Saturday, September 23, 2023

माता सुदीक्षा के दर्शन करने लाखों निरंकारी पहुंचेगे चंडीगढ़ में

चंडीगढ़ में होगी लाखों की निरंकारी संगत-नए रूट के बिना न निकलें 

चंडीगढ़ के सेक्टर-34 में आज संत निरंकारी समागम


चंडीगढ़
: 23 सितम्बर 2023: (पंजाब स्क्रीन डेस्क टीम)::

13 अप्रैल 2023 को अमृतसर में हुई घटनाओं से पंजाब से सबंधित सियासत की दशा और दिशा दोनों बदलने लगीं थी। उस दिन सिख निरंकारी टकराव में 13 सिख श्रद्धालु मारे गए थे। इनमें दमदमी टकसाल और अखंड कीर्तनी जत्था के लोग भी शामिल थे। इसके बाद सिख संगठनों का आक्रोश बढ़ता ही गया। संत जरनैल सिंह भिंडरांवालों का ज़माना था। हरिमंदिर साहिब का दीवान हाल मंजी साहिब सिख सरगर्मियों का केंद्र भी बना हुआ था जहाँ संत भिंडरांवाले के विचार सुनने संगत भरी संख्या में पहुंचती थी। 

आक्रोश में आए कुछ सिख नौजवानों ने निरंकारी समागम न होने देने का संकल्प कर लिया। इसके बावजूद कुछ सभाएं सुरक्षाबलों की पहरेदारी में लगती रहीं।  इसके बावजूद निरकांरी समुदाय के मुख्यालय में 24 अप्रैल 1980 निरंकारी प्रमुख बाबा गुरबचन सिंह की हत्या कर दी गई थी। जानमाने पत्रकार लाला जगत नारायण की 9 सितंबर 1981 को हुई हत्या से हिंसा का सिलसिला और भी तेज़ हो गया। निरंकारी प्रमुख की हत्या  कटटरपंथी रणजीत सिंह ने की थी जो वहां कारपेंटर बन कर रह रहा था। हत्या में कारबाईन का प्रयोग किया गया था। निरंकारी प्रमुख के बॉडीगार्ड प्रताप सिंह की हत्या भी इसी हमले में की गई थी। 

बाद में संत जरनैल सिंह भिंडरांवालों ने निरंकारी प्रमुख की हत्या करने वाले रंजीत सिंह को सोने के साथ तोलने की घोषणा भी की थी और सिख सियासत में हुए घटनाक्रम के दौरान रंजीत सिंह को श्री अकाल तख्त साहिब का जत्थेदार भी बना दिया गया था। अपनी जत्थेदारी के दौरान ही उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब में बाकायदा सचिवालय शुरू करवाया जहां कोई साधारण सिख भी जा कर अपना कोई भी पत्र सौंप सकता था। 

निरंकारी समुदाय ने इस सारे घटनाक्रम के दौरान बहुत से नाज़ुक हालात भी देखे और दबाव का सामना भी  शांतिपूर्ण ढंग से किया। आतंक जैसे माहौल के बावजूद निरंकारी संगत ने दिल नहीं छोड़ा। यह लोग  मिशन के साथ जजूदे रहे। निरंकारी मिशन और इसका सिलसिला जारी रहा। निरंकारी समुदाय के लिए सबसे बड़ा सदमा था जब निरंकारी समुदाय के चौथे गुरु बाबा हरदेव सिंह 13 मई 2016 को देवलोक गमन कर गए। 

इसके बाद का समय बेहद नाज़ुक था। हालात बहुत गंभीर थे। कौन होगा निरंकारी समुदाय का नया गुरु इसका किसी को कोई अनुमान नहीं था। ऐसे दौर में माता सुदीक्षा ने निरंकारी समुदाय की बागडोर संभाली। इस पद पर आसीन होते ही विभिन्न संगठनों और डेरों में इस चुनाव की दिल से प्रशंसा की गई। बागडोर संभालते ही माता सुदीक्षा ने निरंकारी प्रबंधन को बिलकुल नया रंग, रूप और अनुशासन भी दिया। 

