Posted on 1st February 2022 at 08:43 PM Updated on 2nd February at 11:07 AM
चुनावी सियासत में दूरगामी परिणामों पर पड़ेगा महत्वपूर्ण प्रभाव
बुद्धं शरणं गच्छामि से संघं शरणं गच्छामि तक |
आज भी केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी लुधियाना में थी। उनकी मौजूदगी में जन मंचों पर छाए रहने वाले कुंवर रंजन सिंह और उनकी पत्नी नीतू ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली। कुंवर रंजन सिंह अन्ना हज़ारे आंदोलन में सक्रिय रहे और मेधा पाटकर के आंदोलनों में भी। इस से भी बहुत पहले जब रंगमंच/स्टेज/थियेटर पर इप्टा का जादू सिर चढ़ कर बोल रहा था तो कुंवर रंजन थियेटर की इस हवा में पूरी तरह सक्रिय भी रहा। ऊंचे ऊंचे नामों वाले कलाकार एक छत के नीचे रहते रहे। स्ट्रगल का दौर था। आज भी उनकी बातें सुनने वाली होती हैं। बड़े कलाकारों की छोटी मोती सभी खूबियां और आदतें उन्हें ज़ुबानी याद हैं। अन्ना हज़ारे के आंदोलन से उन्हें लगा कि शायद अब सम्पूर्ण क्रांति आ ही जाएगी। अन्ना हज़ारे वाली इस हवा में कुछ वाम लीडर भी कुंवर रंजन के साथ रहे और कुछ कांग्रेस के लोग भी। ये सभी लोग कुछ बदलाव चाह रहे थे। लाख कोशिशों के बावजूद बदलाव आ नहीं पा रहा था।
इसी बीच भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी शक्ति के साथ सत्ता में आए। न सिर्फ आए बल्कि छा भी गए। उन्होंने जो जो सोच रखा था उसे लागू करना भी शुरू किया। राम मंदिर से लेकर कृषि कानूनों तक भाजपा ने अपनी मनमानी की और अपना लोहा मनवाया। कांग्रेस, वाम और यहाँ तक कि अकाली दल द्वारा विरोध भी भाजपा के जादू को कम न कर सका। महंगाई, बेरोज़गारी, जीएसटी और नोटबंदी से ही भाजपा की लोकप्रियता कम न हुई। अब कुंवर रंजन एक भाजपा में शामिल होना गहरा संकेत है। भले ही इसके अर्थ तुरंत सभी को समझ न आएं लेकिन इसके दूरगामी परिणाम होंगें।
इक बाग़ नहीं, इक खेत नहीं- हम सारी दुनिया मांगेंगे |
भाजपा लुधियाना के अध्यक्ष श्री पुष्पेंदर सिंगल की अध्यक्ष्ता में भाजपा जिला चुनाव कार्यलय बसंत रोड में केंद्रीय विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेत्री मीनाक्षी लेखी ने की मौजूदगी में पूर्वी हल्के से कांग्रेस के ब्लॉक प्रधान पतंजलि शर्मा, संजय कुमार, कुंवार रंजन सिंह, नीतू सिंह जो की हल्का साऊथ से पंजाब फ्रंट पार्टी की तरफ से 2017 में विधान सभा चुनाव लड़ चुके है, प्रेम कुमार लल्लू हल्का केंद्रीय से जो आज़ाद उम्मीदवार के तौर से चुनाव मैदान में थे वह अब भाजपा में शामिल हो गए है।
भाजपा में शामिल हुए इन सभी नेताओं ने कहा कि वो भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंदर मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर उन्होंने भाजपा को चुना। इन लोगों ने इन नीतियों को बाकायदा लोक हितेषी नीतियां बताते हुए इनका समर्थन किया।
इस मौके पर भाजपा के महामंत्री कांतेन्दु शर्मा,जिला उपाध्यक्ष सुनील मौदगिल, मीडिया सचिव डा.सतीश कुमार, कैशियर बॉबी जिंदल, पार्षद यशपाल चौधरी, भाजपा के सीनियर नेता अशोक लूम्बा, विनोद कालिया,अरुणेश मिश्रा, आईटी व सोशल मीडिया के जिला सह संयोजक हर्ष सरीन, नितिन बत्रा, रमेश मिश्रा आदि मौजूद थे।
ज़ाहिर है कि अब भाजपा की तैयारी केवल आधार मज़बूत करने तक सीमित नहीं। अब भाजपा में स्ट्रीम मीडिया सोशल मीडिया पर भी पूरी तरह से सक्षम बन कर सामने आ रही है। इस मकसद के लिए युवाओं को विशेष तौर पर सक्रिय किया गया है। इन में लड़कियों और महिलाओं के संख्या भी काफी है। विपक्ष में कांग्रेस पार्टी, वाम दल, बसपा और अकाली दल सहित किसके पास है इस तरह का सुनियोजित मीडिया और आईटी विंग? जीत हो या पराजय अब इसी विंग ने लम्बे समय तक लड़नी है लड़ाई। आज भाजपा में शामिल कुंवर रंजन सिंह और उनकी पत्नी नीतू इस मामले में पूरी तरह अनुभवी हैं। प्रिंट मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक वह इस काम की हर बाजरीकी समझते हैं। इसका फायदा अब भाजपा को ही होने वाला है।
छोड़ आए हम वो गलियां |
नए रास्तों पर मंज़िलें भी नई हैं और लोग भी नए हैं। अतीत फिर भी पीछा तो नहीं छोड़ता। यह याद दिलाता रहता है। कुंवर साहिब का कहना है मेरे दिल में रहंगे मेरे सभी साथी। सभी मित्र बहुत अच्छे भी हैं। उन्हें भूलना मुमकिन भी नहीं इसकी कोई ज़रूरत भी नहीं। हम सभी देश के सिस्टम में बदलाव लाना चाहते हैं इसके लिए हमारे ढंग तरीके और रास्ते अलग अलग हो सकते हैं। किस को कौन सा रास्ता सही लगे उसकी मर्ज़ी-उसका चुनाव। सभी को अपना चुनाव करने की स्वतंत्रता है। लेकिन याद आ रहा है माचिस फिल्म का वो गीत-छोड़ आए हम वो गलियां---! बस किसी का मोह जल्दी भंग हो जाता है--किसी का देर से और किसी का होता ही नहीं। बस असली बात तो मोह भंग होने की ही है।
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