Jul 27, 2018, 2:35 PM
पंजाब में लगातार बढ़ती शराब की खपत भी चिंता का विषय
लुधियाना: 27 जुलाई 2018: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
पंजाब में लगातार बढ़ रहे नशे के कारण यह राज्य हेपाटाइटिस सी की राजधानी बनता जा रहा है। क्योंकि इंजेक्शन का नशा करने वाले लोग एक ही सुई का बार-बार इस्तेमाल करते हैं। जिससे हेपाटाइटिस का वायरस तेजी से फैलता है।
विश्व हेपाटाइटिस डे की पूर्व संध्या पर एसपीएस हॉस्पिटल में आयोजित जागरुकता लेक्चर के दौरान गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. निर्मलजीत सिंह मल्ही ने कहा कि लगातार बढ़ रहे लिवर डिजीज के कारण डब्ल्यूएचओ की ओर से हर साल 28 जुलाई को वल्र्ड हेपाटाइटिस डे मनाया जाता है। लिवर हमारी पाचन प्रणाली का जरूरी अंग है। यह भोजन को पचाने, उसमें से निकली ऊर्जा को इकट्ठा करने और जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। लगातार बदल रहे लाइफ स्टाइल के कारण लिवर डिजीज तेजी से बढ़े हैं। क्योंकि हम लोग लगातार तैलीय भोजन, धूम्रपान, नशीली दवाएं, शराब का सेवन करने के साथ-साथ फिजिकली एक्टिविटीज कम कर रहे हैं। कुछ लिवर रोगों में क्रोनिक हेपाटाइटिस, सिरोसिस, अल्कोहल लिवर डिजीज (एएलडी), गैर-मादक फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी), लिवर ट्यूमर और तीव्र वायरल हेपेटाइटिस (ए, बी, सी, डी, ई) शामिल हैं।
लगातार हो रहे शोध के कारण हेपाटाइटिस सी का इलाज अब दवाई से भी होने लगा है। यह काफी सस्ता और प्रभावी भी है। अगर समय से पता चल जाए तो इलाज पूरी तरह संभव है। लेकिन कई बार ऐसी स्थिति बन जाती है कि लिवर ट्रांसप्लांट की नौबत भी आ जाती है। लिवर कैंसर के 78 फीसदी मामले भी एचसीवी के कारण ही होते हैं। क्योंकि हेपाटाइटिस सी की अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है। इस कारण बचाव को ही इसका इलाज कहना बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि मोटापा, शुगर, हाई कोलेस्ट्रोल या हाई ट्राइगिलसराइड्स और पॉलिसिस्टिक अंडाशय रोग (पीसीओडी) भी लिवर डिजीज के कारण हो सकते हैं। कम चिकनाई वाला भोजन, वजन घटाकर, डाइबिटीज कंट्रोल व कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने से इलाज में मदद मिलती है। पंजाब में लगातार बढ़ती शराब की खपत भी चिंता का विषय है। क्योंकि इससे भी लिवर डिजीज होता है। इससे लिवर में सूजन आ जाती है। बुखार, पीलिया, जी मितलाना, उल्टी व पेट दर्द लिवर में सूजन के सिंप्टम्स हैं। लगातार 5 से 10 साल तक शराब का सेवन करने वाले व्यक्ति के जिगर में सिरोसिस बन जाता है। वर्तमान में हेरोइन का हो रहा इस्तेमाल चिंता का विषय है। इसके साथ ही ओपिएट्स, वजन व मासपेशियां बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे सप्लीमेंट्स, बेतहाशा तरीके से ली जा रही आयुर्वेदिक व हर्बल दवाएं भी नुकसानदायक हैं। क्योंकि इसमें शामिल रसायन सीधे लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि लिवर को सेफ रखने के लिए वेट नॉर्मल रहना चाहिए। इसके साथ ही लगातार एक्सरसाइज करके, पौष्टिक आहार लेकर, शराब से बचकर, अवैध दवाइयों के उपयोग से बचकर, दूषित सुइयों से बचकर, हेपाटाइटिस ए व बी की वैक्सीन लगवाकर, रेजर, टुथब्रश, नाखून काटने वाला नेल कटर और चप्पल इत्यादि किसी से साझा नहीं करके, भोजन करने से पहले हाथ अच्छी तरह धोकर इत्यादि सावधानियां बरतकर लिवर को सुरक्षित रखा जा सकता है।
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