दिनदिहाड़े हुई वारदात से इलाके में तनाव
फरीदकोट//लुधियाना: 13 जून 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
लुधियाना में रंजीत सिंह ढडरियांवाले पर हमला,
लुधियाना में रंजीत सिंह ढडरियांवाले पर हमला,
लुधियाना की ही सब्ज़ी मंडी में एक आढ़ती की हत्या।
फिर दमदमी टकसाल के कथावाचक संदीप सिंह पर हमला,
अब फरीदकोट में डेरा प्रेमी को गोली मारी।
पंजाब में हिंसा का तांडव जारी है। गोलियां चलाने वाले पूरी तरह बेख़ौफ़ लगते हैं और निशाना बनने वाले पंजाब के फरीदकोट में आज दिनदिहाड़े कार सवार बदमाशों ने डेरा सच्चा सौदा प्रेमी को गोली मार दी। इससे इलाके में तनाव बना हुआ है। वहीं, गोली लगने से घायल व्यक्ति की हालत गंभीर बनी हुई है। मिली जानकारी के अनुसार यह वारदात सुबह 5:30 बजे के करीब घटित हुयी। गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा के सामने गुरदेव सिंह (45) नामक व्यक्ति की किरयाने की दुकान थी। आज सवेरे जब वह दुकान खोलने आया तो कार सवार बदमाश कोई चीज़ लेने के बहाने वहां रुके और जब उसका ध्यान चीज़ देने की तरफ हुआ तो उसे गोली मारकर फरार हो गए।
पंजाब में हिंसा का तांडव जारी है। गोलियां चलाने वाले पूरी तरह बेख़ौफ़ लगते हैं और निशाना बनने वाले पंजाब के फरीदकोट में आज दिनदिहाड़े कार सवार बदमाशों ने डेरा सच्चा सौदा प्रेमी को गोली मार दी। इससे इलाके में तनाव बना हुआ है। वहीं, गोली लगने से घायल व्यक्ति की हालत गंभीर बनी हुई है। मिली जानकारी के अनुसार यह वारदात सुबह 5:30 बजे के करीब घटित हुयी। गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा के सामने गुरदेव सिंह (45) नामक व्यक्ति की किरयाने की दुकान थी। आज सवेरे जब वह दुकान खोलने आया तो कार सवार बदमाश कोई चीज़ लेने के बहाने वहां रुके और जब उसका ध्यान चीज़ देने की तरफ हुआ तो उसे गोली मारकर फरार हो गए।
गोली गुरदेव के सिर में लगी। गोली चलने की आवाज सुनकर आसपास लोग दौड़े आए तो देखा कि उसकी सांसें चल रही हैं। लोगों ने तुरंत उसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कालेज के डाकटरों ने उसे प्राथमिक इलाज प्रदान करने के बाद प्राथमिक इलाज के बाद उसकी नाज़ुक हालत को देखते हुए उसे डीएमसी हसपताल लुधियाना के लिए रैफर कर दिया। फिलहाल उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। बताया जा रहा है कि गुरदेव सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा का प्रेमी है और जिस गुरुद्वारे के सामने उसकी दुकान है, उससे एक साल पहले जून-2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप चोरी हुए थे।
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