Tuesday, August 05, 2025

नौवें गुरु जी की 350वीं शहादत जयंती की तैयारियां

From MPSK on Tuesday 5th August 2025 at 17:45 Regarding DGMC   

DGMC वैश्विक स्तर पर मनाने के लिए सभी को एक मंच पर लाए:परमजीत सिंह वीरजी

नई दिल्ली: 5 अगस्त 2025: (मनप्रीत सिंह खालसा//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी प्रबंधन, जो अपने केवल तीन-चार लोगों से घिरा हुआ है, को चाहिए था कि वह पूरे सिख पंथ के धार्मिक, राजनीतिक, निहंग संगठनों, टकसालों और महासंघों को साथ लेकर नौवें गुरु जी की 350वीं शहादत जयंती को वैश्विक स्तर पर मनाने के लिए एक साझा मंच बनाए। 

गुरुबाणी रिसर्च फाउंडेशन के प्रमुख एवं दिल्ली कमेटी के धर्म प्रचार विंग के पूर्व सह-अध्यक्ष सरदार परमजीत सिंह वीरजी ने मीडिया को जारी एक प्रेस नोट में कहा कि यह शताब्दी समारोह केवल दिल्ली कमेटी का नहीं, बल्कि पूरे पंथ का है और इसलिए "गुरु तेग बहादुर साहिब जी की शहादत" का बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार करने की सख्त ज़रूरत है ताकि दुनिया जान सके कि नौवें पातशाह ने "तिलक और जंझू" की रक्षा के लिए अपना शीश न्योछावर कर दिया और उनके तीन छोटे सिखों ने भी मुगलों के हुक्म को न मानकर शहादत की सज़ा स्वीकार की। लेकिन आज देश में सिखों को बार-बार यह एहसास दिलाया जा रहा है कि वे दोयम दर्जे के नागरिक हैं। कभी पेपर देने वाले बच्चों पर पाबंदियाँ लगाई जाती हैं, कभी हवाई अड्डे पर काम कर रहे सिख युवाओं को परेशान किया जाता है, कभी सिख इतिहास से छेड़छाड़ की जाती है, कभी पगड़ी और गुरु ग्रंथ साहिब जी का अपमान किया जाता है, और राम रहीम व आसाराम जैसे गंभीर अपराधों के दोषियों को बार-बार पैरोल दी जाती है। इन सवालों पर कोई जवाब भी नहीं दिया जाता। 

सिख कैदियों के मुद्दों पर विचार तक नहीं किया जाता। क्या दिल्ली कमेटी के आयोजक शताब्दी समारोह में उपस्थित होने वाले देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के समक्ष सिखों के गंभीर मुद्दों को उठाएंगे या फिर केवल औपचारिक समारोह आयोजित करके अपना बदला लेंगे? दिल्ली कमेटी को शताब्दी समारोह की तैयारी तीन महीने पहले ही कर लेनी चाहिए थी, लेकिन हर मामले में उनकी अनुभवहीनता देश को शर्मसार ही करती है। गुरुओं की शहादत दिल्ली में हुई थी, इसलिए यह समारोह दिल्ली में बड़े पैमाने पर मनाया जाना चाहिए, लेकिन कमेटी अध्यक्ष द्वारा एसजीपीसी को औपचारिक रूप से पत्र लिखकर बदला लेना उचित नहीं है। उनका कर्तव्य था कि वे एसजीपीसी अध्यक्ष, तख्त हजूर साहिब कमेटी, तख्त पटना साहिब कमेटी से व्यक्तिगत रूप से मिलकर अनुरोध करते, लेकिन चूंकि वे तीन-चार लोगों से घिरे हुए हैं, इसलिए उनकी सोच भी उन्हीं तक सीमित रह गई है।

Friday, August 01, 2025

जत्थेदार दादूवाल को रजत पट्टिका से सम्मानित किया गया

 From Sarabjeet Singh Sufi on Friday 1st August 2025 at 15:13 Regarding Sant Baljeet Singh Daduwal

