Tuesday, January 28, 2020

जंग में झौंकने की सियासत बंद करें दोनों देशों के हुक्मरान

28th January 2020 at 4:59 PM
IDPD के डाक्टर अरुण मित्रा और उनकी टीम की चेतावनी
लुधियाना: 28 जनवरी 2020: (कार्तिका सिंह//पंजाब स्क्रीन)::
महंगाई, गरीबी और आर्थिक मंडी की हकीकत को छुपाने के लिए फिर से एक शोर मचाया जा रहा है ठोक दो ठोक दो-पाकिस्तान को ठोक दो। सियासत की इस खतरनाक शरारत के खिलाफ एक बार फिर बुलंद आवाज़ ले कर आये हैं इंडियन डाकटरज़ फॉर पीस (आई डी पी डी) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डाक्टर अरुण मित्रा अपनी टीम साथ। इस  मिशन में उनके साथ हैं बैंकिंग इंडट्री से जुड़े हुए जनाब एम एस भाटिया।  इस टीम ने जंग की बातें कर रहे लीडरों को चेताया है कि आम जनता को तबाही की तरफ मत धकेलें। जनाब साहिर लुधियानवी साहिब के शब्दों में इन लोगों ने कहा है: 
बहुत दिनों से है यह मश्ग़ला सियासत का,
कि जब जवान हों बच्चे तो क़त्ल हो जायें।
                                 बहुत दिनों से है यह ख़ब्त हुक्मरानों का,
                                 कि दूर-दूर के मुल्कों में क़हत बो जायें॥
डाक्टर अरुण मित्रा ने चेतावनी दी है कि अगर भारत और पाकिस्तान के दरम्यान जंग छिड़ी तो होने वाली तबाही अनुमान से भी कहीं ज़्यादा होगी और इसका ख़मयाज़ा दोनों देशों की जनता को भुगतना पड़ेगा। यह ब्यान ऐन उस वक़्त आया है जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एलान किया है की जंग में पिस्टन को हराने के लिए उन्हें दस दिन भी नहीं लगेंगे। डाक्टर मित्रा ने इस ब्यान को बेहद निंदनीय कहते हुए दुःख व्यक्त किया है की यह ब्यान उस वक़्त दिया गया है जब दुनिया के बहुत से हिस्सों में पहले से ही जंग छिड़ी हुई है। जंग के अमानवीय दुष्परिणामों को झेलती हुई दुनिया पर और दबाव बढ़ाना कौन से सिद्धांत का हिस्सा है? इसी संगठन के प्रधान डाक्टर एम एस सूदन और महासचिव डाक्टर शकील उर रहमान ने याद भारत और पाकिस्तान दोनों मानवीय विकास के मामले में बेहद पिछड़े हुए हैं। कोई भी युद्ध दोनों देशों को एक ऐसी तबाही की तरफ धकेल देगा जो  दशकों तक भी नियंत्रित नहीं सकेगी। दोनों देशों को शांति  चाहिए तभी दोनों देशों की जनता विकास  कर सकती है।
इन डाक्टरों ने  दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं।  अगर इनका प्रयोग हुआ तो दो अर्ब लोगों का जीवन खतरे में पड़ जायेगा। 
इन लोगों ने सलाह दी की दोनों देशों की सरकारों को गरीबी, अनपढ़ता और बेरोज़गारी को हटाने के लिए काम करें न की युद्ध की ज्वाला को भड़काएं।  
ी डाक्टरों और मित्रों ने चेतावनी दी कि जंग छिड़ी तो और भयानक हो जाएंगी गरीबी और भुखमरी की मौजूदा तस्वीरें।  देश के विकास की डॉ और पिछड़ जाएगी। बेरोज़गारी और महंगाई और भयानक रूप ले लेगी। कुल मिला कर सारा खामियाज़ा आम जनता को भुगतना पड़ेगा। 
डाक्टर अरुण मित्रा ने जनाब साहिर लुधियानवी साहिब की लम्बी रचना की पंक्तियाँ याद दिलाईं:
चलो कि चल के सियासी मुकामिरों से कहें,
कि हम को जंगो-जदल के चलन से नफ़रत है।
                                      जिसे लहू के सिवा कोई रंग रास न आये,
                                      हमें हयात के उस पैरहन से नफ़रत है॥
कहो कि अब कोई कातिल अगर इधर आया,
तो हर कदम पे ज़मीं तंग होती जायेगी।
                                   हर एक मौजे हवा रुख बदल के झपटेगी,                                    
                                   हर एक शाख रगे-संग होती जायेगी॥
उठो कि आज हर इक जंगजू से कह दें,
कि हमको काम की खातिर कलों की हाजत है।
                                   हमें किसी की ज़मीं छीनने का शौक नहीं,
                                   हमें तो अपनी ज़मीं पर हलों की हाजत है॥
कहो कि अब कोई ताजिर इधर का रुख न करे,
अब इस जा कोई कंवारी न बेची जाएगी।
                                  ये खेत जाग पड़े, उठ खड़ी हुई फ़सलें,
                                  अब इस जगह कोई क्यारी न बेची जायेगी॥
यह सर ज़मीन है गौतम की और नानक की,
इस अर्ज़े-पाक पे वहशी न चल सकेंगे कभी।
                                हमारा खून अमानत है नस्ले-नौ के लिए,                                
                                हमारे खून पे लश्कर न पल सकेंगे कभी॥

जंग और जंग की सियासत के खिलाफ डाक्टर अरुण मित्रा के इस अभियान से जुड़ने के लिए आप भी आमंत्रित हैं। उनका मोबाईल नंबर है: 9417000360 
   साहिर लुधियानवी साहिब की इस पूरी काव्य रचना को पढ़ने के लिए आप यहां क्लिक करें। 

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