मुझे पता नहीं था कि कर्म तो बहुत ऊपर-ऊपर है, उससे दूसरों को नहीं बदला जा सकता। दूसरों को बदलना हो तो इतने स्वयं के भीतर प्रवेश कर जाना जरूरी है जहां से कि सूक्ष्म तरंगें उठती है, जहां से कि जीवन का आविर्भाव होता है। और अगर वहां से मैं तरंगों को बदल दूँ तो वे तरंगें जहां तक जायेगी—और तरंगें अनंत तक फैलती चली जाती है।

रेडियो की ही आवाज नहीं घूम रही है पृथ्वी के चारों ओर, टेलीविजन के चित्र ही हजारों मील तक नहीं जा रहे है; सभी तरंगें अनंत की यात्रा पर निकल जाती है। जब आप गहरे में शांत होत है तो आपकी झील से शांत तरंगें उठने लगती है; वे शांत तरंगें फैलती चली जाती है। वे पृथ्वी को छुएगा, चाँद को छुएँगी, तारों और ब्रह्मांड में व्याप्त हो जाएंगी। और जितनी सूक्ष्म तरंग का कोई मालिक हो जाए उतना ही दूसरों में प्रवेश क्षमता आ जाती है।

तो अरविंद ने कहा कि अब मैं महाकार्य में लगा हूं। तब मैं क्षुद्र कार्य में लगा था। अब मैं उस महा कार्य में लगा हूं जिसमें मनुष्य से बदलने को कहना न पड़े और बदलाहट हो जाए। क्यूंकि मैं उसके ह्रदय में सीधा प्रवेश कर सकूंगा। अगर मैं सफल होता हूं—सफलता बहुत कठिन बात है—अगर मैं सफल होता हूं तो एक नए मनुष्य का, एक महामानव का जन्म निश्चित है।

लेकिन जो व्यक्ति पूछने गया था वह असंतुष्ट ही लौटा होगा। यह सब बातचीत मालूम पड़ती है। ये सब पलायन वादियों के ढंग और रूख मालूम पड़ते है। खाली बैठे रहना पर्याप्त नहीं है, अपर्याप्त है। इसलिए लाओत्से कहता है, ‘’महाचरित्र अपर्याप्त मालूम पड़ता है।‘’

इसलिए हम पूजा जारी रखेंगे गांधी की, अरविंद को हम धीरे-धीरे छोड़ते जाएंगे। लेकिन भारत की आजादी में अरविंद का जितना हाथ है उतना किसी का भी नहीं है। पर वह चरित्र दिखाई नहीं पड़ सकता। आकस्मिक नहीं है कि पंद्रह अगस्त को भारत को आजादी मिली; वह अरविंद का जन्म दिन है। पर उसे देखना कठिन है। और उसे सिद्ध करना तो बिलकुल असंभव है। क्यूंकि उसको सिद्ध करने का कोई उपाय नहीं है। जो प्रकट स्थूल में नहीं दिखाई पड़ता उसे सूक्ष्म में सिद्ध करने का भी कोई उपाय नहीं है।

भारत की आजादी में अरविंद का कोई योगदान है। इसे भी लिखने की कोई जरूरत नहीं मालूम होती। कोई लिखता भी नहीं। और जिन्होंने काफी शोरगुल और उपद्रव मचाया है, जो जेल गए है, लाठी खाई है, गोली खाई है। जिनके पास ताम्रपत्र है। वे इतिहास के निर्माता है।
इतिहास अगर बह्म घटना ही होती तो ठीक है; लेकिन इतिहास की एक आंतरिक कथा भी है। तो समय की परिधि पर जिनका शोरगुल दिखाई पड़ता है एक तो इतिहास है उनका भी। और एक समय की परिधि के पार, कालातीत, सूक्ष्म में जो काम करते है, उनकी भी कथा है। लेकिन उनकी कथा सभी को ज्ञात नहीं हो सकती। और उनकी कथा से संबंधित होना भी सभी के लिए संभव नहीं है क्यूंकि वे दिखाई ही नहीं पड़ते। वे वहां तक आते ही नहीं जहां चीजें दिखाई पड़नी शुरू होती है। वे उन स्थूल तक पार्थिव तक उतरते ही नहीं जहां हमारी आँख पकड़ पाए। तो जब तक हमारे पास ह्रदय की आंख न हो, उनसे कोई संबंध नहीं जुड़ पाता।

