Wednesday, October 12, 2011

वहीँ पहुँच गयी न सारी की सारी बात !


सब को यश चाहिए...पद चाहिए…कीर्ति चाहिए
अब कोई गाँधी..सुभाष … जैसे नेता तो नहीं रहे
वहीँ पहुँच गयी बात सारी की सारी…..सब को यश चाहिए…पद चाहिए …कीर्ति चाहिए….अब कोई गाँधी..सुभाष … जैसे नेता तो नहीं रहे…पर जो हैं बचे खुचे…. जिनका कद इन महान लोगों  के सामने तो बहुत छोटा है…पर फिर भी भारत का हर आशावादी ..पोसिटिव व्यक्ति…यही सोच कर अपने आपको दिलासा दे..कि कुछ तो पोसिटिव किया है इन लोगों ने….
वैसे सारे लोगों में एक व्यक्ति को अवश्य याद करना चाहूँगा .श्री राजीव दीक्षित…महान आत्मा….महान ज्ञानी…..चिन्तक….देशभक्त….बहुत किया उन्होंने… बहुत अध्ययन…एक एक विषय पर उनका रिसर्च… चाहे भ्रष्टाचार हो…गरीबी हो…स्वदेशी हो आतंकवाद हो…!
बड़ा काम क्या उन्होंने इस देश के लिए… लेकिन यश की बन्दर बाँट में  यह महान लोग लगे हैं…..

महेंद्र

क्यों नहीं आपने उस समय RSS के समर्थन को नकार दिया था

Tuesday, October 11, 2011

क्यों नहीं आपने उस समय RSS के समर्थन को नकार दिया था

राष्ट्र की बातें करते हो और दूसरों को अछूत भी मानते हो
एक भारत स्वाभिमानी ने साधा केजरीवाल पर जवाबी निशाना 
दोस्तों  
अभी मैं श्री अरविन्द केजरीवाल जी का बयान देख रहा था जिसमे उन्होंने कहा कि "RSS हमारे आन्दोलन का श्रेय न ले " | आपके अगस्त आन्दोलन के समय RSS के समर्थन की बातें जब विभिन्न समाचार चैनलों पर आ रहे थे तो क्यों नहीं आपने उस समय उस समर्थन को नकार दिया था, आप की हर बात को मीडिया कवर कर रहा था, आप संवाददाता सम्मलेन कर के कह देते कि हमें RSS, गायत्री परिवार, श्री श्री रविशंकर के संगठन, स्वामी रामदेव के संगठन का समर्थन नहीं चाहिए तो कोई भी संगठन आपके साथ नहीं आता, आपके आन्दोलन की सफलता में इन संगठनों का हाथ भी था लेकिन कभी आपने इनका धन्यवाद् ज्ञापन किया ? आपके आन्दोलन में भारत स्वाभिमान से जुडा एक युवक ओड़िसा में मर गया, कभी आपने झूठे मुह भी अफ़सोस जताया ? मैंने आपका लोकपाल बिल भी देखा था उसमे आपने लिखा है कि लोकपाल के पद पर मैग्सेसे पुरस्कार विजेता भी बैठ सकते हैं, आप पांच लोगों में से तीन लोग मैग्सेसे पुरस्कार विजेता हैं, जब मैग्सेसे पुरस्कार विजेता बैठ सकते हैं तो ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता क्यों नहीं ? नोबेल पुरस्कार विजेता क्यों नहीं ? परमवीर चक्र विजेता क्यों नहीं ? आप राष्ट्र की बातें करते हैं और आप दूसरों को अछूत भी मान रहे हैं, कैसे चलेगा? आप राष्ट्र नहीं संप्रदाय बनाने निकले हैं, जब संप्रदाय बनता है तो भीड़ की चिंता होती है, और जब संप्रदाय बनता है तो राष्ट्र और राष्ट्रहित कहीं पीछे रह जाता है, वहां व्यक्तिगत स्वार्थ घुस जाता है, आप तो वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं, नेताओं की भाषा बोल रहे हैं, जब आप राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगे हैं तो ये मान के चलिए कि कोई अछूत नहीं होता, आपको हर किसी के समर्थन की आवश्यकता होती है और आपको भी हर उस व्यक्ति का समर्थन करना होगा जो राष्ट्र निर्माण में लगा है | आपके अच्छे नियत (ऐसा प्रतीत हो रहा था) की वजह से लोग आपसे जुड़े थे, आपको लोग नेताओं से अलग मानते थे और आज आप नेताओं की भाषा बोलने लगे, लोगों की भीड़ देख के आप कुछ और समझने लगे, है न ?  और प्रशांत भूषण जी का कश्मीर के बारे में जो उदगार था वो काफी निराशाजनक था, देश की भावनाओं के विरुद्ध था | मैं कभी किसी संगठन से नहीं जुडा, क्योंकि मैं खुद को बांध के नहीं रखना चाहता, लेकिन हर उस व्यक्ति का समर्थन करता हूँ जो राष्ट्रहित और राष्ट्र निर्माण की बाते करता है लेकिन मुझे अफ़सोस है कि मैंने आप लोगों को समर्थन दिया था |   

एक भारत स्वाभिमानी
 
रवि 

मीडिया की नजर में जमीन का संघर्ष

पंजाब में फिर गरमाया जमीन के लिए किसान संघर्ष 
जमीन अधिग्रहण के अंतर्गत पंजाब में किसानों की जमीन पर निजी कम्पनियों के कब्ज़े का मामला फिर गर्माता जा रहा है. पंजाब के प्रमुख दैनिक हिंदी समाचार पत्र पंजाब केसरी ने किसानों पर हुए पुलिस एक्शन की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की है. पृष्ठ पांच पर इस खबर को तस्वीरों सहित प्रकाशित किया गया है.  

Monday, October 10, 2011

हमें माफ़ कर देना सोनी सोरी ,

हमारा लोकतंत्र तुम्हारे लिए नहीं है
इसे करीब एक घंटा पूर्व नरिंदर कुमार जीत ने पंजाब स्क्रीन ग्रुप में पोस्ट किया है. उन का कहना है कि छतीसगढ़ पुलिस की और से एक लडकी पर किये गए अत्याचार से सबंधित यह रचना उन्हें मिली है हिमांशू कुमार से. लीजिये आप भी पढ़िए और बताईये कि आप इस पर क्या सोच रहे हैं.

क्या आपकी कोई बेटी है ?
चलो थोड़ी देर के लिए उसका नाम सोनी सोरी रख देते हैं !

उसे पुलिस वाले बाँध कर घसीट रहे हैं , और वो रोते रोते आपको पुकार रही है ,
पापा मुझे बचा लो !
आप खड़े होकर देख रहे हैं , आपकी मासूम लाडली बेटी को पुलिस वाले घसीटते हुए ले जा रहे हैं !
इस समय आप विवश होंगे या क्रोधित ?
क्या करने का ख्याल आएगा आपके मन में ?
और उन्ही पलों में जब आपकी मासूम बेटी को पुलिस वाले घसीट रहे हैं ,
मैं उसी मनः स्थिति में आपके विचार जानना चाहता हूँ ,
"भारतीय लोकतंत्र " "संविधान" , "महान भारतीय संस्कृतिक परम्पराओं" के बारे में ?
चेहरा उधर मत घुमाइए !
मुझसे आँख मिला कर उत्तर दीजिये !
आपकी बेटी अभी भी चीख कर आपकी ओर आशा से देख रही है !
और आप उसकी चीखों का जवाब नहीं दे रहे हैं ?

सोनी सोरी की चीखें इतिहास हो जायेंगी !
पर हमारा पीछा नहीं छोड़ेंगी !
हमें माफ़ कर देना सोनी सोरी ,
हमारा लोकतंत्र तुम्हारे लिए नहीं है ,
न संसद, न हमारी दिखावटी नैतिकता और धार्मिकता, 
ये सब हमारे लिए हैं !
तुम आदिवासी हो, 
इसलिए तुम्हारे लिए है,
पिटाई , खुरदुरी ज़मीन पर पशु की तरह घसीटे जाना,
ज़िंदगी भर जेल में बैठकर, अपने तीन बच्चों को याद कर रोना ,
और फिर एक दिन चुपचाप एक गुमनाम मौत म़र जाना !
"सोनी सोरी मेरी बच्ची"
मैं तुम्हे भारतीय राष्ट्र की ओर से अंतिम विदाई देता हूँ !
आदिवासियों के सम्पूर्ण संहार के बाद जब हमारा प्रधान मंत्री,
लाल किले से इस एतिहासिक अपराध के लिए क्षमा मांगेगा ,
तब तुम हमें स्वर्ग से क्षमा कर देना ,सोनी सोरी !
अलविदा अलविदा

जिंदगी भर दुखों का जहर पीकर भी मुस्कराते रहे जगजीत !