वाशिंगटन डीसी के कैपिटल हिल स्थित व्हाइट हाउस में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया


लुधियाना
: 1 अगस्त 2025: (सरबजीत सिंह सूफी//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

अंतर्राष्ट्रीय सिख उपदेशक जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल, धर्म प्रचार हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष शिरोमणि अकाली दल आज़ाद, कुछ दिनों की अपनी निजी यात्रा पर अमेरिका पहुँचे हैं। 

जत्थेदार दादूवाल की पंथिक सेवाओं को ध्यान में रखते हुए, अमेरिका में विभिन्न स्थानों पर प्रतिष्ठित हस्तियों द्वारा उनका सम्मान किया जा रहा है। इसी कड़ी में, जत्थेदार दादूवाल ने जत्थेदार चरण सिंह और प्रख्यात सिख विचारक डॉ. सुरिंदर पाल सिंह के साथ व्हाइट हाउस और सीनेट हाउस, कैपिटल हिल, अमेरिका के राष्ट्रपति के निवास का दौरा किया। 

इस यात्रा को अमेरिकी सीनेट के वरिष्ठ कांग्रेसी स्टेनी एच. होयर ने प्रायोजित किया था। इस यात्रा के दौरान जत्थेदार दादूवाल जी ने कहा कि अमेरिका विश्व में एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में जाना जाता है और भारत-अमेरिका संबंध हमेशा से सौहार्दपूर्ण रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि भविष्य में जब भी अमेरिकी राष्ट्रपति या अमेरिकी सरकार का कोई प्रतिनिधि भारत आएगा, तो वह उनसे पंजाब और हरियाणा के ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करने का अनुरोध अवश्य करेंगे। 

व्हाइट हाउस यात्रा के दौरान, सिख विचारक डॉ. सुरिंदरपाल सिंह गिल को चेयरपर्सन इंटरनेशनल फोरम यूएसए, जत्थेदार चरण सिंह प्रेमपुरा, अध्यक्ष एनआरआई विंग यूएसए और जत्थेदार दादूवाल ने स्मृति चिन्ह रजत पट्टिका देकर विशेष रूप से सम्मानित किया।

Thursday, July 31, 2025

62 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का भंडाफोड़

Thursday: CGST News  31st July 2025 at 12:08 PM PIB Ludhiana 

सीजीएसटी लुधियाना ने  किया; अब तक दो गिरफ्तारियां

लुधियाना: 31 जुलाई 2025: (मीडिया लिंक रविंदर//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर, केंद्रीय जीएसटी लुधियाना द्वारा ऑडियो-वीडियो प्रोडक्शन क्षेत्र की कई फर्मों के विरुद्ध जांच की गई, जिसमें 62 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन फर्मों ने 342 करोड़ रुपये मूल्य की सेवाएं विदेशी संस्थाओं से आयात की थीं और उस पर जीएसटी का भुगतान नहीं किया।

जांच में यह भी सामने आया है कि इन फर्मों ने जीएसटी कानूनों के अंतर्गत निर्धारित कोई भी दस्तावेजी प्रक्रिया का पालन नहीं किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह कर चोरी सुनियोजित और जानबूझकर की गई।

इन फर्मों को संचालित करने और बनवाने में शामिल दो व्यक्तियों को को कल, अर्थात् 30 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया गया।

अब तक की गई इन दो गिरफ्तारियों के साथ, जांच अभी जारी है ताकि इस नेटवर्क की पूरी श्रृंखला और चोरी की कुल राशि का पता लगाया जा सके।

सीजीएसटी लुधियाना आयुक्तालय ईमानदार करदाताओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने और कर धोखाधड़ी की पहचान करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है।

Friday, July 11, 2025

वतरुख फाउंडेशन ने रामपुर में मनाया वन महोत्सव

From Vatrukh Foundation on 11th July 2025 at 13:58 Regarding Tree Planting//Van Mahotsav 

वतरुख फाउंडेशन की ओर से, 11 जुलाई 2025 को 13:58 बजे, वृक्षारोपण/वन महोत्सव के संबंध में