इतिहास हमारा झूठा है। अधूरा है, और क्षुद्र है। हम सोच भी नहीं सकते कि बुद्ध ने इतिहास में क्या किया। हम सोच भी नहीं सकते कि क्राइस्ट ने इतिहास में क्या किया। लेकिन हिटलर न क्या किया वह हमें साफ है; माओ ने क्या किया वह साफ है। गांधी ने क्या किया वह साफ है। जो परिधि पर घटता है वह हमें दिख जाता है।

‘’महाचरित्र अपर्याप्त मालूम पड़ता है, ठोस चरित्र दुर्बल दिखता है।‘’ गहरी दृष्टि चाहिए। ठोस चरित्र दुर्बल दिखाई देता है। इस मनोवैज्ञानिक का थोड़ा ख्याल में ले लें। असल में दुर्बल चरित्र का व्यक्ति हमेशा ठोस दीवारें अपने आस-पास खड़ी करता है; ठोस चरित्र का व्यक्ति दीवार खड़ी नहीं करता। उसकी कोई जरूरत नहीं है; पर्याप्त है वह स्वयं।
~ओशो
ताओ उपनिषद
भाग—4,प्रवचन—77

आपको यह पोस्ट कैसी लगी अवश्य बताएं यदि भी कुछ कहना चाहें तो आपके विचारों का स्वागत रहेगा।

Tuesday, August 05, 2025

नौवें गुरु जी की 350वीं शहादत जयंती की तैयारियां

From MPSK on Tuesday 5th August 2025 at 17:45 Regarding DGMC   

DGMC वैश्विक स्तर पर मनाने के लिए सभी को एक मंच पर लाए:परमजीत सिंह वीरजी

नई दिल्ली: 5 अगस्त 2025: (मनप्रीत सिंह खालसा//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी प्रबंधन, जो अपने केवल तीन-चार लोगों से घिरा हुआ है, को चाहिए था कि वह पूरे सिख पंथ के धार्मिक, राजनीतिक, निहंग संगठनों, टकसालों और महासंघों को साथ लेकर नौवें गुरु जी की 350वीं शहादत जयंती को वैश्विक स्तर पर मनाने के लिए एक साझा मंच बनाए। 

गुरुबाणी रिसर्च फाउंडेशन के प्रमुख एवं दिल्ली कमेटी के धर्म प्रचार विंग के पूर्व सह-अध्यक्ष सरदार परमजीत सिंह वीरजी ने मीडिया को जारी एक प्रेस नोट में कहा कि यह शताब्दी समारोह केवल दिल्ली कमेटी का नहीं, बल्कि पूरे पंथ का है और इसलिए "गुरु तेग बहादुर साहिब जी की शहादत" का बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार करने की सख्त ज़रूरत है ताकि दुनिया जान सके कि नौवें पातशाह ने "तिलक और जंझू" की रक्षा के लिए अपना शीश न्योछावर कर दिया और उनके तीन छोटे सिखों ने भी मुगलों के हुक्म को न मानकर शहादत की सज़ा स्वीकार की। लेकिन आज देश में सिखों को बार-बार यह एहसास दिलाया जा रहा है कि वे दोयम दर्जे के नागरिक हैं। कभी पेपर देने वाले बच्चों पर पाबंदियाँ लगाई जाती हैं, कभी हवाई अड्डे पर काम कर रहे सिख युवाओं को परेशान किया जाता है, कभी सिख इतिहास से छेड़छाड़ की जाती है, कभी पगड़ी और गुरु ग्रंथ साहिब जी का अपमान किया जाता है, और राम रहीम व आसाराम जैसे गंभीर अपराधों के दोषियों को बार-बार पैरोल दी जाती है। इन सवालों पर कोई जवाब भी नहीं दिया जाता। 