गजल किंग जगजीत अब इस दुनिया में नहीं रहे ! इस बुरी खबर की आशंका कई दिन से बनी हुयी थी.ब्रेन हैमरेज का अटैक होने के बाद लीला वती अस्पताल में दाखिल होने की खबर ने ही इस अनहोनी की दस्तक दे दी थी. ज़िन्दगी भर दुखों और ग़मों से एक संग्राम करने वाले जगजीत आज हमारे दरम्यान नहीं रहे. श्री गंगानगर में जन्म, फिर पंजाब में संघर्ष और उसके बाद मुम्बई की चकाचौंध की दुनिया में जा कर भी संघर्ष. सुख भी आया. उस सुख की झलक भी सभी ने देखा पर उनके दुखों की सार केवल करीबी लोगों ने ही ली. केवल वही जानते थे की यह सुख भी एक छलावा था, एक सपना था, एक साया था. दिल में दर्द और मुख पर मुस्कराहट.जगजीत के जीने का अंदाज़ यही था.यही हिम्मत थी.यही जज्बा. दुःख को भी एक चुनौती थी जैसे कहते हों ले तू मुझे रुला के तो दिखा!    

हम आज फखर से क्ह सकते हैं की वह एक गायक नहीं बल्कि एक ऐसा योद्धा भी था जो शब्दों को गाता ही नहीं जीता भी था. उसने ज़िन्दगी के संग्राम में अदना, लड़ना और मुस्कराते हुए ग़मों का जहर पीना सिखाया. बस अब यादें ब्ज्ची हैं या फिर वह सुरीली आवाज़. 

धूमधाम से मनाया गया धनं धनं श्री गुरू रामदास जी का प्रकाश पर्व


सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब में हुयी दीपमाला 
आतिशबाजी में भी दिखा श्रद्धा और प्यार का जोश 
            अमृतसर 9 अक्टूबर  गजिंदर सिंह किंग:   
सिखों के चौथे गुरु श्री गुरु राम दास जी  के प्रकाश पर्व के  दिन आज सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब में दूर-दूर से आये श्रद्धालुओ ने  इस पवित्र दिवस पर  गुरु घर में नमस्तक होकर माथा टेका और गुरु घर से आशीर्वाद ले कर खुशियाँ प्राप्त की, वही इस उपलक्ष्य में आज  सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब में दीपमाला की गई और शाम के वक़्त रहि-रास पाठ की समाप्ति  के बाद यहाँ पर आशितबाजी चलाई गई, जो कि खूबसूरत नजारा  देखने लायक था और  श्रद्धालुओ ने दीपमाला व  आतिश का नजारा देख  आपने-आप को बहुत भाग्यशाली समझा  
सिखों के चोथे गुरु श्री गुरु राम दास जी  के प्रकाश पर्व पर  आज सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब में दूर-दूर से आये श्रद्धालुओ ने  इस पवित्र दिवस पर लम्बी लाइनों में खड़े होकर गुरु घर में नमस्तक होकर माथा टेका और गुरु घर से आशीर्वाद ले कर खुशियाँ प्राप्त की, वही इस उपलक्ष्य में आज  सच्च्खंड श्री हरि मंदिर के सरोवर की चारो परिक्रमा पर श्रद्धालुओ द्वारा दीप और मोमबतिया जलाई गई थी, शाम के वक़्त रहि-रास पाठ की समाप्ति के बाद शरो मणी  गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी की तरफ से सच्च्खंड श्री हरि मंदिर की लाइटों से सजवाट कर दीपमाला और खूबसूरत  आशितबाजी चलाई गई, जोकि खूबसूरत नजारा  देखने लायक थी
इस मौके पर इस नज़ारे को देख कर श्रद्धालुओ ने आज के दिन के बारे जानकारी देते हुए बताया, कि आज हम  सच्च्खंड श्री हरि मंदिर साहिब के दर्शन कर और श्री हरि मंदिर साहिब की दीपमाला व्  आशितबाजी का नजारा देख  आपने-आप को बहुत भाग्यशाली समझते है, इस अलोकिक नजारा देखने के लिए देश विदेश से आए लोगो का कहना है, कि इस तरह का अलोकिक नजारा कही देखने को नही मिलता, वहीं इस अलोकिक नाजारो को देख कर ऐसा लग था,कि आकाश में कोइ पटाखों की वर्ष हो रही हो,  सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब के उपर पटाखों की दस्तक एक अदभुत नजारा पेश कर रही थी, वहीँ दूर दूर से लोग यहाँ आ कर इस अलोकिक नज़ारे को देख रहे थे और गुरु घर की खुशियाँ प्राप्त कर रहे थे , हर कोई इस आतिश बाज़ी को ले कर आपने आप को भाग्यशाली बता रहा था 

