Saturday, February 20, 2021

मैको रोबोटिक आर्म-असिस्टेड टेक्नोलॉजी लॉन्च

 20th February 2021 at 1:06 PM

 हुंजन हॉस्पिटल लुधियाना का नी रिप्‍लेसमेंट के लिये विशेष प्रयास  


लुधियाना: 20 फरवरी, 2021: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::

घुटने बदलने (नी रिप्‍लेसमेंट) के मामले में लुधियाना ने एक महत्‍वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, क्योंकि यह मैको रोबोटिक आर्म-असिस्टेड टेक्नोलॉजी लाने वाला उत्तर भारत का पहला शहर बन गया है। यह विश्व की सबसे व्यापक रूप से अपनाई गई यूएस एफडीए द्वारा अनुमोदित तकनीक है। दुनिया की एक प्रमुख  मेडिकल डिवाइस कंपनी स्ट्राइकर इंडिया और हुंजन हॉस्पिटल द्वारा संयुक्त रूप से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि उत्तर भारत का पहला मैको सिस्टम हुंजन हॉस्पिटल में इंस्‍टॉल किया गया है। 

इस लॉन्च से हुंजन हॉस्पिटल और स्ट्राइकर ने घुटने के जोड़ों के रोगों से पीड़ित रोगियों के लिये सबसे उन्नत टेक्नोलॉजी और उपचार लाने के अपने प्रयास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मैको रोबोटिक आर्म-असिस्टेड सर्जरी सिस्टम से सर्जन ज्यादा सटीकता के साथ शल्यक्रिया के ज्यादा अनुमानित परिणाम दे सकते हैं।

इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर हुंजन हॉस्पिटल को बधाई देते हुए स्ट्राइकर इंडिया की वाइस प्रेसिडेंट एवं मैनजिंग डायरेक्टर मीनाक्षी नेवाटिया ने कहा, ‘‘हम हुंजन हॉस्पिटल के साथ भागीदारी कर बहुत खुश हैं और यह स्ट्राइकर के लिये निश्चित रूप से गर्व का क्षण है। रोगियों के उपचार के परिणामों को सुधारने और स्वास्थ्यरक्षा को बेहतर बनाने के लिये नवाचार लाने का हमारा साझा लक्ष्य इस अस्पताल के साथ हमारी भागीदारी को बहुत खास बनाता है। हम उत्तर भारत में घुटना प्रत्‍यारोपण की जरूरत वाले रोगियों की सेवा पर इसके संभावित प्रभाव को लेकर वाकई उत्‍साहित हैं।’’


हुंजन हॉस्पिटल में डायरेक्टर और ज्‍वॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. बी.एस. हुंजन ने लुधियाना में हुई प्रेस वार्ता के दौरान पारंपरिक और मैको रोबोटिक आर्म-असिस्टेड सर्जरी के बीच अंतर के बारे में बात की। उन्‍होंने समझाया कि पारंपरिक सर्जरी की चुनौतियों में से एक है शल्यक्रिया की सटीकता जोकि सर्जन के अनुभव और तकनीक पर निर्भर होती है। मैको रोबोटिक आर्म-असिस्टेड सर्जरी सिस्टम से सर्जन हर बार रोगग्रस्त जोड़ पर सटीक बोन कट्स लगा सकते हैं। डॉ. बी.एस. हुंजन ने कहा, ‘‘जिन पहले 8 रोगियों का हमने ऑपरेशन किया है, उन्होंने उत्साहजनक परिणाम दिये हैं। मैको से हमें अपने रोगियों के बारे में पहले से ज्यादा जानने का मौका मिला है और इससे हमें बोन यानी हड्डी को कम काटने में मदद मिलती है। कुछ रोगियों के लिये इसका मतलब सॉफ्ट टिश्यू की कम क्षति हो सकता है, जबकि अन्य के लिये हड्डी का ज्यादा संरक्षण।.” 

