एक नई और महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी आने वाली है
शिक्षक बंधुओं आपके ऊपर एक नई और महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी आने वाली है ध्यान से पढकर अपने आप को मानसिक रूप से तैयार रखे सरकारी मास्टरों पर रोज रोज थोपी जाने वाली योजनाओ पर हास्य व्यंग्य-
कभी हस भी लिया करो--
सुना है अब बच्चो को स्कूलों में दूध भी दिया जाएगा और यदि दूध के दाम इसी तरह बढते रहे तो हो सकता है ac रूम में बैठकर योजना बनाने वाले दूध की आपूर्ति हेतु निम्न योजना ना बना डाले क्युकी इन योजना बनाने वालो का कोई भरोसा नही है।
ये सिर्फ एक कल्पना जो दूध की आपूर्ति हेतु वास्तविकता बन सकती है क्युकी मास्टरों के साथ शिक्षा विभाग जो ना करे वो कम है--
दूध आपूर्ति हेतु निम्न बदलाव किये जा सकते है--
(1) प्रा• स्कूलों के बच्चों के स्वास्थ्य संवर्धन हेतु दूध के भाव देखते हुए बेसिक स्कूलों मे दूध हेतु 25 बच्चों मे एक भैंस 50 मे दो भैंस पाली जायंगी और संख्यानुसार कम ज्यादा हो सकती है।
(2) जिसकी धनराशि शीघ् ही Smc के खातों मे भेज दी जायेगी एवं अध्यक्ष व सचिव मिलकर भेंस को खरीदेंगे व उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे भुगतान चेक के माध्यम से किया जाय।
(3) जिनका दूध दुहने के लिए स•अ•का प्रशिक्षण 15से 22 जून तक बी आर सी मे होगा जिसके लिए कुछ भेंसो की व्यवस्था किराए पर की जायेगी प्रत्येक अध्यापक को 15 मिनिट प्रतिदिन प्रशिक्षण दिया जाएगा। एवं रेडिओ सुनाकर ज्यादा दूध प्राप्त करने की तकनिकी पर व्याख्यान होगा।
(4) दूध विद्यालय समय से पहले 2 Smc सदस्यों के सामने दुहा जायेगा। व प्रधान अध्यापक एक कप दूध जांच हेतु अलग रख व बच्चो को वितरित करेगा।
(5) चारा पानी की व्यवस्था प्र•अ• की होगी जो विद्यालय समय के बाद की जायगी व भण्डार गृह की तरह तबेला निर्माण भी किया जावेगा ।।
(6) भैंस के दूध की गुणवत्ता एवं भैंस के स्वास्थ्य की व्यवस्था की जिम्मेदारी प्र•अ• की रहेगी।
(7) भैंस की निगरानी हेतु प्रत्येक ग्राम मे एक भैंस अतिथि मित्र की नियुक्ति होगी जिसका चयन 23 जून तक ग्राम प्रधान करेगा।जिसका मानदेय 1000 रु, नियत है।
(8) भैंस मुर्रा ही हो जो सुक्रवारी बाजार से ख़रीदी जायेगी।
(9) प्रत्येक एन पी आर सी पर एक भैंस रहेगी। जिसमे पुराने कार्यरत आर बी सी अनुभवी cac को प्रभारी बनाया जावेगा ।
(10) प्रत्येक जनशिक्षक को 16 एवं बी आर सी को विशेष शाला व विशेष मात्र में दूध देने वाली 4 भेंसो का माहवार निरीक्षण करना होगा।
(11) भेंस खरीदी पश्चात प्र.अ.ऐंड्रॉयड फोन पर भैंस के साथ सेल्फ़ी फोटो अनिवार्य भेजे ।
(12) जिसकी संख्या व उपयोगी होने की जानकारी मिड डे मील प्राधिकरण को दी जायेगी तत्काल अपने केन्द्रो की जानकारी भेजे ।
(13) किसी भी शिथिलता या लापरवाही की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी एवं भेंस के दूध ना देने पर तत्काल जानकारी अपने वरिष्ठ कार्यलय को दी जायेगी अन्येथा प्रधान अध्यापक की जिम्मेदारी होगी।
(14) विशेष दिवसों में भेंस का श्रृंगार व स्नान महिला अध्यापिकाओ द्वारा कर समस्त स्टाफ के साथ ग्रुप फोटो लेकर नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाए।
(15) प्रतिदिन लंच टाइम में भेंस भ्रमण कार्य अंतर्गत भेंस को गाव का एक फेरा लगवाने की जबाबदारी समस्त स्टाफ की रहेगी जो बारी बारी से प्रतिदिन रजिस्टर में एंट्री कर अपने दिवस अनुसार भेंस को भ्रमण करवाएंगे।
(16) प्रतिवर्ष सबसे ज्यादा दूध देने वाली भेंस और शाला के प्र.अध्यापक को भेंस पालन अवार्ड व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जाएगा।
(17)छुट्टियों में सभी भेंसे brc कार्यालय में निर्मित महातबेला जमा होंगी और सभी पर शाला का dise कोड व प्रभारी का नाम व नंबर अंकित किया जावेगा ताकि भेंस बदल ना जावे एवं उनके रख रखाव हेतु चार भेंस मित्रो को ग्रीष्म अवकाश में brc में महातबेला हेतु नियुक्त किया जाएगा एवं दूध का विक्रय कर राशि brc शाला कोष में जमा की जायेगी।
(18) भैंसो का बीमा होगा व अतिशेष होने पर बिना noc के मनपसंद शाला में जाने की सुविधा दी जायेगी llSll
शिक्षकों को समर्पित नूतन पटेरिया की वाल से साभार
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