Monday, December 12, 2016

सम्प्रदायक ताकतों की ओर से इस्लाम धर्म को आतंकवाद से जोडऩा गलत

इस्लाम धर्म आपसी भाईचारे और शांति का संदेश देता है
पैगम्बरे इसलाम हजरत मुहम्मद ने भेद-भाव खत्म कर इंसानियत को बराबरी का दर्जा दिया
सच्चा मुसलमान वही, जो हजरत मुहम्मद (स.) साहिब के बताए रास्ते पर चले: शाही इमाम
लुधियाना: 12 दिसंबर 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
दिलों से नफरतें निकाल कर आपसी भाईचारे को मजबूत कीजिए, सच्चा मुसलमान वही है, जो हजरत मुहम्मद (स.) साहिब के बताए हुए रास्ते पर चले। यह विचार आज यहां जामा मस्जिद में 12 वफात के इतिहासिक दिन के मौके पर मुसलमानों को संबोधित करते हुए पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब-उर-रहमान सानी लुधियानवी ने प्रगट किये। उन्होंने कहा कि हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहीवसल्लम 12 रबी-उल-अव्वल के दिन ही 63 साल तक संसार में इंसानियत को प्यार-मुहब्बत, आपसी भाईचारे का पाठ पढ़ा कर अल्लाह तआला के पास वापिस चले गये। इसीलिए आज के दिन को 12 वफात कहा जाता है। शाही इमाम ने कहा कि आज के दिन मुसलमान अपने प्यारे नबी हजरत मुहम्मद (स.) साहिब को याद करते हुए उनकी दी हुई शिक्षाओं के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करने का संकल्प दोहराते हैं। शाही इमाम ने कहा कि 14 सौ वर्ष बीत जाने के बाद भी आपकी शिक्षाएं किसी परिवर्तन के बिना मूल्य रूप में मौजूद हैं और मानव जाति के मार्ग दर्शन के लिए आशा की किरण हैं। उन्होंने कहा कि अल्लाह तआला ने कुरान शरीफ में यह बात स्पष्ट कर दी कि हजरत मुहम्मद (स.) साहिब आखरी नबी हैं, अब कोई और व्यक्ति कयामत तक नबी बनकर नहीं आ सकता। शाही इमाम ने कहा कि हजरत मुहम्मद (स.) साहिब के दुनिया में आने से पहले लोग बेटियों को जिंदा जमीन में दफन कर दिया करते थे। आप (स.) ने दुनिया में आकर इस जुल्म को रोका और बेटी को अल्लाह की रहमत बताया। शाही इमाम ने कहा कि इस्लाम धर्म आपसी भाईचारे और शांति का संदेश देता है, सम्प्रदायक ताकतों की ओर से इस्लाम धर्म को आतंकवाद से जोडऩा गलत है, बल्कि निंदनीय है। इस मौके पर नायब शाही इमाम मौलाना उसमान रहमानी, मौलाना कासिम, कारी मोहतरम, मौलाना महबूब आलम गोरखपुरी, अंजूम असगर, शाहनवाज अहमद, गुलाम हसन कैसर,  मुख्य सचिव मुहम्मद मुस्तकीम विशेष रूप से उपस्थित थे।

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