अब अधिकारों की जंग होगी और तेज़
लुधियाना: 25 अगस्त 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
सीवरेज के बिना ज़िन्दगी की कल्पना मुश्किल है। गटर---सीवरेज--बहुत ही आम सा नाम लेकिन इसे उसी वक़्त गम्भीरता से लिया जाता है जब यह जाम हो जाये। उस वक़्त सीवरेज को खोलने वाला साधारण सा मुलाज़िम बहुत महत्वपूर्ण लगने लगता है। गन्दगी और गैस से भरे गटर में जब वह उतरता है तो उसके साथ कुछ भी हो सकता है। फेक्ट्री और घरों से कई बार गन्दगी और गर्म पानी उसके सर पर आ कर गिरता है। गैस उसकी सांस के साथ उसके दिमाग को चढ़ती है। कई बार उसकी वहीँ पे मौत हो जाती है और कई बार अस्पताल में पहुँच कर। अगर वह बच भी जाये तो उसके स्वास्थ्य में इतनी गड़बड़ियां पैदा हो जाती हैं जिनकी वजह से कभी भी कोई गंभीर समस्या खड़ी हो सकती है। इस तरह की ख़बरों को आये दिन अख़बारों में पढ़ कर भी समाज ने कभी उनके लिए गम्भीरता से नहीं सोचा। जन्माष्टमी के पावन अवसर पर इस तरह के सभी मुद्दों को लेकर राज्य स्तरीय बैठक बुलाई कुछ यूनियन नेतायों ने मिल कर। तकरीबन सभी ज़िलों से प्रमुख और सक्रिय लोग इस बैठक में शामिल हुए। इन मुलाज़िमों की ज़िन्दगी की कीमत का अहसास सरकार और समाज को कैसे हो इस पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया। देखिये इस बैठक की एक संक्षिप्त कैमरा रिपोर्ट।
इस बैठक में लुधियाना से कामरेड विजय कुमार, मोगा से सतपाल अनजान, मोहाली से विनोद कुमार चुघ, लुधियाना के अन्य जोनों से महिपाल, दरोगी, शामलाल और अन्य बहुत से सरगर्म कार्यकर्ता शामिल हुए।
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