डॉ. जयवीर हुंजन, हुंजन हॉस्पिटल में कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक्स, ने बताया, ‘‘घुटना प्रत्‍यारोपण के लिये होने वाली पारंपरिक सर्जरीज पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से प्रभावी ढंग से रोगियों के जीवन को बेहतर बना रही हैं, लेकिन मैको सिस्टम हमारी सटीकता को महत्वपूर्ण ढंग से बढ़ाएगा। जैसा कि लिटरेचर में बताया गया है और शुरूआती सर्जरीज में हमारे अनुभव के अनुसार, हमने रोगियों को होने वाले कई फायदे देखे हैं। इनमें सटीक प्लानिंग और बोन कट्स के साथ ही हड्डी और सॉफ्ट टिश्यू का ज्यादा संरक्षण किया जा सकता है। मरीजों को ऑपरेशन के बाद कम दर्द होता है, वे तेजी से ठीक होते हैं और उन्‍हें अस्‍पताल से जल्‍दी छुट्टी मिल जाती है, साथ ही खून की भी कम हानि होती है।’’ इस तकनीक के बारे में डॉ. बीएस हुंजन ने बताया,  “इस टेक्नोलॉजी में नी रिप्‍लेसमेंट सर्जरी करने के तरीके को पूरी तरह से बदलने की क्षमता है। मुझे यकीन है कि एक दिन आएगा, जब यह टेक्नोलॉजी हर ऑपरेटिंग रूम में उपचार का मानक होगी। हमें बहुत गर्व है कि हम पंजाब में रोगियों के लिये विश्व स्तरीय उपचार लेकर आए हैं।”

हर रोगी की हड्डियों की रचना अलग होती है और गठिया से रोगग्रस्त जोड़ में और बदलाव हो जाता है। घुटने या कूल्हे की सर्जरी के मामले में, मैको सिस्टम का सॉफ्टवेयर रोगी के सीटी स्कैन के आधार पर रोगग्रस्त जोड़ का 3डी मॉडल बनाने में सहायता करता है। फिर यह सॉफ्टवेयर रोगियों के रोग की विशिष्ट स्थिति के आधार पर हर रोगी के लिये एक व्यक्तिपरक वर्चुअल सर्जिकल प्लान बनाने की सुविधा देता है। ऑपरेशन थियेटर में जाने से पहले हुई यह प्लानिंग सबसे सटीक बोन कट्स लगाने और इम्प्लांट्स के संरेखण का निर्णय लेने में मदद करती है। इस टेक्नोलॉजी से सर्जन सर्जरी के दौरान जरूरत पड़ने पर प्लान बदल भी सकता है। और एक बार प्लान तय होने पर मैको रोबोटिक आर्म-असिस्टेड सर्जरी सिस्टम ऑपरेशन थियेटर में बोन कट्स लगाने में सर्जन को सहयोग देता है। अनूठी हैप्टिक टेक्नोलॉजी सुनिश्चित करती है कि सर्जन बनाई गई वर्चुअल सीमाओं में रहे। चूंकि रोबोटिक आर्म को वर्चुअल सीमा से बाहर भौतिक रूप से नहीं चलाया जा सकता, इसलिये सॉफ्ट टिश्यू का संरक्षण होता है। इससे बोन कट्स और इम्प्लांट्स की स्थिति सबसे सटीक हो जाती है और सॉफ्ट टिश्यू को चोट नहीं लगती है। 

1,000 से ज्यादा मैको सिस्टम्स (और गिनती जारी है) का सबसे बड़ा वैश्विक इंस्टालेशन आधार, 350,000 से ज्यादा मैको प्रोसीजर्स और प्रकाशित तथा समकक्षों द्वारा समीक्षा किये गये अध्ययनों में 145 से ज्यादा प्रकाशन मैको रोबोटिक आर्म-असिस्टेड टेक्नोलॉजी की चिकित्सकीय दक्षता स्थापित करते हैं।

स्ट्राइकर क्या है 

स्ट्राइकर विश्व की अग्रणी मेडिकल टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक है और अपने ग्राहकों के साथ मिलकर स्वास्थ्यरक्षा को बेहतर बनाने के लिये काम करती है। यह कंपनी ऑर्थोपेडिक्स, मेडिकल एवं सर्जिकल, और न्यूरोटेक्नोलॉजी एवं स्पाइन में खोजपरक उत्पादों तथा सेवाओं की पेशकश करती है, जो रोगी और अस्पताल के परिणामों को सुधारने में मदद करते हैं। ज्यादा जानकारी stryker.com पर उपलब्ध है। 


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