गांव में 500 पेड़ लगाए गए////बदला गया गांव रामपुर का नज़ारा 


लुधियाना
: 11 जुलाई 2025: (कार्तिका कल्याणी सिंह//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

यह धरती कभी फूलों, फलों और पेड़ों से सजी रहती थी। विकास के नाम पर इन पेड़ों को काटकर वनस्पति विहीन बना दिया गया। सीमेंट, कंक्रीट और पत्थरों के जंगल ने न केवल तापमान बढ़ाया, बल्कि सांस लेने लायक ऑक्सीजन भी नहीं छोड़ी। आज हवा भी प्रदूषित है और पानी भी। 

कहा जाता है कि अगर घर के आँगन में या दरवाज़े पर दस-बारह फीट ऊँचा नीम का पेड़ लगा दिया जाए, तो वह तीन एयर कंडीशनर जितनी प्राकृतिक ठंडक देता है। शायद यही वजह है कि होशियारपुर और पठानकोट के कई इलाके ऐसे हैं जहाँ भीषण गर्मी में भी पंखे चलाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। शुद्ध ऑक्सीजन से तन और मन स्वस्थ रहते हैं। जब सरकारें और बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ पेड़ लगाने लगी हैं, तो एक संस्था भी विपरीत दिशा में जाने का साहस दिखा रही है। यह संस्था हमें याद दिला रही है कि अगर हमारे आस-पास की शांति खो गई है, तो यह हमारे कुकृत्यों का ही परिणाम है। हमें प्रकृति के विनाश को रोकना होगा, अन्यथा हमें आपदाओं का सामना करना पड़ेगा। इस सब को गंभीरता से लिया एक संस्थान वतरुख फाउंडेशन ने। 

मौजूदा स्थिति को देखते हुए वतरुख फाउंडेशन ने भी आज इसी दिशा में एक नया प्रयास किया है। आज लुधियाना ज़िले के रामपुर गाँव में वन महोत्सव मनाया गया। गाँव में लगभग 500 पेड़ लगाए गए। इस आयोजन में ननकाना साहिब स्कूल रामपुर के बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। आज रामपुर का नज़ारा देखने लायक था।

ननकाना साहिब स्कूल के प्रधानाचार्य जसविंदर सिंह ने कहा कि पेड़ लगाना ही नहीं, बल्कि उनकी देखभाल करना भी ज़रूरी है। सरपंच जसवंत सिंह ने कहा कि पेड़ आज के समय की ज़रूरत हैं। उन्होंने लोगों को पेड़ों के महत्व और पर्यावरण पर बढ़ते खतरों के बारे में भी जागरूक किया।

इस शुभ अवसर पर, वटरुख फाउंडेशन की स्मिता कौर ने कहा कि पंजाब के वृक्षारोपण क्षेत्र को पंजाब के भौगोलिक क्षेत्रफल के 3.67% से बढ़ाकर 33% किया जाएगा। इससे भूजल स्तर में सुधार होगा और स्वच्छ वायु का निर्माण होगा। इस प्रकार, इस संस्था के पास भविष्य के लिए कई रचनात्मक योजनाएँ हैं। इन योजनाओं के तहत, पंजाब की इस दिशा से जुड़ी समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा, जिससे पंजाब पहले जैसा हो जाएगा।

इस अवसर पर, वन विभाग से श्री बलदेव सिंह, गुरमनीत सिंह मंगत, स्वर्णजीत कौर, नवदीप कौर और अभिषेक शर्मा भी उपस्थित थे। ग्रामीणों ने इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया।

Saturday, June 28, 2025

एक अधूरी आवाज़, एक ठहरी हुई चुप्पी

From Human Emotional State On Friday at 11:19 PM, 27th June, 2025, updated on 28th June, 2025 at 08:59 PM.

