इस महामारी के फैलने का फ़ायदा अब अपराधी भी उठाने लगे!
साइबर क्राईम का खतरा ही बढ़ा//29 फ़रवरी 2020//स्वास्थ्य
दुनिया भर में कोरोनावायरस (COVID-19) के बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि इस महामारी के फैलने का फ़ायदा अब अपराधी भी उठाने की कोशिश कर रहे हैं. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक आपराधिक तत्व ख़ुद को विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधियों के रूप में पेश करते हुए अनजान लोगों के धन और संवेदनशील जानकारी चुराने में जुटे हैं।
यूएन एजेंसी ने सचेत किया है कि अगर किसी भी व्यक्ति के सामने ऐसा मामला सामने आता है तो जल्दबाज़ी करने के बजाए सबसे पहले शिनाख़्त के लिए क़दम उठाने चाहिए।
ऑनलाइन माध्यमों पर ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें लोगों से लॉग-इन संबंधी जानकारी पूछी जा रही है, बिना पूछे ईमेल-अटैचमेंट भेजे जा रहे हैं, लोगों को स्वास्थ्य संगठन के बजाए अन्य वेबसाइटों पर क्लिक करने के लिए कहा जा रहा है और फ़ंडिंग अपील व आपात राहत प्रयासों के लिए धनराशि दान करने की अपील की जा रही है।
यूएन एजेंसी ने मज़बूती से स्पष्ट किया है कि उसकी ओर से ऐसी कोई अपील या प्रयास नहीं हो रहे हैं इसलिए धोखाधड़ी के इन मामलों में ईमेल, वेबसाइट, फ़ोन कॉल्स, टेक्सट या फ़ैक्स संदेशों से सावधान रहने की ज़रूरत है।
इस तरह की ईमेलों को ‘फ़िशिंग’ (phishing) कहा जाता है। पहली बार देखने पर ऐसा प्रतीत हो सकता है कि इन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से भेजा गया है। इनमें निजी जानकारी मांगी जाती है जिनमें यूज़र नेम, पासवर्ड शामिल है, फिर संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है। अगर लोग ऐसा करते हैं तो अपराधी लोगों के कंप्यूटर पर ऐसे सॉफ़्टवेयर इंस्टाल करने में सफल हो जाते हैं जिनसे संवेदशनशील जानकारी को चुराया जा सकता है।
सतर्क रहने के उपाय:
कोविड-19 संबंधी संदेश भेजने वाले के ईमेल पते की पुष्टि करें
लिंक पर क्लिक करने से पहले उसे जांच लें
निजी जानकारी साझा करते समय सतर्क रहें
जल्दबाज़ी में या स्वयं पर दबाव महसूस ना करें
संवेदनशील जानकारी अगर दे दी हो तो घबराएं नहीं
धोखाधड़ी महसूस होने पर उसकी तुरंत रिपोर्ट करें
जानकारी के सभी स्रोत भरोसेमंद नहीं
कोविड-19 से जुड़ी जानकारी सोशल मीडिया के कई अकाउंट से साझा की जा रही है. संगठन के प्रमुख ने लोगों से अपील की है कि आधिकारिक स्रोतों (जैसे WHO वेबसाइट) से ही जानकारी प्राप्त की जानी चाहिए कि लोग अपना, परिजनों व स्थानीय समुदायों का बचाव किस तरह कर सकते हैं।
इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर निरंतर विशेषज्ञों द्वारा तैयार व्यापक सामग्री को साझा किया जा रहा है।
विश्व शनिवार को अपने एक ट्वीट में यूएन एजेंसी के महानिदेशख ने माना कि कोविड-19 व्यापक रूप से फैलने के कारण लोगों में बेचैनी व्याप्त है। इसी वजह से उन्होंने कार्यस्थलों, स्कूलों और उपासना स्थलों पर सुरक्षा व बचाव के लिए पुख़्ता तैयारियों पर ज़ोर दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को बताया कि दो नए सदस्य देशों, मेक्सिको और सेन मेरिनो ने कोविड-19 के मामलों की पुष्टि की है जिसके बाद इस वायरस से प्रभावित देशों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है।
संगठन के मुताबिक चीन में पिछले 24 घंटों में 435 मामलों की पुष्टि हुई है जबकि अन्य देशों में एक हज़ार 318 नए मामले सामने आए हैं. चीन में कुल मामलों की संख्या 79 हज़ार 394 है जबकि अन्य 52 देशों में छह हज़ार से ज़्यादा संक्रमणों का पता चल चुका है।
चीन में इस महामारी से दो हज़ार 838 लोगों की मौत हुई है और बाक़ी देशों में 86 लोगों की जान जा चुकी है।
