14-सितम्बर-2013 16:20 IST
राष्ट्रपति ने की हिन्दी में शोध को बढ़ावा देने की अपील
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि शिक्षा संस्थानों को हिंदी में साहित्य एवं शोध को बढ़ावा देना होगा। आज नई दिल्ली में हिन्दी दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी आम आदमी की भाषा के रूप में देश की एकता का सूत्र है। उन्होंने कहा कि हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना चाहिए |
श्री मुखर्जी ने कहा कि भाषा का विकास उसके साहित्य पर निर्भर करता है| उन्होंने कहा कि आज के तकनीकी के युग में इंटरनेट के माध्यम से हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किए जाने के प्रयास किए जाने चाहिए और विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी हिंदी में काम को बढ़ावा देना चाहिए| राष्ट्रपतिने कहा ''हम सबका यह प्रयास होना चाहिए कि हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की मान्य भाषा का दर्जा जल्द से जल्द प्राप्त हो |''
इससे पहले केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री रतनजीत प्रताप नारायण सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि जन संपर्क की इस भाषा को सरकारी तंत्र में स्थापित होने में कुछ समय अवश्य लग रहा है, लेकिन वह दिन दूर नहीं जब हिंदी अपने उस इच्छित मुकाम पर पहुंच कर अपना परचम लहराएगी । उन्होंने कहा कि राजभाषा नीतिके क्रियान्वयन से सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों द्वारा संचालित जन कल्याण की विभिन्न योजनाओं की जानकारी आम नागरिकों को हिन्दी में मिलने से गरीब, पिछड़े और कमजोर वर्ग के लोग भी लाभान्वित होते हुए देश की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए हमें भारी भरकम शब्दों का मोह त्याग कर आम बोल-चाल के सहज, सरल शब्दों को अपनाना होगा, जिससे हिंदीतर भाषा-भाषी भी अपनी झिझक छोड़ आसानी से हिंदी का प्रयोग कर सकें ।
इस अवसर पर राष्ट्रपतिने राजभाषा हिंदी के प्रयोग में सर्वश्रेष्ठ प्रगति हासिल करने वाले मंत्रलयों/विभागों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बोर्डों/स्वायत्त निकायों, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों को पुरस्कार स्वरुप राजभाषा शील्ड देकर सम्मानित किया ।
इन्दिरा गांधी मौलिक पुस्तक लेखन श्रेणी में श्री वीरेंद्र कुमार तिवारी की पुस्तक ‘प्राचीन भारतीय स्मारकों का संरक्षण तकनीक एवं प्रविधियाँ’ तथा राजीव गांधी राष्ट्रीय ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन वर्ग में डा निलय खरे एवं श्री श्यामसुंदर शर्मा की पुस्तक ‘आर्कटिक मध्य रात्रि के सूर्य का क्षेत्र’ को प्रथम पुरस्कार प्रदान किए गए। विभाग द्वारा चलाई गई नई योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट लेखों में डा ओम विकास के लेख ‘सूचना प्रौद्योगिकी में नागरी’ हिंदी भाषियों की श्रेणी में तथा श्री हेम कपिल, लक्ष्मी विनोद, महेश एम राव एवं शोभा एस प्रभु को संयुक्त रूप से हिंदीतर भाषियों की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्रदान किए गए |
गृह पत्रिकाओं में भाषाई क्षेत्र ‘क’, ‘ख’ तथा ‘ग’ के अंतर्गत ‘स्पंदन’, ‘प्रयास’, ‘वाणी’ को प्रथम तथा ‘इक्षु’, ‘यूनियन धारा’, ‘सुगंध’ को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किए गए |
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री मुल्लापल्ली रामचन्द्रन और श्री अरुण कुमार जैन, सचिव, राजभाषा विभाग भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
राष्ट्रपति ने की हिन्दी में शोध को बढ़ावा देने की अपील
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि शिक्षा संस्थानों को हिंदी में साहित्य एवं शोध को बढ़ावा देना होगा। आज नई दिल्ली में हिन्दी दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी आम आदमी की भाषा के रूप में देश की एकता का सूत्र है। उन्होंने कहा कि हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना चाहिए |
श्री मुखर्जी ने कहा कि भाषा का विकास उसके साहित्य पर निर्भर करता है| उन्होंने कहा कि आज के तकनीकी के युग में इंटरनेट के माध्यम से हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किए जाने के प्रयास किए जाने चाहिए और विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी हिंदी में काम को बढ़ावा देना चाहिए| राष्ट्रपतिने कहा ''हम सबका यह प्रयास होना चाहिए कि हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की मान्य भाषा का दर्जा जल्द से जल्द प्राप्त हो |''
इससे पहले केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री रतनजीत प्रताप नारायण सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि जन संपर्क की इस भाषा को सरकारी तंत्र में स्थापित होने में कुछ समय अवश्य लग रहा है, लेकिन वह दिन दूर नहीं जब हिंदी अपने उस इच्छित मुकाम पर पहुंच कर अपना परचम लहराएगी । उन्होंने कहा कि राजभाषा नीतिके क्रियान्वयन से सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों द्वारा संचालित जन कल्याण की विभिन्न योजनाओं की जानकारी आम नागरिकों को हिन्दी में मिलने से गरीब, पिछड़े और कमजोर वर्ग के लोग भी लाभान्वित होते हुए देश की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए हमें भारी भरकम शब्दों का मोह त्याग कर आम बोल-चाल के सहज, सरल शब्दों को अपनाना होगा, जिससे हिंदीतर भाषा-भाषी भी अपनी झिझक छोड़ आसानी से हिंदी का प्रयोग कर सकें ।
इस अवसर पर राष्ट्रपतिने राजभाषा हिंदी के प्रयोग में सर्वश्रेष्ठ प्रगति हासिल करने वाले मंत्रलयों/विभागों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बोर्डों/स्वायत्त निकायों, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों को पुरस्कार स्वरुप राजभाषा शील्ड देकर सम्मानित किया ।
इन्दिरा गांधी मौलिक पुस्तक लेखन श्रेणी में श्री वीरेंद्र कुमार तिवारी की पुस्तक ‘प्राचीन भारतीय स्मारकों का संरक्षण तकनीक एवं प्रविधियाँ’ तथा राजीव गांधी राष्ट्रीय ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन वर्ग में डा निलय खरे एवं श्री श्यामसुंदर शर्मा की पुस्तक ‘आर्कटिक मध्य रात्रि के सूर्य का क्षेत्र’ को प्रथम पुरस्कार प्रदान किए गए। विभाग द्वारा चलाई गई नई योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट लेखों में डा ओम विकास के लेख ‘सूचना प्रौद्योगिकी में नागरी’ हिंदी भाषियों की श्रेणी में तथा श्री हेम कपिल, लक्ष्मी विनोद, महेश एम राव एवं शोभा एस प्रभु को संयुक्त रूप से हिंदीतर भाषियों की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्रदान किए गए |
गृह पत्रिकाओं में भाषाई क्षेत्र ‘क’, ‘ख’ तथा ‘ग’ के अंतर्गत ‘स्पंदन’, ‘प्रयास’, ‘वाणी’ को प्रथम तथा ‘इक्षु’, ‘यूनियन धारा’, ‘सुगंध’ को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किए गए |
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री मुल्लापल्ली रामचन्द्रन और श्री अरुण कुमार जैन, सचिव, राजभाषा विभाग भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
समीर/राजीव
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