‘इंतज़ार में आ की मात्रा’ के आसपास की दुनिया


चंडीगढ़
: 27 जून, 2025 : (कार्तिका सिंह//पंजाब स्क्रीन डेस्क):: 

प्रेम को धैर्य की दरकार होती है... !!! काफ़ी देर बाद जब एक सुन्दर किताब पढ़ी जाती है तो, .... तो उस धैर्य में लिपटे प्रेम की बात ही अलग होती है। तो, ऐसा कुछ नहीं है मेरे पास कहने के लिए, लेकिन इस विषय पर संवाद करने की ख़्वाहिश हरदम शिद्दत से कायम रहती है।  

इसी सिलसिले में, लगभग दो महीने पहले एक किताब मिली, और उसी दिन से उसे लेकर लिखने के बारे में सोच रही हूँ। लेकिन आज जा कर लिख पा रही हूँ। कई बार सोचा कि जब पूरी पढ़ लूँगी, तभी कुछ कहूँगी, तभी इसके बारे में लिखूंगी। मात्रा में 

लेकिन कुछ किताबें ऐसी होती हैं जिन्हें चाहकर भी पूरी तरह पढ़ा नहीं जा सकता। आख़िरी पन्ने तक पहुंचने के बाद भी आप फिर से किसी एक कविता, एक पंक्ति, या एक शब्द के पास वापिस लौट हैं, उसके साथ इस तरह जुड़ जायेंगे, जैसे कि वो आपके लिए ही लिखा गया हो।

किताबों से इतर ये किताब आपके मन से होते हुए, कब आपकी सोच और रूह तक पहुँच जाएगी, इसे वक़्त की भाषा में समझा पाना मुश्किल है। शायद पलक झपकने से भी कम समय में यह आपके दिल पर एक छाप छोड़ जाएगी। 


'इंतज़ार में आ की मात्रा’ — नवीन रांगियाल जी का कविता संग्रह, जिसमें लगभग 170 कविताएँ हैं —
इन्हें पढ़ने के बाद आप वैसे नहीं रहते जैसे पहले थे।
एक नई-सी महसूस करने की ऊर्जा जैसे भीतर बहने लगती है।
बिना किसी हड़बड़ी के। बिना किसी जल्दबाज़ी के।

हर शब्द में एक सहजता है। एक सरलता है।
जैसे-जैसे आप पन्नों पर बढ़ते हैं, वैसे-वैसे कभी लौट कर पिछले पन्ने भी टटोलने लगते हैं।
क्योंकि वहाँ कुछ छूटा हुआ सा लगता है — और वही “छूटा हुआ” सबसे ज़्यादा अपना लगता है।

कभी लगता था, कि मन भावनाओं का ज़ाल है। जिसके तले सारा ब्रह्माण्ड समा सकता है, और शायद शब्द इस भावनाओं को बताने और जताने के रास्ते कम, पर बोझ ज़्यादा लगते हैं। 
वैसे ही जैसे, जब आपके पास बहुत कुछ होता है कहने के लिए, पर बताना नहीं आता। जाहिर करना नहीं आता। 

पर अगर शब्द इन कविताओं जितने ही सरल और सहज होते हुए, एक असीम और गहरा अर्थ छुपाये हुए हों, तो उन्हें बयां किया जा सकता है। 

खैर, 'इंतज़ार में आ की मात्रा' - कविताओं का ये संग्रह आपको भावनाओं के हर क्षितिज पर लेकर जायेगा। नवीन जी पत्रकार हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया, लोकमत, वेबदुनिया जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ जुड़ चुके हैं।
इन प्रोफ़ेशनल परिचयों से इतर — वे कमाल के कवि और लेखक हैं।

मुझे नहीं पता कविताओं ने उन्हें ढूँढा या उन्होंने कविताओं को, पर उनके द्वारा लिखी हर कविता, हर प्रोज, हर शब्द आत्मीयता की गंध समाये हुए हैं। जैसे कि वो लिखते हैं —

"ये दुनिया तब तक चलती रहेगी, जब तक हम एक-दूसरे से मिलने जाते रहेंगे।"

और उस कविता में:

