Monday, September 06, 2021

मौत के बाद भी जीवन के अहसास का रास्ता दिखाता है नेत्रदान

 Monday: 6th September 2021 at 6:48 PM WhatsApp

 CMC: नेत्रदान प्रश्नोत्तरी- 2021 ने दिखाई नई रौशनी  


नेत्रदान-जागरूकता और प्रोत्साहन  यादगारी आयोजन रहा
 

लुधियाना: 6 सितंबर 2021: (कार्तिका सिंह//पंजाब स्क्रीन):: 

जब मौत सब कुछ छीन लेती है उस समय का पूर्व अहसास कई समझदार लोग समय रहते ही कर लेते हैं। वे अपनी ऑंखें अपने जीवनकाल में दान करने का फार्म भर जाते हैं। मौत के बाद भी उनकी ऑंखें न सिर्फ खुद जीवन के रंग देखती हैं बल्कि किसी दूसरे को ही सुखद अहसास कराती हैं। इस तरह नेत्रदान करने वाले न सिर्फ मौत को हरा देते हैं बल्कि अपने परिवार को भी यह सुखद अहसास दे कर जाते हैं कि हमारे परिवार के सदस्य की ऑंखें अब भी कहीं न कहीं जीवित हैं। इस तरह की बहुत सी बातों का सुखद अहसास करवाने में सफल रहा नेत्रदान प्रश्नोत्तरी का यादगारी आयोजन। लुधियाना के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के नेत्र विभाग ने इसके सफल आयोजन में बहुत सी नई जानकारियां सामने लेन का खूबसुरत प्रयास किया। 

वास्तव में नेत्र विज्ञान विभाग, ने 6 सितंबर, 2021 को डॉक्टरों, नर्सों और मेडिकल छात्रों के लिए नेत्रदान वार्ता के संबंध में 16वीं वार्षिक नेत्र प्रश्नोत्तरी और जागरूकता का आयोजन किया। इसमें  महत्वपूर्ण सवाल पूछे गए और उनके जवाब भी दिए गए। सीएमसी अस्पताल के विद्वान डाक्टरों ने एक एक नुक्ते पर पूरे विस्तार से बताया। 

इस अवसर के मुख्य अतिथि डॉ. विलियम भट्टी थे जो इस ऐतिहासिक संस्थान अर्थात सीएमसी अस्पताल के निदेशक भी हैं। बातों ही बातों में अपना बना लेने वाले मेडिकल क्षेत्र की कठिन और उलझनपूर्ण जहां बातों को बेहद सादगी से समझाने में एक्सपर्ट हैं। उनका कोई जवाब नहीं इस मामले में। उनकी बातें दिल में उतरती जाती हैं।  उन्होंने इस तरह के शैक्षणिक सत्र आयोजित करने और सामान्य नेत्र विकारों के बारे में जागरूकता फैलाने में विभाग के प्रयासों को हमेशा प्रोत्साहित और सराहा भी है। 

इसी तरह विशिष्ट अतिथि डॉ. जयराज डी पांडियन रहे जो इसी संस्थान अर्थात सीएमसी एल के प्रिंसिपल भी हैं। वह भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त हैं। उन्होंने  सभी छात्रों के लिए नियमित शैक्षणिक सत्र आयोजित करने के महत्व को दोहराया। इस मौके पर 75 स्नातक एमबीबीएस टीमों में से, 4 टीमों ने प्रारंभिक दौर के बाद प्रश्नोत्तरी के लिए क़्वालीफाई किया था। 

फाइनल का संचालन डॉ. नितिन बत्रा और डॉ. विभा बलदेव ने किया। इनका भी बहुत नाम है। सन 2018 के बैच से श्रेया सारा फिलिप और कुरातुलीन तारिक करीबी प्रतियोगिता में चैंपियंस के रूप में उभरे। हाल में ख़ुशी की लहर थी। नेत्रदान पर जागृति का अभियान सफल हो रहा था। 

2018 के एमबीबीएस बैच के छात्रों श्री करण एस चीरन, सुश्री एल्बे थॉमस और श्री अभय एस कुमार ने क्रमशः "नेत्रदान", नेत्र विज्ञान में मील के पत्थर और "रिवाइंड, फास्ट फॉरवर्ड" पर दिलचस्प वार्ता प्रस्तुत की। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अन्य गणमान्य व्यक्तियों में चिकित्सा अधीक्षक, नर्सिंग अधीक्षक, सीडीसी, कॉन, सीओपी और आईएएचएस के प्रधानाचार्य और कई वरिष्ठ प्रशासक और संकाय सदस्य सहित सभी स्नातक छात्र शामिल थे।

इस कार्यक्रम के आयोजन पर सख्त कोविड-19 दिशा निर्देशों का पालन पूरे नियम और सख्ती किया गया। यह आवश्यक भी था। कुल मिला कर आयोजन यादगारी रहा। इस पर कुछ और विवरण  स्पष्टीकरण चाहने वाले 

डॉ नितिन बत्रा से सम्पर्क कर सकते हैं जो सीएमसी अस्पताल के नेत्रदान विज्ञानं विभाग के प्रोफेसर भी हैं। उन्हीं की मेहनत से इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायता मिली। इस सारे प्रयास में सीएमसी की टीम भी उनकी साथ पूरी गर्मजोशी के साथ सक्रिय रही।  

डाक्टर नितिन बत्रा का मोबाईल नंबर है। 9815333665


No comments: