Saturday, March 27, 2010

आवाज़ की दुनिया

हालांकि मैंने काफी समय से रेडियो नहीं सुना लेकिन फिर भी अभी यह कल की बात ही लगती है. बिनाका गीत माला और तामील-ए-इरशाद का एक अलग ही संसार था. फरमाइश में भाग लेने वाले श्रोतायों में एक परिवार की तरह प्यार बना हुआ था. एक दूसरे से दुआ सलाम और हाल चाल पूछना एक आम सी बात थी. एक दूसरे से मिलना मिलाना और एक दूसरे के  पारिवारिक समारोहों में भाग लेना एक अवशयक हिस्सा बन गया था. दूरदर्शन के लोकप्रिय होते ही धीरे धीरे निजी टीवी भी आया और फिर केबल का करिश्मा छाता ही चला गया. इस सब कुछ से रेडियो का जादू कम तो नहीं हुआ लेकिन नयी पीड़ी का एक बहुत बड़ा हिस्सा इस से वाकिफ भी नहीं हो पाया. मैंने अख़बारों में भी काम किया और टीवी में भी लेकिन जो मज़ा मुझे रेडियो के लिए काम कर के आता था वह कभी नहीं आया. आकाशवाणी जालंधर में काम करने वाले सभी लोग कैसे एक प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए जी जान से सहयोग देते थे उसे शब्दों में ब्यान नहीं किया जा सकता. एक एक गीत, एक एक वार्तालाप, एक एक मुद्दा....तन, मन और अंतर आत्मा की सभी शक्तियों को केवल आवाज़ पर केन्द्रित करके काम करना. केवल और केवल आवाज़ के ज़रिये दर दूर बैठे लोगों के दिल और दिमाग तक पहुंचना..सचमुच किसी साधना से कम नहीं होता. रेडियो अभी भी चल रहा है. पर बहुत से गीत हैं जो अब भूले बिसरे लगते हैं. इस तरह के कई गीत हैं और कई गजलें. अगर आप चाहें तो इनका आनंद पा सकते हैं. अभी......बस यहां क्लिक करके !  जहां आपको मिलेगा रेडियो से जुड़ा हुआ बहुत कुछ और भी. --रैक्टर कथूरिया.







Wednesday, March 24, 2010

अब बस आने ही वाला है राम राज्य---कहा स्वामी आत्म योगी ने



दुनिया में अशांति बढ़ रही है, जुर्म भी बढ़ रहा है और पाप भी.  चारो तरफ निराशा ही निराशा है. अन्धेरा ही अन्धेरा है. पर इस नाज़ुक हालत में एक आशा की किरण जगाई है स्वामी आत्म योगी ने.  आज राम नवमी  के पावन अवसर पर उन्होंने अपना यह आशवासन दोहराया है कि अब राम राज्य  निकट है. राम राज्य के जल्द आने की भविष्यवाणी करते हुए उन्होंने अयोध्या में बुधवार 24 मार्च 2010 को सुबह 9 बजे एक विशेष बैठक भी की. उन्होंने स्पष्ट किया की राम चेतना का  विस्तार करके दुनिया में से राजनीतक प्रदूषण को पूरी तरह जड़ से समाप्त किया जा सकता है. गौरतलब है कि भगवान राम के अस्तित्व की चर्चा अंग्रेजी में अक्सर होती रही है. राम राज्य मुद्रा भी आ चुकी है. इस विशेष बैठक में स्वामी आत्म योगी के कई पैरोकार और सभी ग्रुपों के बहुत से सदस्य भी मौजूद थे. इस मौके पर दूर बैठे सदस्यों से भी कहा गया कि वे अपने अपने स्थानों पर रहते हुए भगवान राम की चरण पादुकाएं स्थापित करके कम से कम दस मिनट के लिए संकीर्तन के साथ उनकी पूजा करें. गौरतलब है की राम राज्य फाऊंडेशन को हॉल ही में हैदराबाद में पंजीकृत किया गया था  पंजीकर्ण  के बाद स्वामी आत्म योगी की देखरेख में ही तमिलनाडुकर्णाटकमहाराष्ट्रदिल्ली  और चंडीगढ़ चैपटरों की स्थापना भी की गयी. लम्बे समय से सरगरम इन संगठनों की चर्चा पहले भी होती रही है. --रैक्टर कथूरिया  

Monday, March 22, 2010

बस अब यादें रह गयीं पूनम सपरा की


उन दिनों दैनिक जागरण ने अभी पंजाब में कदम रखा ही था. पंजाब के जानेमाने पत्रकारों वाले इस स्टाफ में हंमारे साथ पूनम सपरा भी थी. पूरी तरह गहर गंभीर और एक दम तेज़ तरार. उस ने मेडिकल बीट संभाली तो सब के छक्के छुड़ा दिए. खबर की तलाश में निकलती तो एक शिकारी की तरह. वह कभी ख़बरों के शिकार से खाली हाथ नहीं लौटी थीं. खबर भी ऐसी कि परत दर परत वह सब कुछ बेनकाब कर देती. 
   लड़कियों के लिए एक मिसाल बन कर रहने वाली पूनम कलम के साथ साथ बहादुरी में भी तेज़ थी. एक दिन कुछ मनचले उसे अकेली लड़की समझ कर उसके पीछे हो लिए. वे नहीं हटे तो लुधियाना के जगराओं पुल पर बने शहीदी स्मारक वाले चौक पर उसने अपना स्कूटर रोका और कराटे का वार करते हुए उन मनचलों को नानी याद करवा दी. उन दिनों पुल उतरते ही दैनिक जागरण का कार्यालय हुआ करता था. सो कुछ ही पलों में हम सब भी वहां पहुंच गए लेकिन तब तक पूनम ने सारी हालत खुद ही संभाल ली थी. पुलिस वाले और वहां मौजूद लोग पूनम की बहादुरी की तारीफ कर रहे थे. 
      इसी तरह एक बार  किसी खबर का मामला था. क्रिसमिस के पावन त्यौहार के मौके पर पूनम की दलेराना कवरेज के कारण गुस्से में आये कुछ लोगों ने उस पर हमला करवा दिया. लेकिन पूनम ने अपनी दलेरी नहीं छोड़ी और उसने इस मामले में भी साबित किया की हम किसी से कम नहीं. ख़बरों की दुनिया में उसकी दलेरी एक मिसाल थीं. मामला चाहे सिवल अस्पताल में भ्रष्टाचार का हो, चाहे लुधियाना जेल के कैदियों की तरसयोग हालत का या फिर स्टाम्प घोटाले का. उसने हर खबर में अपनी कलम कौशलता को साबित किया. काम के दौरान होने वाले हमारे गुस्से गिले और शिकवे शिकायतें सब चलते थे पर पूनम ने कभी इन बातों को अपने मन में स्थायी घर नहीं बनाने दिया. 
        रविवार 21 मार्च 2010 को उसके निधन की दुखद खबर सुन कर मुझे एक बार तो यकीन ही नहीं हुआ. पूनम ने तो अभी बहुत कुछ करना था. समझ नहीं आ रहा था कि नवरात्र के इन दिनों में भगवान ने यह क्या कर दिया. पूनम का निधन केवल उसके परिवार के लिए या अकेले जागरण समूह के लिए ही नहीं बल्कि पूरे मीडिया जगत के लिए, हम सब के लिए एक अपूरणीय क्षति है. उसकी हिंदी मुहारत. उसकी ठेठ पंजाबी और कभी कभी मूड आने पर मुल्तानी का रंग...अब सब अतीत का हिस्सा हो गया..जिसे हम अब नहीं सुन पायेंगे...बस केवल उसकी यादें हैं जो बनी रहेंगी....!    --रैक्टर कथूरिया  







Saturday, March 20, 2010

....और अब आज़रबायीजान में शुरू हुआ ब्लागरों पर हकूमती कहर.

मिस्र में ब्लागरों पर हकूमती कहर की खबर अभी ताज़ा ही थी कि अब आज़रबायीजान में  भी इस खतरनाक सिलसिले की शुरुयात हो गयी है. वहां पर निशाना बनाया गया है उन दो बलागरों को जिन पर आरोप है कि उन्हों ने कुछ ऐसी वीडियो यू-टयूब  पर पोस्ट कर दी जो सरकार को रास नहीं आती. अदनान हजिज़ादे और  एमिन मिल्ली की सभी अपीलों और दलीलों को सिरे से ही ख़ारिज करते हुए बाकू की अदालत ने उन्हें दो और ढाई साल

कैद की सजा सुना दी. सुनवाई और सजा का यह सारा ड्रामा दस मार्च

2010 बुधवार को हुआ. अमनैस्टी इंटरनैशनल के यूरोप और केंद्रीय एशिया

के डिप्टी प्रोग्राम डायरेक्टर ऐन्द्रिय हुबेर ने इस सारे मामले का गंभीरता से

नोटिस लेते हुए इसकी सखत निंदा की और उसी दिन एक विशेष प्रेस नोट

भी मीडिया को जारी किया. अमनैस्टी इंटरनैशनल ने ब्लागरों पर लगाये गए

आरोपों को आधारहीन और जाली बताते हुए इसे एक दमनपूर्ण कारवाई

बताया. ये दोनों ब्लागर अपने विचारों के आदान प्रदान के लिए यू-टयूब

 फेसबुक और ट्विट्टर का इस्तेमाल किया करते थे. इनकी गिरफ्तारी भी

एक बहुत ही नाटकीय ढंग तरीके से की गयी.  इन दोनों ब्लागरों पर पहले

तो दो अज्ञात व्यक्तियों ने अचानक कहीं से निकल कर हमला किया और जब

पुलिस वह पहुंची तो पुलिस ने उलटे इनको ही गिरफ्तार कर लिया. यू

टयूब पर पोस्ट की गयी वीडियो और और इस नाटकीय गिरफ्तारी में केवल

एक हफ्ते का अंतर है. पोस्ट की गयी स्टोरी में चर्चा थी उस डील के

जिसके अंतर्गत वहां की सरकार हजारों लाखों डालर खर्च करके जर्मनी से

गधों का आयात कर रही है. एक गधे को पत्रकार सम्मलेन संबोधित करते

हुए दिखा कर इस वीडियो में व्यंग्य का तीखा पुट डाला गया

है. करीब  सवा  पांच मिनट की इस वीडियो को देखने के लिए आप

यहां क्लिक कर सकते हैं.  इस मुद्दे को अंग्रेजी में पढने के लिए यहां

क्लिक करें.          

--रैक्टर कथूरिया 

Friday, March 12, 2010

अखंड कश्मीर संगठन की ओर से विशेष सेमिनार कोलकाता में

अखंड कश्मीर की चर्चा फिर ज़ोरों पर है. इस मुद्दे पर काफी कुछ कहा जा चुका है. हालांकि कश्मीर हिन्दू फाऊंडेशन भी इस मामले को लेकर अपनी सरगर्मियां चला रही है पर अब नया मोर्चा सम्भाला है अखंड कश्मीर नामक संगठन ने. अब इस सम्बन्ध में चर्च हो रही है कोलकाता में 13 मार्च को. प्रमुख वक्ता होंगें इस मिशन के संचालक स्वामी आत्म योगी जो कि काफी लम्बे समय से वैदिक एस्ट्रोलोजी में भी सरगरम हैं और  देश के ज्वलंत मुद्दों पर कई विचार गोष्ठियां करवा चुके हैं तां कि एक नयी मज़बूत और अखंड चेतना पैदा की जा सके. ब्लॉग जगत में भी इस की चर्चा हुई और अब कश्मीर की अखंडता के मुद्दे पर एक विशेष गोष्ठी कोलकाता में रखी गयी है. कार्यक्रम के मुताबिक सर्वप्रथम सुबह 11 बजे से 11.30 बजे तक पूजा होगी, फिर 11.30 से 12 :00 बजे तक राम राज्य फाऊंडेशन पशिचमी बंगाल इकाई की एक विशेष बैठक, उसके बाद आयोजित होगी वर्ल्ड सिन्धी फॉर्म की एक मीटिंग जिसमें सिन्धी होमलैंड के लिए प्लाट देने की चर्चा होगी. बाद दोपहर 2 से तीन बजे तक किसी भी अन्य विषय पर विचार विमर्श हो सकेगा. स्वामी आत्म योगी की देख रेख में ही 18 फरवरी 2010 को पुणे में एक विशेष सभा आयोजित करके उन सभी लोगों को श्रध सुमन अर्पित किये गए थे जो लोग बम धमाकों में मारे गए थे.  --रैक्टर कथूरिया 
  

