प्रशिक्षण में किया गया अभियान को जनून बनाने का आवाहन
लुधियाना: 3 सितम्बर 2016: (पंजाब स्क्रीन टीम):
इस समय सबसे बड़ी चुनौती बन कर उभरा है स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने का मकसद। इसकी सफलता के लिए जहाँ एक ओर बहुत से लोग दो चार मिन्ट्स के लिए झाडू पकड़ कर मीडिया के सामने तस्वीरें खिंचवाते हैं वहीँ कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें केवल इस अभियान को सफल बनाने का जनून है। वे अपनी कारगुज़ारी का ढिंडोरा पीटने की बजाये केवल काम और केवल काम में यकीन रखते हैं। तीन सितम्बर 2016 को लुधियाना के गुरुनानक भवन के मिनी ऑडिटोरियम में हमने एक ऐसा ही आयोजन देखा जो शायद मीडिया की नज़र से ओझल था।
इस कार्यक्रम में केवल दिन रात काम करने और स्वच्छता अभियान को एक जनून बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। इस ट्रेनिन्गको प्रभावी बनाने के लिए कुछ अछि फिल्मों के क्लिप्स और डायलॉग भी दिखाए और सुनाये गए। यहाँ स्वच्छता में भगवान को पाने का अभ्यास सिखाया जा रहा था तान की लोग कथनी और करनी में एक हो सकें।
स्वच्छता में ही भगवान है इस बात को तो सभी मानते भी हैं और प्रचार भी करते हैं लेकिन वास्तव में उनकी ज़िन्दगी में यह हकीकत ढल नहीं पाती। बेहद दुखद सत्य है कि गन्दगी फ़ैलाने वालों में उन लोगों की संख्या अधिक है जो खुद को पढे लिखे और बहुत ही सांस्कृतिक समझते हैं। हर तरह के इंसान को स्वच्छता की तरफ लाने के लिए आज एक कार्यक्रम हुआ लुधियाना के गुरु नानक भवन में जहाँ स्वच्छता का अभियान चलाने और इस अभियान को एक जनून बनाने पर ज़ोर दिया गया। बात भी सही है कि जब तक स्वच्छता एक जनून बन कर हमारे दिलो दिमाग पर नहीं छाएगी तब तक स्वच्छ भारत का मिशन पूरी तरह से कामयाब नहीं होगा। इस मकसद के लिए वाटर सप्लाई एन्ड सेनिटेशन विभाग की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में एस डी ओ-प्रेम कुमार, एग्ज़िक्युटिव इंजीनियर-जे एस चाहल, एस डी ई-पवित्र सिंह, के साथ साथ हर्षविंदर सिंह, मुखविंदर सिंह, कर्मजीत सिंह, अमोलक सिंह, नवजोत कौर, नीलम शर्मा, जगनदीप कौर, सुनीता गौतम, शवेता शर्मा, नरेंद्र घावरी, हरप्रीत सिंह और अन्य कई सक्रिय लोग शामिल हुए। अब देखना है कि इस अभियान के अंतर्गत कितने लोग कितनी जल्दी कितनी स्वच्छता ला पाते हैं।
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