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28 पुलिस ज़िलों में एक साथ एक्शन
चंडीगढ़//एस ए एस नगर: 9 अक्तूबर 2024: (पंजाब स्क्रीन डेस्क)::
सूचना एवं लोक संपर्क विभाग, पंजाब ने इस बार जन सुरक्षा को लेकर बढ़ी पुलिस की भूमिका के संबंध में एक अच्छी खबर दी है। पुलिस ने गली मोहल्लों में होते जुर्मों को एक बार फिर बहुत ही गंभीरता से लिया है। इस तरह के जुर्मों को नकेल डालने के लिए विशेष अभियान भी शुरू किया है जो एक अच्छे ऑपरेशन जैसा ही है। इसका नाम है 'कासो फॉर सेफ नेबरहुड'।
गली-मोहल्लों में होते अपराधों पर नकेल डालने के लिए पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने 'कासो फॉर सेफ नेबरहुड' ऑपरेशन का स्वंय नेतृत्व किया। लगता है इसके परिणाम भी अच्छे निकलेंगे।
डीजीपी पंजाब ने डीआइजी रोपड़ रेंज और एसएसपी एसएएस नगर के साथ बलौंगी इलाके में स्थानीय निवासियों और दुकानदारों से बातचीत की।
डीजीपी पंजाब ने कहा कि इस नए अभियान का उद्देश्य अराजक तत्वों में पुलिस का डर पैदा करना, आम लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करना है। कासो फॉर सेफ नेबरहुड' के ज़रिए सुरक्षा सुनिश्चित करने की कवायद
स्पैशल डीजीपी अर्पित शुक्ला ने बताया कि 'कासो फॉर सेफ नेबरहुड' पहल के तहत, विभिन्न स्तरों पर क्राइम डेटा का अध्ययन किया जाता है ताकि क्राइम पैटर्न, हॉटस्पॉट और अपराधी की पहचान की विस्तार से जांच की जा सके 1500 से अधिक पुलिस टीमों ने प्रदेश के चिन्हित क्राइम हॉटस्पॉट पर कार्रवाई की, 140 एफआईआर दर्ज की गईं।
नशे से निपटने और कानून व्यवस्था में सुधार के लिए, डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने बुधवार को एक सुरक्षित समाज के लिए पंजाब पुलिस द्वारा चलाए गए बड़े पैमाने पर घेराबंदी और तलाशी अभियान (कासो फॉर सेफ नेबरहुड) का व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व किया। इसका उद्देश्य सड़कों पर बढ़ते स्नैचिंग, छेड़छाड़, चोरी आदि जैसे अपराधों पर अंकुश लगाना है।
डीजीपी गौरव यादव, डीआइजी रोपड़ रेंज नीलांबरी जगदले और एस.एस.पी एसएएस बलौंगी में बारीकी से चैकिंग के दौरान नगर दीपक पारीक के साथ क्षेत्र के निवासियों और दुकानदारों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई का उद्देश्य असामाजिक तत्वों में भय पैदा करना और आम लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करना है। बता दें कि यह ऑपरेशन राज्य के सभी 28 पुलिस जिलों में सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक एक साथ चलाया गया और पंजाब पुलिस हैडक्वाटर के विशेष डीजीपी/एडीजीपी/आईजीपी/डीआईजी रैंक के अधिकारियों को प्रत्येक जिले में निगरानी हेतु तैनात किया गया था।
सीपी/एसएसपी को इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए अधिक से अधिक बल जुटाने का निर्देश दिए गए। डीजीपी ने कहा कि 'कासो फॉर सेफ नेबरहुड' पहल में एक बहु-आयामी पहुंच शामिल है जिसके तहत क्राइम पैटर्न, हॉटस्पॉट और ठीक-ठाक आपराधिक प्रोफाइल की पहचान करने के लिए विभिन्न स्तरों पर क्राइम डेटा का विश्लेषण किया जाता है, जो अपराधिक प्रोफाईल बारीकी से समझने के लिए अपराधिक डेटा का अलग-अलग स्तर पर विशलेषण किया जाता है। जो असामाजिक घटनाओं को रोकने में मदद करेगा।
सीनियर पुलिस अधिकारियों को फीडबैक और समस्याएं एकत्र करने के लिए विलेज डिफैंस रक्षा समितियों, निवासी कल्याण संघों (आरडब्ल्यूए), शैक्षणिक संस्थानों और मार्किट एसोसिएशन के साथ संपर्क करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि अपराध पर अंकुश लगाने के लिए चिन्हित हॉटस्पॉटों पर नाकाबंदी, पैदल गश्त और पीसीआर वाहन गश्त के माध्यम से पुलिस की उपस्थिति बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा, स्थानीय सरकार विभाग और आरडब्ल्यूए, मार्किट एसोसिएसन, संगठनों और मकान मालिकों सहित स्थानीय भागीदारों के सहयोग से सीसीटीवी निगरानी भी बढ़ाई जा रही है।
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस शैक्षणिक संस्थानों के पास नशीली दवाओं की बिक्री को रोकने, संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने और निगरानी करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। प्रौद्योगिकी और कम्युनिटी आउटरीच का लाभ उठाकर, यह पहल सड़क अपराध पर अंकुश लगाने और जनता के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने का प्रयास करता है।
बलौंगी दौरे के बाद, डीजीपी ने आर.डब्ल्यू.ए. का दौरा किया। प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक भी की गई ताकि उन तरीकों का पता लगाया जा सके जिनसे पुलिस, उनके समर्थन से, सड़कों को ऐसे विविध अपराधों से छुटकारा दिला सके। इस ऑपरेशन के बारे में विवरण सांझा करते हुए, विशेष डीजीपी कानून और व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने कहा कि 11000 से अधिक पुलिस कर्मियों सहित 1500 से अधिक पुलिस टीमों ने राज्य भर में आपराधिक हॉटस्पॉट पर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
उन्होंने कहा कि सभी अपराध स्थलों और उनके आसपास 236 मजबूत नाके भी लगाए गए। स्पैशल डीजीपी ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान पुलिस टीमों ने 140 एफआईआर दर्ज की. पुलिस टीमों ने संदिग्धों से भी पूछताछ की और उनके विवरण की पुष्टी की। यह ध्यान देने योग्य है कि यह सक्रिय और सक्रिय पुलिस रणनीति पंजाब पुलिस की सामुदायिक भागीदारी और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। पुलिस का लक्ष्य इलाका निवासियों और भाईवालों के साथ मिलकर काम करते लोगों में विश्वास पैदा करना और सभी में सुरक्षित वातावरण पैदा करना है।
अब देखना है कि बदमाशी, गुंडागर्दी और फुकरागिरि दिखने वालों के दिल और दिमाग में पुलिस का खौफ कब बैठता है। आधी आधी रात को घरों से निकलने और आने वाले रात के समय ही क्यूं सक्रिय होते हैं इसका पता लगाना भी बहुत ज़रूरी है।
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