सिख कैदियों के मुद्दों पर विचार तक नहीं किया जाता। क्या दिल्ली कमेटी के आयोजक शताब्दी समारोह में उपस्थित होने वाले देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के समक्ष सिखों के गंभीर मुद्दों को उठाएंगे या फिर केवल औपचारिक समारोह आयोजित करके अपना बदला लेंगे? दिल्ली कमेटी को शताब्दी समारोह की तैयारी तीन महीने पहले ही कर लेनी चाहिए थी, लेकिन हर मामले में उनकी अनुभवहीनता देश को शर्मसार ही करती है। गुरुओं की शहादत दिल्ली में हुई थी, इसलिए यह समारोह दिल्ली में बड़े पैमाने पर मनाया जाना चाहिए, लेकिन कमेटी अध्यक्ष द्वारा एसजीपीसी को औपचारिक रूप से पत्र लिखकर बदला लेना उचित नहीं है। उनका कर्तव्य था कि वे एसजीपीसी अध्यक्ष, तख्त हजूर साहिब कमेटी, तख्त पटना साहिब कमेटी से व्यक्तिगत रूप से मिलकर अनुरोध करते, लेकिन चूंकि वे तीन-चार लोगों से घिरे हुए हैं, इसलिए उनकी सोच भी उन्हीं तक सीमित रह गई है।

Friday, August 01, 2025

जत्थेदार दादूवाल को रजत पट्टिका से सम्मानित किया गया

 From Sarabjeet Singh Sufi on Friday 1st August 2025 at 15:13 Regarding Sant Baljeet Singh Daduwal

वाशिंगटन डीसी के कैपिटल हिल स्थित व्हाइट हाउस में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया


लुधियाना
: 1 अगस्त 2025: (सरबजीत सिंह सूफी//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

अंतर्राष्ट्रीय सिख उपदेशक जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल, धर्म प्रचार हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष शिरोमणि अकाली दल आज़ाद, कुछ दिनों की अपनी निजी यात्रा पर अमेरिका पहुँचे हैं। 

जत्थेदार दादूवाल की पंथिक सेवाओं को ध्यान में रखते हुए, अमेरिका में विभिन्न स्थानों पर प्रतिष्ठित हस्तियों द्वारा उनका सम्मान किया जा रहा है। इसी कड़ी में, जत्थेदार दादूवाल ने जत्थेदार चरण सिंह और प्रख्यात सिख विचारक डॉ. सुरिंदर पाल सिंह के साथ व्हाइट हाउस और सीनेट हाउस, कैपिटल हिल, अमेरिका के राष्ट्रपति के निवास का दौरा किया। 

इस यात्रा को अमेरिकी सीनेट के वरिष्ठ कांग्रेसी स्टेनी एच. होयर ने प्रायोजित किया था। इस यात्रा के दौरान जत्थेदार दादूवाल जी ने कहा कि अमेरिका विश्व में एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में जाना जाता है और भारत-अमेरिका संबंध हमेशा से सौहार्दपूर्ण रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि भविष्य में जब भी अमेरिकी राष्ट्रपति या अमेरिकी सरकार का कोई प्रतिनिधि भारत आएगा, तो वह उनसे पंजाब और हरियाणा के ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करने का अनुरोध अवश्य करेंगे। 

व्हाइट हाउस यात्रा के दौरान, सिख विचारक डॉ. सुरिंदरपाल सिंह गिल को चेयरपर्सन इंटरनेशनल फोरम यूएसए, जत्थेदार चरण सिंह प्रेमपुरा, अध्यक्ष एनआरआई विंग यूएसए और जत्थेदार दादूवाल ने स्मृति चिन्ह रजत पट्टिका देकर विशेष रूप से सम्मानित किया।

Thursday, July 31, 2025

62 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का भंडाफोड़

Thursday: CGST News  31st July 2025 at 12:08 PM PIB Ludhiana 

सीजीएसटी लुधियाना ने  किया; अब तक दो गिरफ्तारियां

लुधियाना: 31 जुलाई 2025: (मीडिया लिंक रविंदर//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर, केंद्रीय जीएसटी लुधियाना द्वारा ऑडियो-वीडियो प्रोडक्शन क्षेत्र की कई फर्मों के विरुद्ध जांच की गई, जिसमें 62 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन फर्मों ने 342 करोड़ रुपये मूल्य की सेवाएं विदेशी संस्थाओं से आयात की थीं और उस पर जीएसटी का भुगतान नहीं किया।

जांच में यह भी सामने आया है कि इन फर्मों ने जीएसटी कानूनों के अंतर्गत निर्धारित कोई भी दस्तावेजी प्रक्रिया का पालन नहीं किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह कर चोरी सुनियोजित और जानबूझकर की गई।

इन फर्मों को संचालित करने और बनवाने में शामिल दो व्यक्तियों को को कल, अर्थात् 30 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया गया।