उनके प्रवचनों और दिव्य अनुभूति ने समाज के विभिन्न वर्गों को तेज़ी से आकर्षित करना शुरू कर दिया। निरंकारी समुदाय पहले से भी अधिक तेज़ी के साथ विकसित होने लगा। देश विदेश में निरंकारी समाज की पहुँच पहले से भी अधिक तेज़ी से बढ़ने लगी। अब पंजाब के भी तकरीबन हर गांव और कस्बे में निरंकारी मिशन की शाखें मौजूद हैं। निरंकारी सतसंग भवन भी हैं। 

उल्लेखनीय है कि निरंकारी जनजीवन में ब्रह्मज्ञान ही जीवन का आधार है। इस का संदेश देने के  लिए निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी 24 सितंबर को चंडीगढ़ में भी पहुंच रहे है। सद्गुरु माताजी के सानिध्य में एक विशाल समागम होने जा रहा है जिसकी तैयारियां पूरी तरह से मुकम्मल कर ली गई है।आयोजन स्थल पर सुरक्षा के पूरे प्रबंध किए गए हैं और ट्रैफिक को नियंत्रित रखने के लिए विशेष रुट प्लान बनाए गए हैं। 

इस संबंध में जानकारी देते हुए जोनल इंचार्ज महात्मा ओ.पी. निरंकारी ने बताया कि यह निरंकारी संत समागम मेला ग्राऊंड सैक्टर 34 में सायंकाल 5 बजे से लेकर 9.30 बजे तक होगा। सारा समागम तयशुदा प्रोग्राम के मुताबिक ही चलेगा।  उन्होंने बताया कि इस समागम में बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। दूर दूर से श्रद्धालु वि हिन् साधनों के ज़रिए इस सतसंग में पहुंचेंगे। 

गौरतलब है कि निरंकारी मिशन मानव को ब्रह्मज्ञान की दात देकर मानव को मानव से जोडऩे का कार्य कर रहा है। जब इंसान को ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति हो जाती है तो उसे हर इंसान में व कण कण में प्रभु का अहसास होने लग जाता है, जिससे दैवी गुण उसके  जीवन में आ जाते है। जीवन को खोखली बातों से निकाल कर बहुत ही प्रेक्टिक लाईफ स्टाईल में ढालने की एक सहज और निरंतर प्रक्रिया है। इसे अपनाते ही जीवन के कष्ट, संकट और ताप मिटने लगने लगते हैं। जीवन में आनंद छाने लगता है। 

निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी का चण्डीगढ़ की धरा पर 24 सितंबर को आगमन एक ऐतिहासिक घटना बन कर उभरेगा।  की शक्ति और प्रभाव और बढ़ेगा। इस दौरान माता सुदीक्षा के जीवन-मंत्र अनगिनत लोगों का जीवन बदल कर आनंद से भर देंगें। इस दौरान एक विशाल निरंकारी संत समागम मेला ग्राउंड़, सैक्टर 34-ए में आयोजित होगा। इस संत समागम में चंडीगढ़ के साथ-साथ मोहाली, पंचकुला और पंजाब के अतिरिक्त हरियाणा, हिमाचल प्रदेश तथा आसपास के क्षेत्रों से काफी अधिक संख्या में श्रद्धालु एवं भक्तजन पहुंचेंगे। लोग 23 सितंबर की रात्रि को भी इस योजना के लिए गाड़ियों में आते दिखे। 

