Sunday, August 09, 2015

सफेदपोशी की आड़ में पलते काले कारनामों के अडडे

पुलिस ने पकड़ा दिन में मोबाइल शोरूम, रात में चलता था जुआ घर
लुधियाना: 9 अगस्त 2015: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
अवैध रूप से कमाया पैसा इन्सान  को संवेंदनहीन बनाने के साथ साथ बेरहम भी बना देता है।  इसी पैसे से शुरू होते हैं छोटे मोटे जुर्म और फिर इनकी तारें जुड़ने लगने लगती हैं आतंक और अन्य समाजविरोध सरगर्मियों के साथ। आम तौर पर इन पर हाथ नहीं डाला जाता  पहुँच, रसूख और पैसा बहुत बड़े हथियार होते हैं। अब पुलिस ने जब इन पर अपना शिकंजा कसा तो एक मामला सामने आया गिल चौक स्थित मोबाइल कंपनी के शोरूम का जो शोरूम की आड़ में जुए का अडडा  भी बना हुआ था। जूए के इस अडडे का पर्दाफाश किया है पुलिस ने इन्हें बड़ी योजना से पकड़ने के बाद। पुलिस ने वहां से जुआ खेलते हुए 17 लोगों को भ रंगे हाथों काबू किया। एक तरफ लोग रोटी को तरस्तेहैं और दूसरी तरफ इतना पैसा है कि उसे यूं जूए में उड़ाया जाता है। ये सभी लोग अमीर घरानों से संबंधित बताए जाते हैं। आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 15 लाख रुपए से ज्यादा बरामद किए हैं। आरोपियों की पहचान वरिंदर पाल सिंह, हरविंदर सिंह, केवल कृष्ण, संदीप सिंह, विनोद कुमार, सुखविंदर पाल सिंह, 1सतिंदर सिंह, हरप्रीत सिंह, अमरजीत सिंह, सुनील कुमार शैंटी, सिमरजीत सिंह बजाज, बलजीत सिंह उर्फ हैप्पी और सर्वजीत सिंह व अन्य के रूप में हुई है। इनसे पूछताछ के बाद और भी कई चेहरे सामने आएंगे। 
पत्रकार सम्मेलन में जानकारी देते हुए पुलिस कमिश्नर परमराज सिंह उमरानंगल व डी.सी.पी. नरिंदर भार्गव ने बताया कि इस मामले का मुख्यारोपी शाहजाद गिल है। उसका गिल रोड पर मोबाइल कंपनी का शोरूम है। उन्होंने बताया कि इसी आड़ में ही आरोपी यह धंधा चला रहा था। पुलिस को जब सूचना मिली, तो ए.डी.सी.पी. मुखविंदर सिंह को टीम की कमान सौंपी गई। इस पर रात डेढ़ बजे के करीब वहां छापामारी की और आरोपियों को काबू कर लिया। जुआ घर की सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर लगाए गए थे सी.सी.टी.वी. पुलिस से बचने के लिए आरोपियों ने इस अवैध जुआ घर पर चप्पे-चप्पे पर सी.सी.टी.वी. लगाए थे। जैसे ही पुलिस की मूवमैंट होती, आरोपी सी.सी.टी.वी. पर देख लेते और अपना प्रबंध कर लेते। लोहे के बड़े मज़बूत गेट भी इसी मकसद के लिए लगवाये गए थे। 
सबसे पहले आई.पी.एस. (ट्रेनी) गौरव जिंदल को भेजा
लुधियाना के नव नियुक्त सीपी परमराज उमरानंगल के मुताबिक सी.सी.टी.वी. से अगर आरोपी पुलिस को देख लेते, तो भाग जाते। इसलिए एक योजना तैयार की गई। योजना के मुताबिक आई.पी.एस. ट्रेनी गौरव जिंदल को भेजा गया। सादे कपड़े में गौरव जिंदल अंदर दाखिल हुए। किसी को भी गौरव जिंदल पर शक नहीं हुआ। जैसे ही जुए का खेल शुरू हुआ, तो जिंदल ने बाहर खड़ी पुलिस पार्टी को इशारा कर दिया, जिस पर बाहर खड़ी पुलिस अंदर दाखिल हुई और आरोपियों को काबू कर लिया। पुलिस ने वहां से 4 कारें भी बरामद कीं। पुलिस के इस अंदाज़ से निश्चय ही जुर्म  की दुनिया में कुछ खौफ पैदा होगा और लोगों को राहत भी मिलेगी। 

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