साइबर क्राईम का खतरा ही बढ़ा//29 फ़रवरी 2020//स्वास्थ्य
दुनिया भर में कोरोनावायरस (COVID-19) के बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि इस महामारी के फैलने का फ़ायदा अब अपराधी भी उठाने की कोशिश कर रहे हैं. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक आपराधिक तत्व ख़ुद को विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधियों के रूप में पेश करते हुए अनजान लोगों के धन और संवेदनशील जानकारी चुराने में जुटे हैं।
यूएन एजेंसी ने सचेत किया है कि अगर किसी भी व्यक्ति के सामने ऐसा मामला सामने आता है तो जल्दबाज़ी करने के बजाए सबसे पहले शिनाख़्त के लिए क़दम उठाने चाहिए।
ऑनलाइन माध्यमों पर ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें लोगों से लॉग-इन संबंधी जानकारी पूछी जा रही है, बिना पूछे ईमेल-अटैचमेंट भेजे जा रहे हैं, लोगों को स्वास्थ्य संगठन के बजाए अन्य वेबसाइटों पर क्लिक करने के लिए कहा जा रहा है और फ़ंडिंग अपील व आपात राहत प्रयासों के लिए धनराशि दान करने की अपील की जा रही है।
यूएन एजेंसी ने मज़बूती से स्पष्ट किया है कि उसकी ओर से ऐसी कोई अपील या प्रयास नहीं हो रहे हैं इसलिए धोखाधड़ी के इन मामलों में ईमेल, वेबसाइट, फ़ोन कॉल्स, टेक्सट या फ़ैक्स संदेशों से सावधान रहने की ज़रूरत है।
इस तरह की ईमेलों को ‘फ़िशिंग’ (phishing) कहा जाता है। पहली बार देखने पर ऐसा प्रतीत हो सकता है कि इन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से भेजा गया है। इनमें निजी जानकारी मांगी जाती है जिनमें यूज़र नेम, पासवर्ड शामिल है, फिर संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है। अगर लोग ऐसा करते हैं तो अपराधी लोगों के कंप्यूटर पर ऐसे सॉफ़्टवेयर इंस्टाल करने में सफल हो जाते हैं जिनसे संवेदशनशील जानकारी को चुराया जा सकता है।
सतर्क रहने के उपाय:
कोविड-19 संबंधी संदेश भेजने वाले के ईमेल पते की पुष्टि करें
लिंक पर क्लिक करने से पहले उसे जांच लें
निजी जानकारी साझा करते समय सतर्क रहें
जल्दबाज़ी में या स्वयं पर दबाव महसूस ना करें
संवेदनशील जानकारी अगर दे दी हो तो घबराएं नहीं
धोखाधड़ी महसूस होने पर उसकी तुरंत रिपोर्ट करें
जानकारी के सभी स्रोत भरोसेमंद नहीं
कोविड-19 से जुड़ी जानकारी सोशल मीडिया के कई अकाउंट से साझा की जा रही है. संगठन के प्रमुख ने लोगों से अपील की है कि आधिकारिक स्रोतों (जैसे WHO वेबसाइट) से ही जानकारी प्राप्त की जानी चाहिए कि लोग अपना, परिजनों व स्थानीय समुदायों का बचाव किस तरह कर सकते हैं।
इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर निरंतर विशेषज्ञों द्वारा तैयार व्यापक सामग्री को साझा किया जा रहा है।
विश्व शनिवार को अपने एक ट्वीट में यूएन एजेंसी के महानिदेशख ने माना कि कोविड-19 व्यापक रूप से फैलने के कारण लोगों में बेचैनी व्याप्त है। इसी वजह से उन्होंने कार्यस्थलों, स्कूलों और उपासना स्थलों पर सुरक्षा व बचाव के लिए पुख़्ता तैयारियों पर ज़ोर दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को बताया कि दो नए सदस्य देशों, मेक्सिको और सेन मेरिनो ने कोविड-19 के मामलों की पुष्टि की है जिसके बाद इस वायरस से प्रभावित देशों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है।
संगठन के मुताबिक चीन में पिछले 24 घंटों में 435 मामलों की पुष्टि हुई है जबकि अन्य देशों में एक हज़ार 318 नए मामले सामने आए हैं. चीन में कुल मामलों की संख्या 79 हज़ार 394 है जबकि अन्य 52 देशों में छह हज़ार से ज़्यादा संक्रमणों का पता चल चुका है।
चीन में इस महामारी से दो हज़ार 838 लोगों की मौत हुई है और बाक़ी देशों में 86 लोगों की जान जा चुकी है।
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