दुनिया में सबकुछ सही चल रहा है
जहां कहना था, वहां चुप्पियां रख दी गईं
जहां रोकना था, वहां जाने दिया
हर जगह सही बात कही और सुनी गई
सभी ने अपने लिए सबसे सही को चुना
सबकुछ सही तरीके से रखा गया
कहीं भी कोई गलती नहीं की गई
नतीजतन, सारे हाथ गलत हाथों में थे
सारे पांव गलत दिशाओं में चले गए
दुनिया में सारे फैसले सही थे 
इसलिए सारे सफ़र ग़लत हो गए।

जिंदगी और नौकरी की दुश्वारियों में -- कला का सृजन बेहद अद्भुत है। इस अनुभूति की अभिव्यक्ति करना ही जैसे नविन का मुख्य पेशा हो। वो दिल के ज़ज़्बातों को इतनी सरलता से आपके सामने रख देते हैं, जैसे कि वो शब्द आपके लिए ही लिखे गए हों। और लगता है, यही नवीन जी का असली पेशा है —

जो तुम्हारे लिए नहीं लिखा गया,
उसमें भी उपस्थित हो
और अदृश्य की तरह
मौजूद हो तुम
हर तरफ़
दूरी में बहुत दूर जैसे
ज़िंदगी में "न" की बिंदी
इश्क़ का आधा "श"
और इंतज़ार में "आ" की मात्रा की तरह। 

प्रेम और संवेदनाओं से आगे बढ़कर, वे आज के हालात के बारे में भी बखूबी लिखते हैं। 

सबसे पहने जबान काटी जाती है 
सबसे पहले रीढ़ तोड़ी जाती है 
फिर चाहे वो किसी आदमी की हो 
या हाथरस की किसी लड़की की हो 

और जब वह लिखते हैं —
"एक पंक्ति की प्रतीक्षा के लिए लंबे समय तक जिया जा सकता है,
एक पूरी रात काटी जा सकती है।
दो वाक्यों के बीच के कुछ भी न होकर एक आसान ज़िंदगी चुनी जा सकती है।"
तो दो अक्षरों और दो वाक्यों के बीच में रहना,
मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती। वे दो वाक्यों के बीच की 'ख़ामोशी' को भी कविता बना देते हैं।
उस खालीपन को जी लेना — शायद वही सबसे बड़ी कविता है।

आप इस किताब को Amazon, गूगल बुक्स या सेतु प्रकाशन के वेबपोर्टल से ऑनलाइन आर्डर कर सकते हैं। 
अगर आप साहित्य, शब्दों और ख़ास तौर पर कविताओं से प्रेम करते हैं तो इसे पढ़िए ज़रूर। 
उनकी दूसरी किताब भी जल्द ही आ रही है। 
आशा है, कि पत्रकार होते हुए, कवितायेँ ऐसे ही उनकी ज़िन्दगी में ख़बरों को ओवरटेक करती रहें।

क्यूं बेख़ौफ़ हैं सड़कों पर हत्याएं करने वाले हत्यारे?

जत्थेदार तलवंडी के पूर्व पीए की हत्या ने उठाये कई सवाल 

दुगरी रोड लुधियाना: 28 जून 2025: (मीडिया लिंक रविंदर//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

सरेआम सड़कों पर हत्याएं बढ़ रही हैं और कातिल टोले लगातार बेख़ौफ़ हैं। खून खराबा एक आम बात हो गई है। मारकाट और हत्या को अपना लाइफस्टाईल बनाने वालों को शायद लगता है कि उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। उन्हें कोई रोकने वाला भी नहीं।  जग्गू भगवानपुरिया की मां को कत्ल करने का मामला अभी ताज़ा ही था कि लुधियाना में भी बीच सड़क पर पूर्व सांसद और वरिष्ठ अकाली नेता जगदेव सिंह तलवंडी के PA को तलवारों से काट डाला गया। वहां भी राह जाते लोग तो थे लेकिन डर के मारे कोई बचाने नहीं आया लोग हां कुछ लोग वीडियो बनाते रहे। हत्यारों ने जी भर कर अपनी रंजिश और गुस्सा निकाला। 