इस संबंध में चंडीगढ़ ज़ोन के जोनल इंचार्ज ओ पी निरंकारी ने भी बताया कि मेला ग्राउंड़ में संत निरंकारी मिशन के सेवादल के सदस्य एंव साध संगत के सदस्य श्रद्धा और उत्साह के साथ अपनी सेवाओं में लगे हुए है। उन्होंने बताया कि संत निरंकारी मिशन एक आध्यात्मिकता का मिशन है और निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी का यह संदेश है कि मानव जीवन का असली उद्देश्य निरंकार प्रभु की जानकारी प्राप्त कर जाति पाति तथा ऊंच नीच के भेदभाव से ऊपर उठकर मानवता की सेवा करना है। जब इंसान को ब्रह्मज्ञान के द्वारा अपने मूल रूप परमात्मा की पहचान हो जाती है तब उसको हर ज़र्रे तथा हर प्राणी में प्रभु निरंकार का अहसास होने लगता है तो उसमें स्वयंमेव ही सदगुणों का विकास हो जाता है। फिर दुनियावी जिम्मेदारियों को भी हम सहज में निभा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि निरंकारी मिशन अध्यात्मिकता के साथ साथ समाज के कार्य जिनमें रक्तदान शिविर, सफाई अभियान, कुदरती आपदाओं के समय राहत शिविर, पौधारोपण आदि समाज सेवा के कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेता है।

इसी बीच चंडीगढ़ के सेक्टर-34 में स्थित मेला ग्राउंड में रविवार को होने वाले संत निरंकारी समागम के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने कमर कस ली है। समागम में आने वाली संगत को किसी प्रकार की समस्या न हो और कार्यक्रम के दौरान यातायात एवं कानून व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए पुलिस की ओर से रूट प्लान तैयार किया गया है। साथ ही पुलिस ने कार्यक्रम के दौरान क्या करना और क्या नहीं, इसे लेकर भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। माता सुदीक्षा जी के दर्शन करने लोग बहुत श्रद्धा और उत्साह से आने की तैयारी में हैं।  हर गांव और कस्बे में उत्साह देखा गया। 

यातायात पुलिस की ओर से शाम के वक्त कार्यक्रम स्थल के आसपास मौजूद सड़कों को आवश्यकता अनुसार डायवर्ट किया जा सकता है। पुलिस की ओर से समागम में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की संभावना को देखते हुए संगत और आम जनता से शांति बनाए रखने और कार्यक्रम स्थल और उसके आसपास तैनात पुलिस अधिकारियों के साथ सहयोग करने और पुलिस के दिशानिर्देशों का पालना करने की अपील की गई है। समागम के चलते सेक्टर-34 में लगने वाली अपनी मंडी रविवार को सेक्टर-46 में लगेगी। वहीं, पुलिस ने आम लोगों से रविवार को सेक्टर 33/34 और 34/35 की डिवाइडिंग रोड की तरफ से जाने से बचने की सलाह दी है।

इस बात की सख्ती सी पलना होगी कि तय स्थानों के अलावा कहीं और वाहन पार्क किया तो चालान होगा ही होगा। इस समागम में आने वाले लोगों को यातायात पुलिस की ओर से सलाह दी गई है कि कि वे अपने वाहन केवल निर्धारित पार्किंग स्थल पर खड़ा करें। कार्यक्रम स्थल या आसपास के किसी भी इलाके की सड़क, साइकिल ट्रैक या फुटपाथ पर वाहनों को पार्क करने की इजाजत नहीं होगी। इसके बाद भी यदि कोई भी वाहन चालक ऐसा करता पाया जाता है कि तो यातायात नियमों के तहत चालान किया जाएगा।

इसके साथ ही सलाह दी गई है कि कुछ और खास बातों का भी ध्यान रखा जाए। इस सलाह के मुताबिक सेक्टर-34 स्थित पोल्का बेकरी के सामने मौजूद कट के रास्ते से निकासी पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। 

साथ ही यह भी कि समागम में पहुंचने के लिए संगत टैक्सी/कैब या कारपूलिंग का प्रयोग करे तो बेहतर होगा। 

सख्ती के साथ ही यह भी निर्देश है कि शराब पीकर गाड़ी न चलाने की सलाह दी गई है। ऐसा करते पाए जाने पर मोटर अधिनियम तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी

इस समागम के दौरान गुंडागर्दी या जनता को परेशान करने वाली किसी भी प्रकार की गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी इसलिए इस तरह के चलन से बच कर चलना ही हित में होगा। 

