Wednesday, December 13, 2017

कांग्रेसी ट्रेड यूनियन इंटक ने बुलंद की मज़दूर हित की आवाज़

Wed, Dec 13, 2017 at 3:05 PM
अनीता शर्मा ने पूछा-सरकारी अफसर क्यों नहीं करते चैकिंग?
लुधियाना: 13 दिसंबर 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
राष्ट्रीय मजदूर ट्रेड युनियन (इंटक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश शर्मा सुंदरियाल ने लुधियाना पहुंचते ही मानवाधिकार दिवस पर इंटक के सभी सदस्यों को श्रमिकों के अधिकारों के लिए कार्य करने का दिशा निर्देश जारी किया।  चूंकि पंजाब में कांग्रेस की सरकार है इसलिए कांग्रेसी ट्रेड यूनियन इंटक का इस तरह खुल कर मज़दूर हितों के लिए आगे आना बहुत गहरे संकेत दे रहा है। गौरतलब यह भी है कि इंटक के महिला विभाग की राज्य अध्यक्ष अनीता शर्मा सच बोलने के लिए पहले भी काफी जानी जाती हैं। सियासी क्षेत्रों में चर्चा है कि इंटक को मज़दूर संगठनों में नंबर वन बनाने के लिए इंटक प्रमुख दिनेश सुंदरियाल और पंजाब प्रमुख अनीता शर्मा को कांग्रेस की राष्ट्रिय है कमान का आशीर्वाद प्राप्त है। 
शराब के कारोबार को ले कर तकरीबन सभी दलों से टक्कर ले चुके संगठन बेलन ब्रिगेड की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पंजाब महिला इंटक प्रधान अनीता शर्मा ने कहा कि आज सरकार मजदूरों के अधिकारों को नज़रअंदाज कर रही है जिस कारण हजारों मज़दूर सरकारी नियम कानून और इंस्पेक्टरी राज खामियों के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं। मज़दूरों के जान माल की सुरक्षा करने में अफसरशाही पूरी तरह नाकाम हो चुकी है। होटलों, अस्पतालों,  फैक्ट्रियों की सरकारी अफसर कोई चेकिंग नहीं करते कि यहां पर फायर सिस्टम, सीवरेज सिस्टम, बिल्डिंग प्लानिंग व हाइजीनिक व्यवस्था का ठीक इंतजाम है या नही? सरकारी अफसर या तो इसकी चेकिंग ही नहीं करते या फिर रिश्वत लेकर चुप हो जाते है। चाहिए तो यह कि अगर किसी जगह सही व्यवस्था नहीं है तो सरकारी अफसर प्राइवेट अदारों को नोटिस भेजे और उसकी चेकिंग करे यदि नियम या कानून के मुताबिक काम नहीं हो रहा तो उन पर भारी जुर्माना लगाए।   
सरकारी अफसर मज़दूरों के कल्याण के लिए व उनकी जान माल की सुरक्षा के लिए कोई भी  कार्य ढंग से नहीं कर रहे है जिस कारण फैक्ट्रियों में हादसा  होने के बाद मजदूर तो अपनी जान गँवा देता है उसके साथ साथ फैक्ट्रियों के मालिक भी हादसे के दोषी बन जाते है। उन्हें मृतकों को हर्जाना भरना पड़ता है और फैक्ट्री में आग आदि लगने से लाखों का नुक्सान अलग से हो जाता है। इसलिए सभी सरकारी विभागों के अफसर फैक्ट्रियों, होटलों, अस्पतालों, स्कूलों, कॉलेजों व मॉल आदि की समय समय पर जांच करें ताकि कोई अनहोनी घटना न घटे और मजदूर व मालिकों की जान माल की सुरक्षा हो सके। 
इंटक पंजाब लोकल बॉडीज के प्रधान नरेंदर सिंह ने कहा कि सीवरेज गैस चढ़ने के कारण कई लोग हर वर्ष मर जाते है। सरकारी कर्मचारी तो  सरकार से मुआवजा ले लेते है लेकिन यदि सीवरेज साफ़ करते वक्त यह हादसा किसी प्राइवेट  बिल्डिंग में हो जाए और किसी मजदूर की जान चली जाए तो आम आदमी लाखों रुपया हर्जाना मृतक के परिवार वालों को नहीं दे सकता। इसलिए सरकार को चाहिए की सीवरेज का काम करने वाले मजदूर को ट्रेनिंग दे कि वे कैसे सीवरेज मेनहोल में कार्य करें और उन्हें क्या सेफ्टी इंतजाम बरतने चाहिए पैसे की लालच में वे जोखिम भरा काम न करे ताकि किसी मजदूर की जान न जाए। प्राइवेट सीवरेज का काम कराने वाले मालिकों को भी किसी मजदूर की जान जाने पर मजबूरन हर्जाना न भरना पड़े।
इस अवसर पर राष्ट्रीय मजदूर ट्रेड युनियन (इंटक) के राष्ट्रीय सचिव ऋषि वर्मा, पंजाब इंटक के प्रधान हरकिशन सिंह विक्की व पंजाब  इंटक लोकल बॉडी के उपप्रधान  चन्द्र शेखर सहोता ने भी अपने अपने विचार रखे।

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