लुधियाना में शिअद नेता जत्थेदार झगड़े सिंह तलवंडी कभी अकालीदल के प्रधान थे। उन्हें लोहपुरुष कहा ही नहीं बल्कि समझा भी जाता था। उन्हीं के पूर्व PA कुलदीप सिंह मुंडियां की सरेआम तलवारों से हत्या कर दी गई। बर्बरता से की गई इस हत्या ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। जब बाहुबली ही बाहुबलियों की इस तरह सरेआम हत्याएं करने लगे हों तो अनुमान लगाइए आम इंसानों का डर के मारे क्या हाल हो रहा होगा।  अकाली नेता के पी इ रह चुके क्लुलदीप सिंह पर कार सवारों ने घेरकर हमला किया और सड़क पर ही मौत तक उन्हें पीटते भी रहे और तलवारों से काटते भी रहे। इस जघन्य घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है। कहा जाता है कि इसे किसी राहगीर ने बना लिया था। 

सुरक्षा प्रबंधों में इतनी गिरावट शायद किसी ने नहीं सोची होगी। पंजाब के लुधियाना की सड़कों पर शुक्रवार देर रात दिल दहला देने वाला भयानक दृश्य था। पुलिस थाना भी नज़दीक ही है लेकिन हत्यारों को कोई डर न था। जब शिअद के पूर्व सांसद जगदेव सिंह तलवंडी के पूर्व पीए कुलदीप सिंह मुंडियां की सड़क के बीचोंबीच तलवारों से काटकर बेरहमी से हत्या की जा रही थी उस समय भी सड़क पर आनेजाने वालों की गिनती कम नहीं थी। हिंसक वारदातों में होती जा रही  बढ़ोतरी के चलते लोग भयभीत हैं। वे ऑंखें मूंद कर निकल जाते हैं या फिर वीडियो बनाते रहते हैं। इस घटना के समय भी आसपास मौजूद लोग मदद करने की बजाय वीडियो बनाने में लगे रहे।  जैसा कि अक्सर होता है इस वारदात के बाद भी आरोपी अपने शिकार की जान लेने के बाद बड़ी सफलता से फरार हो गए। घटना के बाद इस बार भी इलाके में दहशत का माहौल बन गया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और इस घटना की सूचना कुलदीप के परिजनों को दे दी गई। जल्द ही आरोपी पकड़े भी जाएंगे लेकिन क्या बनेगा उस बेखौफी का जिसके चलते  ऐसी वारदातें कहीं न कहीं होती ही रहती हैं। 

यह पूरी वारदात भी कुछ ही मिनटों में हो गई लेकिन किसी ने उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिससे पुलिस को आरोपियों की पहचान में मदद मिल रही है।लेकिन  हत्या वाले यह कुछ मिंट इलाके के लोगों के दिल दिमाग में एक ऐसा डर छोड़ गए हैं जो जल्द नहीं निकलेगा। 

थाना सदर की एसएचओ अवनीत कौर ने बताया कि फिलहाल हत्या के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं है, लेकिन पहली नज़र से देखें तो ज़मीनी विवाद की आशंका भी जताई जा रही है।

उन्होंने कैसे अपनी संपत्ति बनाई इसके विवरण भी समय समय पर सामने आते रहेंगे। काफी समय से कनाडा में है मृतक कुलदीप सिंह का पूरा परिवार। यहाँ पंजाब में वह अकेले रहते थे। कैनेडा में उनके परिजनों को इस घटना की खबर दे दी गई है। 