इन कुछ बातों के साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी व्यक्ति की चिकित्सा देखभाल के लिए आपात कालीन वाहनों और शव वाहन की सुविधा उपलब्ध रहेगी। चंडीगढ़ में ट्रैफिक पुलिस की एडवाइजरी में संत निरंकारी समागम को लेकर सेक्टर-34 की तरफ न आने की सलाह भी दी गई है जिसे मानना ही सब की हित में रहेगा। 

इस समागम के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए सभी प्रबंध पूर्ण हैं। सभी सबंधित लोग डियूटी पर हैं। चंडीगढ़ के सेक्टर 34 ऐग्जीबिशन ग्राउंड में निरंकारी संत समागम कल रविवार को होने वाला है। इसको लेकर ट्रैफिक पुलिस की तरफ से एक एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें आम लोगों को सेक्टर 34 की तरफ न आने की सलाह दी गई है, लेकिन आपातकालीन वाहनों जैसे फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस आदि के लिए सभी रास्ते खुले रहेंगे।

पुलिस का मानना है कि निरंकारी संत समागम में लाखों की संख्या में निरंकारी मिशन से जुड़े अनुयायी शामिल होंगे। इस कारण यहां पर काफी भीड़ रहेगी। इसके लिए कार पार्किंग की अलग से व्यवस्था की गई है। आने वाले अनुयायियों की संख्या के अनुसार यहां पर यातायात भी बाधित रहेगा।

इस निरंकारी संत समागम में जुटने वाली भीड़ को देखते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने एडवाइजरी जारी करते हुए रविवार को सेक्टर-33 और सेक्टर-34 की लाइट पॉइंट से लेकर लेबर चौक तक किसी भी गाड़ी के खड़े होने और रुकने पर पाबंदी लगाई है। इस सड़क पर अगर कोई व्यक्ति पिक ड्रॉप भी करता है तो उसका चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से चालान काटा जाएगा। इसी प्रकार पोलका बेकरी के सामने सेक्टर 34 में निकालने के लिए जो कट था, उसे भी बंद कर दिया गया है।

भीड़ भाड़  भरे इस आयोजन में कारगर सलाह कार पूल करने की भी दी गई है। चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से समागम में आने वाले लोगों से कार पूल करने की सलाह दी है। कार पूल करने की वजह से वाहनों की संख्या में कमी आएगी। जिससे यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चल सकेगी। साथ ही पुलिस का कहना है कि कार पूल करने की वजह से लोगों का खर्च भी काम होगा और वातावरण स्वच्छ बनाने में भी वह अपना योगदान दे सकेंगे।

बार बार यह याद दिलाना ज़रूरी लग रहा है कि सेक्टर 34 की तरफ जाने वाले रास्तों पर आने से बचें। इससे काफी कुछ सहज हो जाएगा। चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से जारी एडवाइजरी में समागम में आने वाले लोगों के अलावा चंडीगढ़ की जनता से अपील की है कि सेक्टर 34 की तरफ आने वाले सड़कों पर आने से लोगों को बचाना चाहिए। इसमें मुख्य रूप से सेक्टर 33 और 34 की डिवाइडिंग रोड एवं सेक्टर 34 और 35 की डिवाइडिंग रोड है। अगर समागम में आने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा होती है तो आम पब्लिक के लिए इन रास्तों को बंद भी किया जा सकता है।

इस सारे प्रबंधन के लिए अपनी मंडी की जगह भी बदली गई है। गौरतलब है कि हर रविवार को सेक्टर 34 के इस एग्जीबिशन ग्राउंड में अपनी मंडी का आयोजन किया जाता है। इसमें किसान सीधे खेतों से सब्जी और फल लाकर यहां पर बेचते हैं। इसमें भी काफी संख्या में भीड़ रहती है, लेकिन कल होने वाले समागम के कारण चंडीगढ़ प्रशासन ने अपनी मंडी की जगह बदल दी है। अब यह सेक्टर 34 के बजाय सेक्टर 46 में आयोजित होगी। इस आयोजन के पंजाब और चंडीगढ़ में समाजिक और राजनैतिक प्रभाव भी पड़ेंगे जिनकी चर्चा अलग से की जाएगी। 

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