Thursday: 9th December 2021 at 6:16 PM
परिवहन, सड़क की धूल, शहरी कचरा, कारखानें और प्लास्टिक जलना भी अन्य उत्सर्जक
प्रतीकात्मक फोटो |
चंडीगढ: 09 दिसम्बर 2021: (गुरजीत सिंह बिल्ला//पंजाब स्क्रीन)::
"हम सभी को वायु प्रदूषण के समाधान में पराली जलने वाले मुद्दे से हटकर अन्य उत्सर्जक जैसे परिवहन, सड़क की धूल, शहरी कचरे, कारखानें और प्लास्टिक जलने जैसे उपेक्षित कारकों को शामिल करना होगा" ये बातें श्री राणा गुरजीत सिंह जी, कैबिनेट मंत्री, पंजाब सरकार द्वारा सेन्टर फ़ॉर स्टडी ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड पॉलिसी (CSTEP) द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'विज़न: क्लीन स्काइज फॉर पंजाब' में कही गयी।
“वायु प्रदूषण से निपटने के लिए व्यापक समाधान समय की आवश्यकता है। ऐसा करने के लिए, सरकारी विभागों को अपनी दृष्टि को संरेखित करना होगा, और पंजाब, जो कि उच्च कृषि उत्पादक होकर निरन्तर पराली जैसी समस्या से जूझ रहा है, उनको वैकल्पिक समाधान देना होगा। सभी उद्योग, कृषि संस्थानों, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और सरकारी विभागों को समग्र समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है।”उन्होंने चंडीगड़ के इस आयोजन में कहा।
इस मौके पर पंजाब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव श्री कुनेश गर्ग ने कहा कि पराली को समस्या नहीं बल्कि ईंधन या उर्वरक बनाने के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे बेहतर वायु गुणवत्ता के इलावा किसानों को आर्थिक रूप से मदद मिल सकती है।
इस बीच, मोहाली के नगर आयुक्त डॉ कमल कुमार गर्ग ने सभी राजनीतिक दलों के घोषणापत्र में पर्यावरण सुरक्षा को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया।
हाल ही में कई रिपोर्टों ने पंजाब के गिरते वायु गुणवत्ता को उजागर किया है। जहां ज्यादातर चर्चाएं सर्दियों में पराली जलाने के मुद्दे पर केंद्रित दिखती हैं, जबकी पंजाब के नागरिक पूरे साल खराब वायु गुणवत्ता से प्रभावित हैं। 'द स्टेट ऑफ इंडियाज़ एनवायरनमेंट-2021' रिपोर्ट ने राज्य में वायु गुणवत्ता के कारण 41,900 लोगों के मृत्यु की सूचना दी। 2018 में, पंजाब शीर्ष चार राज्यों में शामिल था, जहां अधिकतम शहर भारत के राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में विफल रहे।
इन्हीं कारणों से प्ररित CSTEP ने राज्य में वायु गुणवत्ता सुधार के लिए व्यावहारिक समाधान खोजने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, CSTEP के निदेशक, डॉ जय असुंदी ने कहा, “इस चर्चा का प्राथमिक उद्देश्य पंजाब में वायु प्रदूषण के सभी कारणों और प्रभावों को समझना, नीति कार्यान्वयन में व्यावहारिक चुनौतियों को पहचानना, स्थायी समाधानों के विकास में तेजी लाना व राज्य के विभागों की तकनीकी क्षमता का निर्माण करना है।"
संस्था में सेंटर फॉर एयर पॉल्यूशन स्टडीज (CAPS) की प्रमुख डॉ प्रतिमा सिंह ने कहा, “पंजाब में वायु प्रदूषण के मुद्दे सर्दियों के महीनों में पराली जलाने के कारण बहुआयत चर्चित रहतें है, जिससे दिल्ली जैसे पड़ोसी राज्य प्रभावित होते हैं, जबकि ऐसे कई कारक हैं जो पंजाब के वायु प्रदूषण में योगदान करते हैं और इन चर्चाओं के माध्यम से, हम इन कारकों पर अधिक वैज्ञानिक आकलन के माध्यम से और स्थानीय समुदायों के साथ जुड़कर, राज्य की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए एक व्यापक और रणनीतिक योजना तैयार करेंगे।
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