Sunday, October 09, 2011

श्री गुरु रामदास जी के प्रकाश दिवस पर हुए कई आयोजन


सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब में सजाया  गया जलो
          अमृतसर 9  अक्टूबर (गजिंदर सिंह किंग)  
सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब में सिखों के चोथे गुरु श्री गुरु राम दास जी सोढ़ी पातशाह का प्रकाश दिवस इस बार भी बड़ी धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान श्रध्दालुओ ने  सच्च्खंड  श्री हरिमंदिर साहिब  के सरोवर में स्नान किया और आपने मन की शांति के लिए गुरु घर में अरदास कर गुरु घर की खुशीया प्राप्त की, इस उपलक्ष्य में सच्च्खंड  श्री हरिमंदिर साहिब  में श्रध्दालुओ के दर्शन के लिए जलो भी सजाया गया.
सच्च्खंड  श्री हरि मंदिर साहिब  में  शरोमणी  गुरुद्वारा  प्रबंधक कमेटी की तरफ से जलोह सजाया गया,जलोह को देखने के लिए भारी गिनती में श्रध्दालुओ ने दर्शन किये,  इस जलो में बहु -कीमती वस्तुए है, जिनमे हीरे, जवाहरात, सोने-चांदी का समान आदि श्रध्दालुओ के दर्शन के लिए सजाया जाता है. जिनमे सोने के दरवाजे, सोने के पांच कस्सी, चांदी के पांच तसल्ला शामिल है. इस के इलावा महाराजा रणजीत सिंह द्वारा दिए गए नो लक्खा हार, नीलकंठ का मोर, सोने के छतर, असली मोतीयो की माला आदि का प्रदर्शन आज के दिन जलो द्वारा श्रध्दालुओ के लिए सजाया जाता है, श्रद्धालू जलो के दर्शन कर आपने आप को भाग्य-शाली  समझते है, इस मौके पर सच्च्खंड  श्री हरि मंदिर साहिब में श्री गुरु राम दास जी का प्रकाश दिवस बड़ी धूम-धाम  से मनाया गया. 
इस दौरान श्रध्दालुओ ने  सच्च्खंड  श्री हरि मंदिर साहिब  के सरोवर में स्नान किया और आपने मन की शांति के लिए गुरु घर में अरदास कर गुरु घर की खुशीया प्राप्त की, वहीँ यहाँ आए  श्रध्दालुओ का कहना है, की आज यह उन के लिए ख़ुशी का दिन है की वह यहाँ पर आ कर गुरु घर की खुशियाँ प्राप्त कर रहे है और वैसे तो हरिमंदिर में स्नान पवित्र समझा  जाता है, लेकिन आज स्नान करने से सब  के दुःख दूर हो जाते है और उन की मनोकामना पूरी होती है, वहीँ यहा  आए महिलाओं श्रध्दालुओ का कहना है, की वह आज इस पवित्र दिवस पर यहाँ आए है और आज उन के लिए कोई शब्द ही नहीं है की वह आपनी ख़ुशी को ब्यान कर सके
         सच्चखंड श्री हरि मंदिर साहिब के ग्रंन्थी  ज्ञानी  जगतार  सिंह जी ने  श्री गुरु राम दास जी के प्रकाश दिवस पर देश विदेश की समूह संगत को श्री गुरु राम दास जी के प्रकाश दिवस पर बधाई देते हुए कहा, कि सुबह से  ही श्रध्दालु  स्नान कर गुरुघर की खुशिया प्राप्त  कर आशीर्वाद ले रहे है, उन्होंने कहा, कि  श्री गुरु राम दास जी के शब्द-बाणी के साथ  जुड़ना चाहिए  और की हमे गुरु की दी हुई शिक्षाओं पर चलना चाहिए और गुरु की बाणी के साथ जुड़ने का सन्देश दिया है
        गौरतलब है की इस पावन अवसर पर दूर दूर से आए लोगों ने बहुत ही श्रद्धा भावना से पवित्र सरोवर में स्नान किया और सच्चखंड श्री हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक हो कर खुशियाँ प्राप्त की वहीँ आज रहिरास  पाठ के बाद रात के समय दीपमाला  व आतिशबाजी  की जाएगी.
आपको आज की यह कैमरा रिपोर्ट कैसी लगी अवश्य बताएं. आपके विचारों और सुझावों की इंतज़ार रहेगी.