PM मोदी ने रखी AIIMS की आधारशिला
भटिंडा:: 25 नवम्बर 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज भटिंडा में आल इंडिया इंसिच्यूट आफ साइंसिज की आधारशिला रखी। इस अवसर पर उन्हें सुस्वागतम कहते हुए मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल ने वहां मौजूद श्रोतायों से दो बार फतेह के जैकारे लगवाये। पहली बार आवाज़ कम आई तो श्री बादल ने कहा अरे भई मोदी साहिब आए हैं ज़रा ज़ोर से आवाज़ आनी चाहिए।
अपने भावुक भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान की तरफ भ कर जाते पानी का विशेष उल्लेख किया और कहा कि यदि यही पानी यहाँ हमारे पंजाब के किसान को मिले तो वह मिटटी से सोना पैदा कर सकता है। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान की जनता के दुःख दर्द की भी चर्चा की। उन्होंने कहा मैं पाकिस्तान के आवाम से कहना चाहता हूं कि यह हिंदूस्तान है। जब आपका एक सैनिक मरता है तो करोड़ों भारत वासियों का आंसू निकलता है। लड़ना हैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ो, आतंक के खिलाफ लड़ो। पाकिस्तान की जनता को हुकुमरानों से हिसाब मांगना चाहिए। श्री मोदी बहुत ही फ्लो में बोले।
भारतीय सेना की चर्चा करते हुए उन्हने याद दिलाया कि सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया था। हमने अपनी सेना की ताकत का उन्हें एहसास करवा दिया। मोदी ने कहा कि मैं किसानों के खेतों को पानी से लबालब करने का इरादा लेकर चल रहा हूं। पानी के साथ पराली जलाने की समस्या की भी चर्चा हुई। गौरतलब है की आजकल यह बहुत गम्भीर समस्या बनी हुई है।
पानी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में पानी चला जाए और दिल्ली में सरकारें सोती रहीं। किसान रोता रहा। अगर पानी मिल जाए तो मिट्टी सोना पैदा करे। इसके लिए दिल्ली में बैठी सरकार बादल के साथ कंधे से कंधा मिलकर चलने को तैयार है। भारत के हक का पानी किसी कीमत पर पाकिस्तान नहीं जाने देंगे। सिंधु नदी का पानी हिन्दुस्तान का है। पानी पर उन्होंने काफी चर्चा की लेकिन एस वाई एल का मुद्दा नहीं उठा।
अपनी नीतियों की चर्चा करते हुए श्री मोदी ने कहा कि मुझे चुनाव के रिजल्ट से लेना देना नहीं है, बल्कि किसान भाइयों के भले से मतलब है। जिस खेत में जो फसल होती है उसका अवशेष अगर उसी जमीन में गाड़ दें तो वह जमीन के लिए खुराक बनेगी। जैसे धरती को पानी की प्यास लगती है, वैसे ही भूख भी लगती है। इसके लिए पराली उसके पेट में ही डाल दो। इसे जलाओ मत, ये आपकी संपत्ति है। अरबों खरबों की संपत्ति है। अब देखना है कि पानी जैसे मुद्दे पर केंद्र सरकार क्या रुख लेती है।
नोटबन्दी से पैदा हुई समस्या पर उन्हने सुझाव देते हुए कहा अपने मोबाईल को ही अपना बैंक बना लो। यही आपका बटुआ भी होगा।
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