Tue, Dec 1, 2015 at 3:39 PM
आयोजन हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से
डबवाली (सिरसा):1 दिसंबर 2015: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से एनजीओ अपने 10 दिसंबर 2015, दिन वीरवार को सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन करेगा। जिसमें ईएनटी विशेषज्ञ अमनदीप मित्तल नाक, कान तथा गला संबंधी रोगों की जांच करेंगे। एनजीओ की ओर से रोगियों को दवा भी मुफ्त बांटी जाएगी।
एसएमओ एमके भादू तथा अपने के अध्यक्ष मथरा दास चलाना ने बताया कि डबवाली तथा आसपास के क्षेत्र में नाक, कान तथा गला संबंधी रोगियों की तादाद काफी ज्यादा है। लोग बेहतर इलाज के लिए पंजाब तथा राजस्थान के बड़े शहरों का रूख करते हैं। ऐसे में सिविल अस्पताल में मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर लगाने का निर्णय लिया गया है। डॉ. अमनदीप मित्तल ने ईएनटी से संबंधी बीमारियों का जिक्र करते हुए बताया कि अक्सर कान के पर्दे फटे होने तथा कान के भीतर फंगल इंफेक्शन होने के मरीज मिलते हैं। महज जागरूकता के चलते दोनों रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है। कान का पर्दा बचपन में ही फट जाता है। चूंकि अक्सर माताएं अपने बच्चे को लेटकर दूध पिलाती हैं। जिससे दूध कान के पीछे च
ला जाता है। कान का पर्दा फट जाता है। जितनी भी इमरजेंसी हो, माताएं अपने बच्चे को दूध गोद में लिटाकर पिलाएं। उसका मुंह ऊंपर हो, पेट नीचे। ताकि दूध सीधा पेट में जाए। फंगल इंफेक्शन के संबंध में डॉ. मित्तल ने बताया कि कुछ लोगों को तीली से कान खुजाने की लत होती है। ऐसा होने से कान के भीतर घाव हो जाता है। धीरे-धीरे इंफेक्शन होने लगती है। जिससे सुनने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। नाक संबंधी बीमारियों का जिक्र करते हुए चिकित्सक ने बताया कि अक्सर जन्म के समय बच्चे की नाक टेढ़ी हो जाती है। ध्यान न देने के कारण यह बीमारी नासूर बन जाती है। बचपन में ही इसे मेडिसन से ठीक किया जा सकता है। वरना बालिग होने पर ऑपरेशन ही जरिया होता है। बार-बार जुकाम लगने से हृदय पर भी असर पड़ता है। इससे हृदय संबंधी बीमारी हो सकती है। ऐसे कई मामले सामने आते हैं। उन्होंने गले संबंधी बीमारियों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि सर्दी के मौसम में सूखी तथा रेशे वाली खांसी हो जाती है। मामूली जागरूकता से ही इससे बचा जा सकता है।
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