Saturday, July 07, 2018

भावी पीढ़ी को सही दिशा-निर्देश देने के लिए गुरमत सम्मेलन

Jul 7, 2018, 5:32 PM
आयोजन का मकसद अच्छे संस्कार और अच्छी शिक्षा 
जालंधर: 7 जुलाई 2018: (राजपाल कौर//पंजाब स्क्रीन)::
हमारा समाज और देश तभी तरक्की की राह पर आगे बढ़ सकते हैं ,जब हमारी भावी पीढ़ी अच्छे आदर्श ,संस्कार और गुरमत विचारों को अपने जीवन मेँ धारण करे। नामधारी गुरु ,सतगुरु जगजीत सिंह जी ने 1963 ईस्वी में बच्चों के सर्वोतोन्मुखी विकास के लिए गुरमत विद्यक सम्मेलन का आयोजन करवाया था जो कि वर्तमान समय में सतगुरु दलीप सिंह जी के सुयोग्य नेतृत्व में निरन्तर चल रहा है। यह विशेष रूप से गर्मियों की छुटियों में करवाया जाता है। इस गुरमत विद्यक सम्मेलन का सिलेबस गुरमत विद्यक सिद्धान्तों तथा अच्छे संस्कारों के मुताबिक निर्धारित किया जाता है। फिर देश-विदेश में अलग-अलग स्थानों पर इसका आयोजन करवा कर बच्चों के बीच अनेक प्रकार की प्रतियोगिताएं करवाई जाती हैं। जैसे कि नाम-सिमरन प्रतियोगिता ,भाषण ,कविता प्रतियोगता ,अरदास ,गुरबाणी-कंठ प्रतियोगता ,दस्तार प्रतियोगता ,सिक्ख इतिहास से संबन्धित प्रश्न-उत्तर प्रतियोगता ,सवाल-जवाब प्रतियोगता इसके अलावा चित्रकारी ,खेल ,पौष्टिक आहार बनाने तथा संगीत प्रतियोगता आदि उनको अलग-अलग ग्रुपों में बांटकर करवाई जाती हैं। इस तरह अलग-अलग प्रकार से मुकाबले करवाए जाते हैं ताकि बच्चों का अच्छी बातें सीखने के साथ-साथ थोड़ा मनोरंजन भी हो जाये,इसके साथ ही सिखलाई कैम्प भी लगाए जाते हैं।इस समागम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को सिक्ख धर्म की परम्पराओं के साथ जोड़कर ,अपनी महान विरासत से ज्ञात करवाना है। इसके अलावा उनमें अच्छे संस्कार ,समाज-सेवा तथा देशभक्ति जैसे जज्बे पैदा करने के लिए सिखलाई कैम्प भी लगाए जाते हैं।सम्मेलन में भाग लेने वाले विद्यार्थी की उम्र 4-5 साल से लेकर 24-25 साल तक होती है।विजेता शिक्षार्थियों को उनका हौंसला बढ़ाने के लिए इनाम भी दिए जाते हैं ,इसके इलावा इस सम्मेलन भाग लेने वाले प्रत्येक शिक्षार्थी को कुछ इनाम अवश्य ही दिया जाता है ताकि कोई बच्चा निराश न हो। इस साल 2018 के गुरमत विद्यक सम्मेलन देश के अलग-अलग स्थानों जैसे कि जालंधर के कई इलाकों के अलावा, श्री जीवन नगर(हरियाणा),चंडीगढ़ ,बीड भमारसी (पटियाला),मंडी (हिमाँचल-प्रदेश),अमृतसर ,दिल्ली ,दसूहा ,लुधियाना आदि कई स्थानों पर आयोजित किया गया,जो कि 10 जून से लेकर 5 जुलाई तक चलता रहा। यह आयोजन श्री सतगुरु दलीप सिंह जी तथा माता गुरमीत कौर जी की कृपा और निर्देशानुसार,विश्व-नौजवान नामधारी विद्यक जत्थे के प्रधान तथा जालंधर विद्यक सोसाइटी के चेयरमैन पलविंदर सिंह की अगवाई तथा उनकी टीम के सहयोग से सम्पन्न हुआ।इसमें मुख्य रूप से मास्टर सुखविंदर सिंह जी ,प्रिंसिपल हरमनप्रीत सिंह जी ,मुख्त्यार सिंह जी ,सुखदेव सिंह जी ,सुखराज सिंह जी ,गुरमुख सिंह जी ,सूबा अमरीक सिंह जी ,रत्न सिंह जी (प्रधान यूथ अकाली दल मोहाली),सरबजीत सिंह भिंडर ,प्रधान हजारा सिंह जी ,प्रधान अरविंदर सिंह जी ,जसवीर सैनी जी ,हरदीप सिंह राजा ,प्रधान गुरमेल सिंह बराड़,जसवंत सिंह सोनू ,सुरैन सिंह जी ,बूटा सिंह जी ,निर्मल सिंह वां,लाल सिंह जी और अध्यापिका भगवंत  कौर जी ,अध्यापिका रुपिन्दर कौर जी,परमजीत कौर ,सतनाम कौर ,सिमरजीत कौर ,हरविंदर कौर बीड़,रमनदीप कौर ,दर्शन कौर जी ,संदीप कौर जी तथा मुख्याध्यापिका राजपाल कौर आदि शामिल थे।

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