गांव बडुंदी में अकालीदल का जोशीला धरना
लुधियाना: 11 जून 2018 (पंजाब स्क्रीन टीम):: फेसबुक पर तस्वीरें देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
किसकी हिम्मत है जो हमारे साथ धक्केशाही कर जाये। हम इस तरह की गुंडागर्दी से नहीं डरते। ललकार कर यह बात कही पूर्व अकाली विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने। वह पक्खोवाल के नज़दीक लुधियाना के ही गाँव बडुंदी में आए हुए थे। यहाँ अकाली दल के रोष धरने को सम्बोधित करते हुए उन्होंने अकाली कार्यकर्ताओं में एक नया जोश भर दिया। उन्होंने स्पष्ट एलान किया कि काम से कम कम दस लोग भी डांग पकड़ कर तैयार बैठे हों तो किसकी मजाल है जो अकाली शक्ति के सामने ठहर जाए। उन्होंने याद दिलाई की अकाली दल का इतिहास मोर्चों और संघर्षों का इतिहास है। जेल में रहें या बाहर--हमें कोई ज़्यादा फर्क नहीं पड़ता। इस मौके पर वृद्ध और टकसाली अकाली कार्यकर्ता भी शामिल थे।
गांव बडुंदी में यह धरना दिया गया था उस कथित धक्केशाही के खिलाफ जो सरपंची के चुनाव में गुरशरण सिंह बडुंदी के साथ की गयी। श्री अयाली ने याद दिलाया की अकाली दल की तो जीवन शैली ही संघर्षों से भरी है। हमने अनगिनत मोर्चे लगाए और जीत हासिल की। हम आज भी उसी तरह मज़बूत हैं। किसी ने हमें कमज़ोर समझ कर धक्केशाही की तो नतीजे अच्छे नहीं होंगें। गौरतलब है की इस धरने में बच्चों से ले कर बज़ुर्ग लोग भी जोशो खरोश के साथ शामिल हुए। दोपहर की कड़कती धुप में भी न तो किसी के चेहरे पर कोई घबराहट थी और न ही चिंता। सभी के चेहरों पर जोश की चमक थी। इस मौके पर सरपंची चुनाव में हुई धक्केशाही के साथ साथ 2019 और 2022 के चुनावों की जीत का भी संकल्प दोहराया गया।
इस अवसर पानी और चाय का पूरा प्रबंध था। सब कुछ बहुत ही अनुशासित ढंग से चल रहा था। कोई भी अकाली नेता अपने निश्चित समय से ज़्यादा नहीं बोला। सभी ने अपने अपने ढंग से इस मुद्दे पर चर्चा की। तकरीबन सभी वक्ताओं इ भाषण इन चेतावनी की सुर स्पष्ट थी। कांग्रेस पार्टी के साथ साथ उन उच्च अधिकारीयों को भी याद दिलाया जा रहा था की अगर उन्होंने नियमों से हट कर कुछ किया तो अकाली सर्कार आने पर उन्हें इसका ख़मयाज़ा भुगतना पड़ेगा।
लोकसभा के पूर्व स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल के कहने पर सभी कार्यकर्ता श्रद्धा और शांति से मूलमंत्र का जाप करते रहे। श्री अटवाल ने कहा की हम इसी तरह एक सप्ताह तक शांतिपूर्ण संघर्ष करेंगे। अगर प्रशासन को समझ नहीं आई तो फिर बड़ा एक्शन भी किया जायेगा। वक्ताओं ने कहा की सरपंच गुरुशरण सिंह के साथ की गयी धक्केशाही कोई मामूली बात नहीं है। आज अगर इसे सहन कर लिया गया तो फिर कांग्रेस सरकार के हाथ और खुल जायेंगे। अन्य लोगों के साथ भी यही होगा। इस लिए हम इसे यहीं रोकेंगे। हम सरकार की इस धक्केशाही को बढ़ने नहीं देंगें।
इस अवसर महिलाओं ने भी बढ़ चढ़ कर भाग लिया। इन महिलाओं में जहाँ अकाली कार्यकर्ताओं और सरपंचों के परिवारों की संभ्रांत महिलाएं थीं वहीँ गाँव की वृद्ध औरतें भी बढ़चढ़ कर शामिल हुईं। इन महिलाओं ने इस धक्केशाही के खिलाफ ज़ोरदार स्यापा भी किया। पुतलों को जूते मारे और आग लगाई।
इस धरने में लोकसभा के पूर्व स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल, पूर्व विधायक मनप्रीत सिंह अयाली, वरिष्ठ अकाली नेता दर्शन सिंह शिवालिक, रंजीत सिंह तलवंडी और पीड़ित सरपंच गुरुशरण सिंह सहित बहुत से अकाली नेता शामिल थे। फेसबुक पर तस्वीरें देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
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