Thursday, March 04, 2010

थकान को दूर भगाते संगीत के सुरीले पल




हैती में  जब 12 जनवरी को भूकंप आया तो उसने चारो तरफ तबाही मचा दी.  कैरीबियाई देश हैती में मंगलवार 12 जनवरी2010 (भारत में तिथि 13 जनवरी2010) को आया जबर्दस्त भूकंप था। इसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7.3 आंकी गई थी। इस शक्तिशाली भूकंप में हज़ारों लोग मारे गए। भूकंप से राजधानी पोर्ट-ऑ-प्रिंस के कई भवन ध्वस्त हो गए और कई स्थानीय निवासी उसके नीचे दब गए। आंकड़ों के अनुसार पिछले 200 वर्षों में हैती में यह सबसे शक्तिशाली भूकंप था. इस भूकंप के कम  से  कम 52 झटके 24 जनवरी तक भी महसूस किये गए. मौत के इस तांडव ने  करीब ढाई लाख  लोगों  की जान  ले ली, तीन लाख लोग घायल हो गए,ढाई लाख रिहायशी मकान और तीस हज़ार से अधिक व्यापारिक इमारतें बुरी तरह तबाह हो गयीं.  वहां के लोगों को राहत देने के लिए पूरी दुनिया ने अपना हाथ बढ़ाया. इस राहत कार्य में अमेरिका की सेना भी शामिल हुयी.राहत कार्यों में व्यस्त लेकिन थके हुए जवानों को नयी मानसिक ऊर्जा प्रदान करने के लिए संगीत का एक एक विशेष आयोजन हैती की राजधानी पोर्ट ओ प्रिंस में स्थित अमेरिकी दूतावास में आयोजित किया गया. तस्वीर में आप देख रहे हैं.Country singer Big Kenny, from the group Big & Rich  और अमेरिकी सेना स्टाफ के Sgt. Ryan Shilling को जो सैनिकों के लिए संगीत की मधुर स्वरियों से पूरे परिवेश को ही संगीतमय बना रहे है. 2 मार्च 2010को आयोजित हुए इस कार्यक्रम के  इन सुरीले और यादगारी पलों को कैमरे में कैद किया Mass Communication Specialist 2nd Class Joan E. Kretschmer ने. 
                                    --रैक्टर  कथूरिया  



Wednesday, March 03, 2010

विशेष ट्रेनिंग अभियान



यह तस्वीर है अमेरिका की नौसेना के जवानों की जो ले रहे हैं San Diego, Calif में 14 दिनों का विशेष परीक्षण. 14 दिनों के इस एडवांस्ड ट्रेनिंग कोर्स वे सभी तर्कीबी सिखाई जाती हैं जिनकी ज़रुरत नौसेना को पड़ती है. सागर की लहरों से अपनी कश्ती को बहार खींच कर लाते हुए इन जवानों की इस तस्वीर को अमेरिकी सेना और अमेरिकी रक्षा विभाग के लिए अपने कैमरे में कैद किया Mass Communication Specialist 2nd Class John Scorza ने.(DoD photo by Mass Communication Specialist 2nd Class John Scorza, U.S Navy/Released)

चुनौतियां जंग के मैदान की




जब जंग का मैदान हो अफगानिस्तान जैसा और दुश्मन हों तालिबान और अलकायदा तो मुकाबला बहुत ही कठिन और चुनौतीपूर्ण  हो जाता है. अमेरिकी  सेना के जवान और अधिकारी इसे बहुत ही मुस्तैदी से अंजाम दे रहे हैं. तस्वीर में आप देख रहे हैं को U.S. Army Sgt. Sean Wolff जो बहुत ही खोजी निगाहों से नज़र रख रहा है अपने आस पास के  इलाके पर.गौरतलब है कि उसकी ड्यूटी 1st Platoon, Charlie Troop, 1st Squadron, 33rd Cavalry Regiment. के साथ है. अमेरिकी सेना और अमेरिकी रक्षा विभाग के लिए इस तस्वीर को कैमरे में उतारा है Sgt.Jeffrey Alexander ने.            (DoD photo by Sgt. Jeffrey Alexander, U.S. Army/Released)

दिवंगत जनरल का सम्मान




अमेरिका की सेना में अपनी 38 वर्ष की डयूटी के दौरान तीन जंगों में अपनी बहादुरी दिखाने वाले Gen. Frederick C. Weyand  का 10 फरवरी 2010 को 93 वर्ष की आयु में देहांत हो गया.  उनकी याद और सम्मान में एक विशेष कार्यक्रम 27 फरवरी को National Memorial Cemetery of the Pacific in Honolulu में आयोजित किया गया. इस अवसर पर सेना स्टाफ के प्रमुख Gen. George W. Casey Jr. ने सेना के दिवंगत जनरल की स्मृति और सम्मान में उनकी बेटी को अमेरिका का फोल्ड किया हुआ झंडा बहुत ही आदर के साथ दिया. 
                         (DoD photo by Myles Cullen/Released)