पुलिस के अनुसार, कुलदीप कुछ समय कनाडा में रहकर लौटे थे और लुधियाना में अकेले रहते थे। धांधरा रोड पर उनका फार्महाउस था। इसके साथ ही वह प्रॉपर्टी का कारोबार भी करते थे। हो सकता है कि किसी डील को लेकर उनकी किसी से रंजिश रही हो। परिवार के लौटने के बाद ही हत्या की असली वजह का पता चल सकेगा। फिलहाल इस हत्या ने जहां उनके परिवार और जान पहचान वालों को उदास कर दिया है वहीं इलाके के लोगों के मानों में सनसनी और दहशत भी छोड़ दिया है। लोगों के मन में से डर निकालना भी पुलिस के लिए एक चुनौती बनी रहेगी। 

Thursday, June 05, 2025

विश्व पर्यावरण दिवस पर लुधियाना ने एकजुटता दिखाई

From N K Mahendru on Thursday 5th June 2025 at 5:47 PM Ploggers Drive 2025 Ludhiana

#BeatThePlastic के लिए चलाई प्लाग्रास ड्राइव-2025 


लुधियाना: 5 जून 2025: (मीडिया लिंक रविंद्र//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

लुधियाना में फिलैंथ्रोपी क्लब द्वारा एक प्रेरणादायक और सहयोगात्मक प्रयास के तहत जिला प्रशासन, नगर निगम लुधियाना और सिटीनीड्स के सहयोग से विश्व पर्यावरण दिवस पर प्लाग्रास ड्राइव - 2025 का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में 800 से अधिक नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिन्होने सुबह 5:30 बजे शहर भर के 15 अलग-अलग मार्गों से शुरू हुआ और जॉगिंग करते हुए प्लास्टिक कचरा एकत्र किया। इस दौरान एकत्र किए गए कचरे को सुबह 7:00 बजे तक सेंट्रल कन्वर्जेंस पॉइंट - रोज़ गार्डन - पर नगर निगम के पास जिम्मेदारी से जमा किया गया।

इस श्रृंखला के तहत, सराभा नगर, मल्हार रोड, मॉडल टाउन, प्रीत पैलेस, रेलवे स्टेशन, दुगरी, वेव्स मॉल, मॉल रोड, भारत नगर चौक के अलावा शहर भर में 6 अन्य स्थानों पर फ्लैग ऑफ पॉइंट बनाए गए, जिससे कुल 15 रणनीतिक मार्ग रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। उन्होंने नागरिकों की भारी भागीदारी की सराहना की और पर्यावरण स्थिरता के लिए सामुदायिक जिम्मेदारी के महत्व पर जोर दिया।

इस दौरान जागरूकता फैलाने के लिए आयोजित कार्यक्रमों में मार्शल एड द्वारा प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में जागरूकता फैलाने वाला एक नुक्कड़ नाटक, बिंदिया सूद द्वारा एक जीवंत नृत्य प्रदर्शन, संजय त्यागी द्वारा एक शांत योग सत्र, फिटनेस और माइंडफुलनेस को बढ़ावा देना शामिल था। सक्रिय भागीदारी को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए, अधिकतम मात्रा में कचरा इकट्ठा करने के लिए पुरस्कार दिए गए।

इस दौरान, मार्शल एड, रनर्स ब्रू क्रू, लोधी क्लब, डू गुड फाउंडेशन सहित विभिन्न अधिकतम कचरा संग्रह प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित किया गया।

इन समूहों ने असाधारण भावना, टीमवर्क और पर्यावरण प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया।

इस आंदोलन के केंद्र में फिलैंथ्रोपी क्लब था, जिसके अथक समर्पण और नागरिक संगठनों और स्वयंसेवकों के साथ सहज समन्वय ने इस विशाल पहल को संभव बनाया। मार्ग नियोजन और नागरिकों को संगठित करने से लेकर जागरूकता सत्र और सांस्कृतिक प्रदर्शन आयोजित करने तक, क्लब ने सुनिश्चित किया कि "मेरा लुधियाना, मेरी जिम्मेदारी" का संदेश जोर से और स्पष्ट रूप से गूंजे।

लुधियाना ने मिलकर एक उदाहरण प्रस्तुत किया कि एक संयुक्त सामुदायिक अभियान कैसा होता है, जिसका नारा था - एक स्वच्छ, हरा-भरा और अधिक जागरूक कल।