अब तक की गई इन दो गिरफ्तारियों के साथ, जांच अभी जारी है ताकि इस नेटवर्क की पूरी श्रृंखला और चोरी की कुल राशि का पता लगाया जा सके।

सीजीएसटी लुधियाना आयुक्तालय ईमानदार करदाताओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने और कर धोखाधड़ी की पहचान करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है।

Friday, July 11, 2025

वतरुख फाउंडेशन ने रामपुर में मनाया वन महोत्सव

From Vatrukh Foundation on 11th July 2025 at 13:58 Regarding Tree Planting//Van Mahotsav 

वतरुख फाउंडेशन की ओर से, 11 जुलाई 2025 को 13:58 बजे, वृक्षारोपण/वन महोत्सव के संबंध में

गांव में 500 पेड़ लगाए गए////बदला गया गांव रामपुर का नज़ारा 


लुधियाना
: 11 जुलाई 2025: (कार्तिका कल्याणी सिंह//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

यह धरती कभी फूलों, फलों और पेड़ों से सजी रहती थी। विकास के नाम पर इन पेड़ों को काटकर वनस्पति विहीन बना दिया गया। सीमेंट, कंक्रीट और पत्थरों के जंगल ने न केवल तापमान बढ़ाया, बल्कि सांस लेने लायक ऑक्सीजन भी नहीं छोड़ी। आज हवा भी प्रदूषित है और पानी भी। 

कहा जाता है कि अगर घर के आँगन में या दरवाज़े पर दस-बारह फीट ऊँचा नीम का पेड़ लगा दिया जाए, तो वह तीन एयर कंडीशनर जितनी प्राकृतिक ठंडक देता है। शायद यही वजह है कि होशियारपुर और पठानकोट के कई इलाके ऐसे हैं जहाँ भीषण गर्मी में भी पंखे चलाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। शुद्ध ऑक्सीजन से तन और मन स्वस्थ रहते हैं। जब सरकारें और बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ पेड़ लगाने लगी हैं, तो एक संस्था भी विपरीत दिशा में जाने का साहस दिखा रही है। यह संस्था हमें याद दिला रही है कि अगर हमारे आस-पास की शांति खो गई है, तो यह हमारे कुकृत्यों का ही परिणाम है। हमें प्रकृति के विनाश को रोकना होगा, अन्यथा हमें आपदाओं का सामना करना पड़ेगा। इस सब को गंभीरता से लिया एक संस्थान वतरुख फाउंडेशन ने। 

मौजूदा स्थिति को देखते हुए वतरुख फाउंडेशन ने भी आज इसी दिशा में एक नया प्रयास किया है। आज लुधियाना ज़िले के रामपुर गाँव में वन महोत्सव मनाया गया। गाँव में लगभग 500 पेड़ लगाए गए। इस आयोजन में ननकाना साहिब स्कूल रामपुर के बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। आज रामपुर का नज़ारा देखने लायक था।

ननकाना साहिब स्कूल के प्रधानाचार्य जसविंदर सिंह ने कहा कि पेड़ लगाना ही नहीं, बल्कि उनकी देखभाल करना भी ज़रूरी है। सरपंच जसवंत सिंह ने कहा कि पेड़ आज के समय की ज़रूरत हैं। उन्होंने लोगों को पेड़ों के महत्व और पर्यावरण पर बढ़ते खतरों के बारे में भी जागरूक किया।

इस शुभ अवसर पर, वटरुख फाउंडेशन की स्मिता कौर ने कहा कि पंजाब के वृक्षारोपण क्षेत्र को पंजाब के भौगोलिक क्षेत्रफल के 3.67% से बढ़ाकर 33% किया जाएगा। इससे भूजल स्तर में सुधार होगा और स्वच्छ वायु का निर्माण होगा। इस प्रकार, इस संस्था के पास भविष्य के लिए कई रचनात्मक योजनाएँ हैं। इन योजनाओं के तहत, पंजाब की इस दिशा से जुड़ी समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा, जिससे पंजाब पहले जैसा हो जाएगा।

इस अवसर पर, वन विभाग से श्री बलदेव सिंह, गुरमनीत सिंह मंगत, स्वर्णजीत कौर, नवदीप कौर और अभिषेक शर्मा भी उपस्थित थे। ग्रामीणों ने इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया।