Wednesday, October 12, 2016

हम नहीं तो कौन रोकेगा भ्रष्टाचार को--एडवोकेट श्रीपाल शर्मा

Wed, Oct 12, 2016 at 12:44 PM
सूचनाधिकार लागू हुए हो गए 11 वर्ष रिश्वत व कमीशन आज भी जारी 
लुधियाना: 12 अक्टूबर 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
भारत में 12 अक्तूबर को  सूचनाधिकार को लागू हुए 11 वर्ष हो गए है लेकिन आज भी आम जनता  इस अधिकार का प्रयोग बखूबी नही कर पा रही  है जिस कारण सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा और  खत्म होने का नाम नही ले रहा है। 
आर टी आई एंड ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट संस्था के अध्यक्ष श्रीपाल शर्मा एडवोकेट ने एक ब्यान में बताया कि जब तक जन साधारण लोग आर टी आई कानून को नही अपनाएंगे तब तक समाज में सुधार संभव नही होगा। सरकारी हस्पतालों में, सरकारी स्कूलों में सरकारी दफ्तरों में जनता के टैक्स का रुपया बिना सही  योजना  व रोक टोक के अफसरशाही की जेबों में जा रहा है उन्हें कोई पूछने वाला नही है। 
नगर निगम शहर में सीवरेज, सडक़े, पार्क, पीने का पानी, लाइट आदि का कार्य करता है। जनता से हाउस, पानी, सीवरेज आदि टैक्स लेता है लेकिन शहर की बुरी हालत किसी से छुपी नही है और सभी विभागों में नगर निगम पहले नंबर पर भ्रष्टाचार व बेईमानी वाला विभाग है। यहां पर  हर अफसर रिश्वत व कमीशन लेकर काम करता है दूसरी तरफ  सिविल सर्जन विभाग भी किसी से कम  नही है यहां के अफसर भी लोगों की जिंदगी से सरेआम खिलवाड़ करते है ये खाने पीने की वस्तुओं के सैंपल तो हर साल लेते है लेकिन किस हलवाई पर क्या कारवाई हुई इसका ब्यौरा बाद में जनता को कभी नही मिलता। दूध व मिठाइयों में, हल्दी मिर्च मसालों में मिलावट, नकली दवाइयां शहर में आम बिक रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग अपनी रिश्वत व कमीशन लेकर आराम कर रहा है।
एडवोकेट श्रीपाल शर्मा ने कहा कि जब तक हर गली मुहल्ले गांव के लोग कलम पकड़ कर इन बेईमान अफसरों से उनके कार्य का लेखा जोखा आर टी आई के तहत नही पूछते तब तक लोगो के टैक्स का रुपया यू ही इन अफसरों की जेबो में जाता रहेगा। आज देश में कुछ लोग ही आर टी आई कानून का सहारा लेकर अफसरों को उनके कार्यों का एहसास करा रहे है। आज 11 वर्ष हो गए है सूचनाधिकार लागू हुए लेकिन कोई भी व्यक्ति समाज हित के लिए आर टी आई लगा कर अफसरों से उनके कार्यो का हिसाब किताब नही पूछ रहा। यही कारण है कि अफसरशाही आज भी बिना रोक टोक रिश्वत व कमीशन खा रही है और हम लोग चुपचाप अपने टैक्स का रुपया लूटते देख रहे हैं। 

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