Tuesday, April 04, 2017

"इंटक" के नाम पर लगाई गई "आप" और वाम दलों में सेंध?

इंटक के वरिष्ठ नेतायों  ने नई नियुक्तियों से पल्ला झाड़ा 
लुधियाना: 4  अप्रैल 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):: 
सत्ता सम्भालने के तुरन्त बाद कांग्रेस ने अपने मज़दूर विंग इंडियन ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) के ज़रिये भी अपना जनाधार मज़बूत करना शुरू कर दिया है। सुविज्ञ सूत्रों की माने तो इस मकसद के लिए उन सभी लोगों की एक लिस्ट बनाई गयी है जो समाज में सक्रिय हो कर कार्य कर रहे हैं और किसी न किसी क्षेत्र में अच्छा नाम कमा चुके हैं। इस लिस्ट को बनाने और इसमें से ख़ास ख़ास लोगों को छांट कर इंटक के ज़रिये कांग्रेस के साथ जोड़ने का अभियान बड़े पैमाने पर शुरू हो चुका है। लुधियाना की हौजरी इंडस्ट्री के मास्टर फ़िरोज़ और नशे के खिलाफ सफल अभियान चलाने वाले संगठन बेलन ब्रिगेड की अनीता शर्मा को सफलता के साथ इंटक के साथ जोड़ा जा चुका है। इस सबन्ध में कई और नियुक्तियां भी हुईं हैं पर क्या इन नियुक्तियों को करने वाले लोग खुद इस मकसद के लिए अधिकृत हैं? यदि राष्ट्रिय अध्यक्ष दिनेश शर्मा हैं तो फिर संसद सदस्य जी संजीवा रेडी कौन हैं जिन्हें इंटक की वेबसाईट पर राष्ट्रिय प्रधान दिखाया गया है? इंटक के पुराने नेता सरबजीत सिंह सरहाली ने कहा है कि हमारे वास्तविक प्रधान संजीवा रेडी ही हैं और नयी नियुक्तियों में सक्रिय लोगो से हमारा कोई सम्बन्ध नहीं। उन्होंने कहा कि  यह लोग पहले भी इस तरह की कोशिशें कर  चुके है। 
गौरतलब है कि बेलन ब्रिगेड प्रमुख अनीता शर्मा को इंटक के महिला विंग का प्रांतीय अध्यक्ष बनाया गया है जबकि मास्टर फ़िरोज़ को इंटक की पंजाब इकाई का महासचिव बनाया गया है। मास्टर फ़िरोज़ और अनीता शर्मा-इन दोनों नेतायों ने आम जनता के साथ बहुत गहरायी से एकजुट हो कर काम किया है। इनको अपने एक एक सदस्य के साथ साथ अन्य लोगों की दयनीय हालत का भी अहसास होता है। इस लिए इनके साथ काम कर चुके लोग इनका सम्मान भी करते हैं। दिलचस्प बात है कि आम आदमी पार्टी मैडम अनीता शर्मा के इस अनुभव का फायदा नहीं उठा सकी और सी पी आई मास्टर फ़िरोज़ के जनाधार की समस्याएं हल करने करवाने में नाकाम रही। परिणाम यह हुआ कि अब ये दोनों नेता भी इंटक के साथ हैं। दोनों को इंटक से काफी उम्मीदें भी हैं पर क्या यह सब इतना आसान होगा? क्या इनको अपने साथ जोड़ने वाली इंटक के नेता सचमुच इस मकसद का अधिकार रखते हैं? 
इंटक चूंकि एक मज़दूर संगठन है इस लिए इसका मुख्य जनाधार भी आम मज़दूर ही हैं। इन मज़दूरों में बहुत से ऐसे हैं जिनके घरों की हालत दयनीय है। ठेकेदारी सिस्टम के चलते इनको पूरा वेतन नहीं मिल पाता। जो मिलता है वो भी शराब के सेवन में उड़ जाता  है। सीवरेज की सफाई के दौरान बहुत से मज़दूर मौत के मुँह में जा चुके हैं और बहुत से गंभीर बिमारियों का शिकार हो चुके हैं। क्या इंटक के नाम पर सक्रिय नया या पुराना गुट इस मकसद के लिए संघर्ष कर पायेगा? अभी भी बहुत से सरकारी और गैर सरकारी मुलाज़िमों/मज़दूरों को बहुत सी समस्यायों का सामना करना पड़ रहा है क्या उन्हें इन्साफ मिलेगा? अमृतसर और मुंबई में वामपंथी मज़दूर संगठन एटक ने घरों में काम करने वाली महिलायों को एकजुट करके उन्हें संगठित किया है और उनके अधिकारों की जंग लड़ी जा रही है क्या इंटक के इन नए नेतायों के पास ऐसा कोई रेकार्ड या कार्ययोजना है?
इसके साथ ही उल्लेखनीय है कि जब दो सितम्बर की देशव्यापी हड़ताल हुई थी तो दोनों बार भारतीय मज़दूर संघ ऐन मौके पर उस हड़ताल से अलग हो गया था लेकिन इंटक ने अन्य मज़दूर संग्रहणों का साथ दिया। इससे मज़दूर भाईचारे में एकता की एक भावना मज़बूत हुई। क्या अब आम आदमी पार्टी और वाम दलों में सेंध लगा कर की जा रही नियुक्तियां इस भाईचारे को नुकसान  नहीं पहुँचायेगी? इन मज़दूर संगठनों में से कौन ज़्यादा शक्तिशाली बन कर सामने आएगा इसका फैसला जहाँ संघर्ष की दृढ़ता करेगी वहीँ कुछ सप्ताह बाद आने वाले मई दिवस पर होने वाली जनतक रैलियों भी बताएंगी कि किसके साथ है मज़दूरों की शक्ति?  
इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर इंटक के महिला विंग की नव नियुक्त राज्य प्रधान अनीता शर्मा ने कहा कि श्री रेडी पर कोई मुकद्दमा चल रहा है इस लिए पार्टी हाई कमान ने यह ज़िम्मेदारी श्री दिनेश को सौंपी है। उन्होंने दावा किया कि  राष्ट्रीय प्रधान दिनेश शर्मा सुंदरियाल ही हैं। दूसरी तरफ श्री सरहाली ने कहा कि इंटक के राष्ट्रीय प्रधान हैं-जी संजीव रेडी, पंजाब के अध्यक्ष हैं सुभाष शर्मा, इंटक पंजाब के उपाध्यक्ष हैं-सरबजीत सरहाली, इंटक लुधियाना के प्रधान हैं-धर्मचन्द, इंटक लुधियाना के वर्किंग प्रेजिडेंट हैं-गुरजीत सिंह जगपाल और लुधियाना इंटक के महसचिव हैं-सुरेश सूद।
अब देखना है कि  कांग्रेस पार्टी की हाई कमान इस मामले पर क्या रुख अपनाती है?



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